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चूरूः अंतिम संस्कार को लेकर दो समाजों के बीच टकराव, एक ने कहा यहां नहीं लगेगी चिता को आग...दूसरा पहुंचा थाना - मेघवाल समाज चूरू

महिला के अंतिम संस्कार को लेकर चूरू में सांसी समाज और मेघवाल समाज के लोगों के बीच जमकर विवाद हो गया. इस पर सांसी समाज के लोगों की ओर से कोतवाली थाना पहुंच कर विरोध जताया गया.

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Published : Oct 19, 2019, 5:06 PM IST

चूरू. शहर में सांसी समाज की एक महिला के अंतिम संस्कार को लेकर दो पक्षों में विवाद हो गया. शहर के वार्ड 45 की गायत्री नगर की अनची देवी की मौत हो गई थी. उसके बाद में उनके परिजनों ने उसका अंतिम संस्कार पंखा सर्किल के पास स्थित मेघवाल समाज मुक्तिधाम में करने की तैयारी कर ली. इस बीच मेघवाल समाज के लोगों की ओर से विरोध करने के कारण से सांसी समाज के लोग कोतवाली थाने पहुंचे. जहां, शहर के सफेद घंटा घर के पास एकत्रित होकर विरोध करने लगे.

दाह संस्कार नहीं करने देने पर दो पक्षों में विवाद

मेघवाल समाज के लोग मेघवाल मुक्तिधाम श्मशान घाट पहुंच गए. इस मामले में डीएसपी शहर सुखविंदर पाल सिंह और कोतवाल नरेश गेरा ने दोनों समाज के लोगों को बैठाकर समझाइश करने की कोशिश की. लेकिन अभी तक दोनों पक्ष इस मामले में डटे हुए हैं.

पढ़ें: सीएम गहलोत ने ईडब्ल्यूएस आरक्षण में दी बड़ी राहत, जमीन की बाध्यता हटाई, अब केवल वार्षिक आय ही पात्रता का आधार

यह कहना है दोनों पक्षों का

सांसी समाज का कहना है कि श्मशान घाट अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आवंटित है. इसलिए इस श्मशान घाट में उन्हें भी अपने समाज के मृतकों का अंतिम संस्कार करने का हक है. जबकि इस मामले में मेघवाल समाज का कहना है कि श्मशान घाट केवल मेघवाल समाज के लिए ही बनाया गया है. इसलिए दूसरी जाति के व्यक्तियों को यहां पर अंतिम संस्कार नहीं करने दिया जाएगा. कोटवाल नरेश गेरा का कहना है कि इस मामले में दोनों पक्षों से बातचीत कर समझाइश की कोशिश की जा रही है. शीघ्र ही मामले का समाधान कर लिया जाएगा.

चूरू. शहर में सांसी समाज की एक महिला के अंतिम संस्कार को लेकर दो पक्षों में विवाद हो गया. शहर के वार्ड 45 की गायत्री नगर की अनची देवी की मौत हो गई थी. उसके बाद में उनके परिजनों ने उसका अंतिम संस्कार पंखा सर्किल के पास स्थित मेघवाल समाज मुक्तिधाम में करने की तैयारी कर ली. इस बीच मेघवाल समाज के लोगों की ओर से विरोध करने के कारण से सांसी समाज के लोग कोतवाली थाने पहुंचे. जहां, शहर के सफेद घंटा घर के पास एकत्रित होकर विरोध करने लगे.

दाह संस्कार नहीं करने देने पर दो पक्षों में विवाद

मेघवाल समाज के लोग मेघवाल मुक्तिधाम श्मशान घाट पहुंच गए. इस मामले में डीएसपी शहर सुखविंदर पाल सिंह और कोतवाल नरेश गेरा ने दोनों समाज के लोगों को बैठाकर समझाइश करने की कोशिश की. लेकिन अभी तक दोनों पक्ष इस मामले में डटे हुए हैं.

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यह कहना है दोनों पक्षों का

सांसी समाज का कहना है कि श्मशान घाट अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आवंटित है. इसलिए इस श्मशान घाट में उन्हें भी अपने समाज के मृतकों का अंतिम संस्कार करने का हक है. जबकि इस मामले में मेघवाल समाज का कहना है कि श्मशान घाट केवल मेघवाल समाज के लिए ही बनाया गया है. इसलिए दूसरी जाति के व्यक्तियों को यहां पर अंतिम संस्कार नहीं करने दिया जाएगा. कोटवाल नरेश गेरा का कहना है कि इस मामले में दोनों पक्षों से बातचीत कर समझाइश की कोशिश की जा रही है. शीघ्र ही मामले का समाधान कर लिया जाएगा.

Intro:चूरू। शहर में सांसी समाज की एक महिला के अंतिम संस्कार को लेकर दो पक्षों में विवाद हो गया। शहर के वार्ड 45 की गायत्री नगर की अनची देवी की मौत हो गई थी। उसके बाद में उनके परिजनों ने उसका अंतिम संस्कार पंखा सर्किल के पास स्थित मेघवाल समाज मुक्तिधाम में करने की तैयारी कर ली।
इस बीच मेघवाल समाज के लोगों की ओर से विरोध करने के कारण से सांसी समाज के लोग कोतवाली थाने पहुंचे उसके बाद में शहर के सफेद घंटाघर के पास एकत्रित होकर विरोध करने लगे। जबकि मेघवाल समाज के लोग मेघवाल मुक्तिधाम श्मशान घाट पहुंच गए। इस मामले में डीएसपी शहर सुखविंदर पाल सिंह और कोतवाल नरेश गेरा ने दोनों समाज के लोगों को बैठाकर समझाइश करने की कोशिश की। लेकिन अभी तक दोनों पक्ष इस मामले में डटे हुए है।


Body:यह कहना है दोनों पक्षों का
सांसी समाज का कहना है कि श्मशान घाट अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आवंटित है इसलिए इस श्मशान घाट में उन्हें भी अपने समाज के मृतकों का अंतिम संस्कार करने का हक है।
जबकि इस मामले में मेघवाल समाज का कहना है कि श्मशान घाट केवल मेघवाल समाज के लिए ही बनाया गया है इसलिए दूसरी जाति के व्यक्तियों को यहां पर अंतिम संस्कार नहीं करने दिया जाएगा।


Conclusion:बाइट: एक: चेनाराम, प्रतिनिधि सांसी समाज
सांसी समाज के प्रतिनिधि चेनाराम का कहना है कि पंखा सर्किल के पास जो श्मशान घाट है वह एससी वर्ग के लिए आवंटित है। इसलिए उन्हें भी यहां पर अपने समाज के मृतकों का अंतिम संस्कार करने का हक है।
बाइट: दो- जगदीश मेघवाल, अध्यक्ष मेघवाल समाज समिति जगदीश मेघवाल का कहना है कि यह शमशान घाट मेघवाल समाज के लिए बना है। उनके पास इसके कागजात भी है। ऐसे में दूसरे समाज के लोगों को यहां पर अंतिम संस्कार नहीं करने दिया जाएगा।
बाइट: तीन- नरेश गेरा, कोतवाली इंचार्ज,
कोटवाल नरेश गेरा का कहना है कि इस मामले में दोनों पक्षों से बातचीत कर समझाईस की कोशिश की जा रही है शीघ्र ही मामले का समाधान कर लिया जाएगा।
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