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बड़ा फैसला : न्यूनतम वेतन नहीं देना पड़ा ठेकेदार को भारी, अब देने पड़ेंगे 5 लाख 87 हजार रुपए...

टोल प्लाजा पर कार्यरत सुरक्षाकर्मी को न्यूनतम वेतन नहीं देना भारी पड़ा है. पीड़ित सुरक्षाकर्मी ने ठेकेदार के मनमानी किए जाने और न्यूनतम मजदूरी नहीं दिए जाने से परेशान होकर जयपुर स्थित न्यूनतम वेतन न्यायालय का दरवाजा खटखटाया तो न्यालय ने पीड़ित के पक्ष में फैसला देते हुए ठेकेदार को 30 दिन के भीतर परिवादी को कुल पांच लाख 87 हजार 199 रुपए देने के निर्देश दिए हैं.

court big decision
कोर्ट का बड़ा फैसला
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Published : Nov 19, 2021, 8:43 PM IST

चूरू. ठेकेदार द्वारा राशि भुगतान नहीं करने पर एनएचएआई को एनएच 52 पर टोल प्लाजा संचालित सालासर हाईवे प्राइवेट लिमिटेड को उक्त राशि अदा करने के आदेश दिए हैं. परिवादी चूरू के वार्ड 38 निवासी उमेद सिंह ने बताया कि वर्ष 2018 से चूरू सालासर हाईवे प्राइवेट लिमिटेड के कैंप कार्यालय में काम कर रहा था.

पढ़ें : Rajasthan corona Effect: सीएम गहलोत ने कोरोना के बढ़ते आंकड़ों पर जताई चिंता, टेस्टिंग और ट्रेसिंग बढ़ाने के निर्देश

उन्होंने बताया कि ठेकेदार की ओर से सरकार की ओर से निर्धारित न्यूनतम वेतन से कम का भुगतान किया जा रहा था. इस संबंध में ठेकेदार को शिकायत करने पर उसने जुलाई 2020 में उसे काम से हटा दिया. इस पर उसने जनवरी 2021 में जयपुर स्थित न्यूनतम वेतन न्यायालय की शरण ली थी.

चूरू. ठेकेदार द्वारा राशि भुगतान नहीं करने पर एनएचएआई को एनएच 52 पर टोल प्लाजा संचालित सालासर हाईवे प्राइवेट लिमिटेड को उक्त राशि अदा करने के आदेश दिए हैं. परिवादी चूरू के वार्ड 38 निवासी उमेद सिंह ने बताया कि वर्ष 2018 से चूरू सालासर हाईवे प्राइवेट लिमिटेड के कैंप कार्यालय में काम कर रहा था.

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उन्होंने बताया कि ठेकेदार की ओर से सरकार की ओर से निर्धारित न्यूनतम वेतन से कम का भुगतान किया जा रहा था. इस संबंध में ठेकेदार को शिकायत करने पर उसने जुलाई 2020 में उसे काम से हटा दिया. इस पर उसने जनवरी 2021 में जयपुर स्थित न्यूनतम वेतन न्यायालय की शरण ली थी.

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