चूरू. गोरक्षा के नाम पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से दिया गया वक्तव्य आज कहीं ना कहीं चूरु जिले में सही साबित हो रहा है. सरदारशहर की गौशाला में गोसेवा की आड़ में अरबों रुपए की गोचर भूमि के घोटाले की जांच अभी शुरू भी नहीं हुई, उससे पहले ही जिले की कई गौशालाओं में अनियमितताओं का मामला सामने आया है. चूरू जिले में कई गोशालाएं महज सरकारी अनुदान प्राप्त करने के लिए संचालित की जा रही है. जिन गौशालाओं में 200 गोवंश रखने की जगह है.
वहां अनुदान प्राप्त करने के लिए पशु क्रूरता अधिनियम को ठेंगा दिखाते हुए 700-800 गोवंश ठूस-ठूसकर भर दिए जाते हैं. यह बात अलग है कि सरकारी अधिकारियों के निरीक्षण के बाद इन गौशालाओं से गोवंश की संख्या महज 70-80 ही रह जाती है. जिला कलेक्टर संदेश नायक ने भी माना है कि जिले की गौशालाओं में सरकारी अनुदान पाने के लिए अनियमितताएं की जा रही है. जिला गोपालन समिति की बैठक में जिला कलेक्टर ने ऐसी गौशालाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.
उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि औचक निरीक्षण कर ऐसी गौशालाओं के खिलाफ पुलिस थाने में पशु क्रूरता अधिनियम और न्यास भंग में मामला दर्ज करवाया जाए. दरअसल राजगढ़ तहसील के गांव भेसली की गौशाला में निरीक्षण के दौरान भारी अनियमितताएं मिली. चारे पानी के रजिस्टर में घालमेल की गई तो गोवंश की संख्या 700 तक दिखाई गयी, बिना टैग के गोवंश पाए गए. पशुधन के हिसाब से यहां जगह भी नहीं मिली है. पशुओं के साथ क्रूरता का भी मामला यहां सामने आ चुका है. ऐसे में गौशाला संचालन समिति को फिर से कारण बताओ नोटिस जारी कर 7 दिन के अंदर विभाग ने स्पष्टीकरण मांगा है. यदि अब अनियमितता पाई जाती है तो एफ आई आर दर्ज करने के भी निर्देश दिए गए हैं.