चूरू. न्याय शास्त्र का एक सिद्धांत है जस्टिस डिले, जस्टिस डिनाइड यानी अगर न्याय में देरी हो तो उसे न्याय से वंचित होना ही माना जाता है. ना केवल न्यायालय, अपितु पुलिस थानों में लंबित मुकदमें लोगों को त्वरित न्याय के सिद्धांत से दूर कर रहे हैं. पुलिस थानों में पेंडिंग मामलों के निस्तारण के लिए राज्य सरकार के आदेश पर पुलिस मुख्यालय ने नई कवायद शुरू की है. अब पढ़े-लिखे सिपाही भी पुलिस थानों में दर्ज मुकदमों का अनुसंधान करेंगे.
बता दें कि इसी के तहत चूरू के 105 सिपाहियों को अनुसंधान अधिकारी बनाने का कार्य शुरू हो गया है. यहां पुलिस लाइन मैदान में 35 सिपाहियों का बेंच बनाकर उन्हें कानून की बारीकियों और हथियारों की ट्रेनिंग दी जा रही है. साथ ही 4 सप्ताह के इस कोर्स को पूरा करने के बाद एक सिपाही भी पुलिस थानों में दर्ज मामलों की इन्वेस्टिगेशन कर सकेंगे. जिससे थानों में पेंडिंग मामलों का जल्द निस्तारण हो सकेगा.
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यह अनुसंधान अधिकारी थाना में दर्ज, चोरी, नकबजनी, मारपीट, झगड़ा, सड़क दुर्घटना संबंधित मामलों का अनुसंधान करेंगे. जिससे इनकी जांच समय पर हो सकेगी. पुलिस लाइन के रिजर्व इंस्पेक्टर ने बताया कि पुलिस महकमे में मुकदमों का अनुसंधान करने के लिए अनुसंधान अधिकारियों की कमी है. जिसको पूरा करने लिए यह ट्रेनिंग दी जा रही है. चूरू के ऐसे 105 सिपाहियों का चयन किया गया है जो ग्रेजुएट होने के साथ ही 15 साल का अनुभव भी रखते हैं.