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नो टू सिंगल यूज प्लास्टिकः गोवंश की सुरक्षा के लिए इस संस्थान का सराहनीय प्रयास, बांटे 30 हजार कपड़े के थैले

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Published : Jan 13, 2020, 8:10 PM IST

चूरू के सालासर बालाजी गोशाला संस्थान की ओर से शहर को सिंगल यूज पॉलीथिन मुक्त बनाने के लिए एक अभियान चालाया जा रहा है. जिसके तहत पिछले 9 महीने में कस्बे के दुकानदारों को 30 हजार से ज्यादा कपड़े के थैले बांटे जा चुके है. देखें ईटीवी भारत की रिपोर्ट...

सालासर में गोशाला संस्थान ने बांटे थैले, Goshala Institute distributed bags in Salasar
गोशाला संस्थान ने बांटे कपड़े के थैले

चूरू. प्रदेश में हजारों गोवंशों की मौत हर साल पॉलीथिन खाने से होती है. पॉलिथीन खाने से गायों को कई खतरनाक बिमारियां भी हो रही है. देश और प्रदेश की सरकारें भी पॉलीथिन पर रोक लगाने के लिए प्रयास कर रही है. ऐसे में चूरू के सालासर बालजी गोशाला संस्थान की ओर से भी सिंगल यूज पॉलीथिन के खिलाफ अभियान छेड़ा गया है.

गोशाला संस्थान ने बांटे कपड़े के थैले

सालासर की बालाजी गोशाला संस्थान की ओर से पिछले 9 महीने में कस्बे में 30 हजार से ज्यादा कपड़े के थैले दुकानदारों को बांटे जा चुके है. जिससे की कस्बा पॉलीथिन मुक्त हो सके और किसी गाय की पॉलीथिन थैली खाने से मौत हो ना हो.

ये पढ़ेंः स्पेशल: नागौर में स्थित चबूतरा जहां से नेहरू ने की थी पंचायती राज की व्यवस्था की घोषणा

हनुमान जयंती से शुरू हुआ पॉलीथिन मुक्त अभियान

सालासर की बालाजी गोशाला संस्थान ने अप्रैल 2018 में हनुमान जयंती से पॉलिथीन मुक्त अभियान शुरू किया था. गोशाला का मकसद है कि गायें पॉलिथीन खाकर मौत की शिकार ना हो. साथ ही सालासर पॉलीथिन मुक्त हो सके. जिससे कि पर्यावरण शुद्ध हो और कस्बा साफ सुथरा हो सके.

गाय के पेट से निकला था 50 किलो पॉलीथिन

कुछ साल पहले ही एक गाय के पेट से गोशाला के हॉस्पिटल में ही ऑपरेशन कर 50 किलो पॉलीथिन निकाला गया था. इसके साथ ही उस गाय के पेट में से एक जींस की पैंट, लोहे की किलें और के तार निकाले गऐ थे. जिसके बाद से ही गोशाला ने पॉलीथिन के खिलाफ मुहिम शुरू कर दी.

ये पढ़ेंः 2 साल से इलाज को तरस रहा है गुलेरिया का 'राजूराम', बूढ़ी मां ने कहा- हमारी भी सुन लो सरकार

अत्याधुनिक तकनीक से बना है हॉस्पिटल

सालासर स्थित इस गोशाला परिसर में ही एक हाईटेक हॉस्पिटल है. जहां बीमार और घायल गोवंश का इलाज किया जाता है. इस अस्पताल में एक्सरे, मॉर्डन ऑपरेशन थियेटर और हाईटेक एम्बुलेंस की सुविधा भी है. गोशाला के हॉस्पिटल में आपातकालीन सुविधा भी है. इस काम के लिए गोशाला प्रबंधन को कई संस्थान सम्मानित भी कर चुके है.

अपने अभियान को लेकर गोशाला संस्थान के अध्यक्ष रविशंकर पुजारी ने ईटीवी भारत के संवाददाता से बताया कि पॉलीथिन की थैलियां खाने से गोवंश मौत का शिकार हो रहा था. गायें बीमार हो रही थी. इसलिए अभियान चलाकर सालासर के दुकानदारों को 30 हजार कपड़े के थैले बांटे जा चुके हैं. गाय को बचाने के लिए अभियान जारी रहेगा. साथ ही सालासर बालाजी के दर्शन के लिए देश के कई इलाकों से साल भर में लाखों श्रद्धालु आते है. इस लिए भी शहर में साफ सुथरा रखने के लिए पॉलीथिन मुक्त अभियान शुरू किया गया है.

चूरू. प्रदेश में हजारों गोवंशों की मौत हर साल पॉलीथिन खाने से होती है. पॉलिथीन खाने से गायों को कई खतरनाक बिमारियां भी हो रही है. देश और प्रदेश की सरकारें भी पॉलीथिन पर रोक लगाने के लिए प्रयास कर रही है. ऐसे में चूरू के सालासर बालजी गोशाला संस्थान की ओर से भी सिंगल यूज पॉलीथिन के खिलाफ अभियान छेड़ा गया है.

गोशाला संस्थान ने बांटे कपड़े के थैले

सालासर की बालाजी गोशाला संस्थान की ओर से पिछले 9 महीने में कस्बे में 30 हजार से ज्यादा कपड़े के थैले दुकानदारों को बांटे जा चुके है. जिससे की कस्बा पॉलीथिन मुक्त हो सके और किसी गाय की पॉलीथिन थैली खाने से मौत हो ना हो.

