तारानगर (चूरू). मोदी सरकार द्वारा लागू किये गए 3 नये कृषि कानूनों के समर्थन में पूर्व मंत्री और उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ के नेतृत्व में गढ़ कार्यालय के सामने किसान सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमे सैंकड़ों की संख्या में किसान कृषि कानून के समर्थन में पहुंचे. सम्मेलन में भाजपा नेता और पूर्व जिला प्रमुख हरलाल सहारण, महावीर पूनिया, राकेश जांगिड़, ताराचंद कस्वां ने कृषि कानून के समर्थन में किसानों को सम्बोधित किया.
राठौड़ ने तहसील स्तर से आये हुए किसानों को सम्बोधित करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा पारित तीनों कानून किसानों के पक्ष में है. बिचैलियों का समाप्त करने के कारण सबसे ज्यादा उन बिचैलियों को दुःख हो रहा है, जो किसानों की फसलों को औने-पौने दामों पर खरीदा करते थे, लेकिन अब किसान अपनी फसल बेचने के लिये स्वतंत्र है.
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राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस पार्टी आढतीयों की दलाल है, उन्होने आज तक कभी भी किसान हित में फैसला नहीं लिया, जो प्रधानमंत्री हर साल किसानों के खातों में सीधे 6 हजार रुपये डालता है, वो किसानों का विरोधी कैसे हो सकता है. प्रधानमंत्री द्वारा किसान दिवस पर 18 हजार करोड़ रुपये उनके खातो में डालने की बात कही. किसान अब जाग चुका है, जो विरोध कर रहे हैं वो कांग्रेस सरकार के दलाल हैं.
राठौड़ ने कहा कि राजस्थान सरकार वेंटिलेटर पर चल रही है. आने वाले विधानसभा चुनावों के बाद कांग्रेस के पास एक मिनीबस में बैठने लायक भी विधायक नहीं बचेगें. राठौड़ ने कांग्रेस पर प्रहार करते हुए कहा कि गहलोत सरकार हमेशा किसान विरोधी रही है, जो जयपुर और दिल्ली के चक्कर लगाते रहते हैं. किसानो के हित की कभी बात नहीं करते है. गहलोत सरकार ने राजस्थान में बिजली और पट्रोल-डिजल के दाम बढ़ाकर किसानों के हितो पर कुठाराघात किया है.
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राजेंद्र राठौड़ के सम्बोधन के बीच ही 50 के करीब कांग्रेस कार्यकर्ता हाथों में कृषि कानून के विरोध में लिखी तख्तियां लेकर मोदी सरकार के विरुद्ध नारेबाजी करते हुए सभा के बीच पहुंच गए. एक समय तो बुरी तरह टकराव की स्थितियां बन गयी और दोनों पक्षों के बीच बड़ा विवाद हो सकता था. ऐसे में राठौड़ ने अपने कार्यकर्ताओं को सख्ती से शान्त रहने की हिदायत दी और विवाद की स्थिति को टाला.
वहीं, पुलिस-प्रशासन ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को सभा स्थल से खदेड़ना पड़ा. स्थिति शांत होने के बाद राठौड़ ने इसे कांग्रेस की गुंडागर्दी बताया. थानेदार पर निशाना साधते हुए कहा थानाधिकारी ने जानबूझकर मीटिंग में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को आने दिया. इस घटना से भाजपा कार्यकर्ताओं में रोष व्याप्त हो गया. राठौड़ ने बताया की केंद्र सरकार द्वारा पारित तीनों कृषि कानून किसान हित में हैं. किसानों को इससे किसी तरह का कोई नुकसान नहीं है.