चूरू. रतनगढ़ थाने के एक एसआई सहित आठ पुलिसकर्मियों को सस्पेंड करने के बाद भी कई ऐसी अनसुलझी बाते हैं, जिनके ऊपर से पर्दा उठना अपराधियों में पुलिस का खौफ बनाएं रखने के लिए बेहद ही जरूरी है. एसआई सहित आठ पुलिसकर्मियों को एक साथ सस्पेंड करने का मामला सस्पेंड करने के दूसरे दिन भी जिले में खासा चर्चा का विषय बना रहा. सस्पेंड हुए पुलिसकर्मियों में कुछ कांस्टेबल तो ऐसे हैं, जिनकी नौकरी तो अभी शुरू ही हुई थी. एसपी तेजस्विनी गौतम के निर्देशानुसार आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है.
जांच अधिकारी सीओ रतनगढ़ प्यारे लाल मीणा ने बताया कि मामले में जांच की जा रही है कि पुलिसकर्मियों की ओर से जानबूझकर मौके पर आरोपियों को छोड़ा गया या कार चालक मौके से भागने में कामयाब रहे. पुलिस के कार नंबरों के आधार पर पूछताछ करने पर व्यक्ति ने कार को करीब पांच माह पहले ही अन्य व्यक्ति को कार बेचना बताया है. ऐसे में वर्तमान कार के मालिक का पता लगाया जा रहा है. पूछताछ के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी की आखिरकार उस 21 जून की रात को हुआ क्या था.
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मालूम हो कि पुलिसकर्मियों की तस्करों के साथ प्रारंभिक जांच में मिलीभगत की बात सामने आई थी. उसके बाद एसपी तेजस्विनी गौतम ने मामले में गंभीरता दिखाते हुए एसआई सहित आठ पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया था. अभी तक मामले में जो बातें और जांच में सामने आया है. उसके मुताबिक 21 जून की रात को नाकाबंदी तोड़कर भागी फॉर्च्यूनर गाड़ी को हाईवे पेट्रोलिंग की टीम ने पीछाकर दबोचा और कार से पुलिस को अफीम और मादक पदार्थ मिले थे.
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घटना के वक्त रतनगढ़ थाने के एसआई की डिओ ड्यूटी थी. लेकिन पुलिस की इस कार्रवाई की सूचना ना ही तो जिले के किसी उच्च अधिकारी को दी गई और ना ही रतनगढ़ थाने में कोई मामला दर्ज करवाया गया. इसी मामले में एसपी ने प्रारंभिक जांच में आठ पुलिसकर्मियों को गुरुवार को सस्पेंड किया था. ऐसे में अब सवाल जो उठ रहे हैं, वह यह कि क्या तस्करों के साथ मिले हुए थे. पुलिस के यह जवान और आरोपियों को मौके से क्या जानबूझकर भगाया गया. इन्हीं सब सवालों के जवाब जानने के लिए जांच की जा रही है.