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हनुमान जयंती से शुरू हुआ पॉलीथिन मुक्त अभियान

सालासर की बालाजी गोशाला संस्थान ने अप्रैल 2018 में हनुमान जयंती से पॉलिथीन मुक्त अभियान शुरू किया था. गोशाला का मकसद है कि गायें पॉलिथीन खाकर मौत की शिकार ना हो. साथ ही सालासर पॉलीथिन मुक्त हो सके. जिससे कि पर्यावरण शुद्ध हो और कस्बा साफ सुथरा हो सके.

गाय के पेट से निकला था 50 किलो पॉलीथिन

कुछ साल पहले ही एक गाय के पेट से गोशाला के हॉस्पिटल में ही ऑपरेशन कर 50 किलो पॉलीथिन निकाला गया था. इसके साथ ही उस गाय के पेट में से एक जींस की पैंट, लोहे की किलें और के तार निकाले गऐ थे. जिसके बाद से ही गोशाला ने पॉलीथिन के खिलाफ मुहिम शुरू कर दी.

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अत्याधुनिक तकनीक से बना है हॉस्पिटल

सालासर स्थित इस गोशाला परिसर में ही एक हाईटेक हॉस्पिटल है. जहां बीमार और घायल गोवंश का इलाज किया जाता है. इस अस्पताल में एक्सरे, मॉर्डन ऑपरेशन थियेटर और हाईटेक एम्बुलेंस की सुविधा भी है. गोशाला के हॉस्पिटल में आपातकालीन सुविधा भी है. इस काम के लिए गोशाला प्रबंधन को कई संस्थान सम्मानित भी कर चुके है.

अपने अभियान को लेकर गोशाला संस्थान के अध्यक्ष रविशंकर पुजारी ने ईटीवी भारत के संवाददाता से बताया कि पॉलीथिन की थैलियां खाने से गोवंश मौत का शिकार हो रहा था. गायें बीमार हो रही थी. इसलिए अभियान चलाकर सालासर के दुकानदारों को 30 हजार कपड़े के थैले बांटे जा चुके हैं. गाय को बचाने के लिए अभियान जारी रहेगा. साथ ही सालासर बालाजी के दर्शन के लिए देश के कई इलाकों से साल भर में लाखों श्रद्धालु आते है. इस लिए भी शहर में साफ सुथरा रखने के लिए पॉलीथिन मुक्त अभियान शुरू किया गया है.

Intro:चूरू। प्रदेश में हजारों गोवंश की मौत हर साल पॉलीथिन खाने से होती है। पॉलीथिन खाने से ही हजारों गोवंश कई बीमारियों का शिकार हो जाते है। देश और प्रदेश की सरकारें भी पॉलीथिन पर रोक लगाने के लिए प्रयास कर रही है। हम आप को चूरू के सालासर की ऐसी गोशाला से रूबरू करवाते है जिसने पॉलीथिन के खिलाफ अभियान छेड़ रखा है।
सालासर की बालाजी गोशाला संस्थान की ओर से पिछले नो महीने में कस्बे में 30 हजार से ज्यादा कपड़े के थैले दुकानदारों को बांटे जा चुके है तांकि कस्बा पॉलीथिन मुक्त हो। किसी गाय की पॉलीथिन थैली खाने से ना मौत हो और ना बीमार हो। बीमार गायों के इलाज के लिए इस गोशाला में एक हाईटेक हॉस्पिटल भी है, जहां बीमार गायों का इलाज किया जाता है।


Body:: हनुमान जयंती से शुरू हुआ पॉलीथिन मुक्त अभियान
सालासर की बालाजी गोशाला संस्थान ने अप्रैल में हनुमान जयंती से पॉलिथीन मुक्त अभियान शुरू किया था। गोशाला का मकसद है कि गाय पॉलिथीन खाकर मौत की शिकार ना हो, सालासर पॉलीथिन मुक्त हो, पर्यावरण शुद्ध हो और कस्बा साफ सुथरा रहे।
: गोशाला के हॉस्पिटल में गाय के पेट से निकाली थी 50 किलो पॉलीथिन
बालाजी गोशाला संस्थान का गोशाला परिसर में ही एक हाईटेक हॉस्पिटल भी है। यहां बीमार और घायल गोवंश का इलाज किया जाता है। कुछ साल पहले ही एक गाय के पेट से गोशाला के हॉस्पिटल में ही ऑपरेशन कर 50 किलो पॉलीथिन व लोहे की किलें निकाली गई थी। इसके बाद गोशाला ने पॉलीथिन के खिलाफ मुहिम शुरू कर दी।
गोशाला के हॉस्पिटल में एक्सरे, मॉर्डन ऑपरेशन थियेटर और हाईटेक एम्बुलेंस की सुविधा भी है। गोशाला के हॉस्पिटल में आपातकालीन सुविधा भी है। इस काम के लिए गोशाला प्रबंधन को कई संस्थान सम्मानित भी कर चुके है।



Conclusion:बाइट: रविशंकर पुजारी, अध्यक्ष, बालाजी गोशाला संस्थान, सालासर, चूरू।
पॉलीथिन की थैलियां खाने से गोवंश मौत का शिकार हो रहा था। गायें बीमार हो रही थी। इसलिए अभियान चलाकर सालासर के दुकानदारों को 30 हजार कपड़े के थैले बांटे जा चुके हैं। गाय को बचाने के लिए अभियान जारी रहेगा।
देश के कई इलाकों से साल भर में लाखों श्रद्धालु आते है। शहर में साफ सुथरा रहे इसके लिए अप्रैल से पॉलीथिन मुक्त अभियान शुरू कर रखा है।
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