चूरू. दो वक्त की रोटी कमाने विदेश गए चूरू जिले के चार युवकों को आज निवाले के भी लाले पड़ रहे हैं. शहर के अगुणा मोहल्ले के खुशी मोहम्मद,गांव हामुसर के वजीर खान, गांव महलाना के रणवीर सिंह और गांव मोडावासी के अनीश खान उन 28 भारतीयों में से एक हैं, जो सऊदी अरब की मनवा कंपनी में कमाने गए थे, लेकिन आज वहां अपनी जिंदगी के सबसे बुरे वक्त से दो-चार हो रहे हैं. जिले के अगुणा मोहल्ले का खुशी मोहम्मद जहां विदेश में भुखमरी के साथ बीमारी से जूझ रहा है. वहीं उसके परिवार की माली हालत भी अब कमजोर हो चली है.
बता दें कि खुशी के 68 साल के बुजुर्ग पिता नत्थू खां इस उम्र में मजदूरी नहीं कर सकते, इसलिए घर-घर जाकर गाय का दूध दुह कर किसी तरह अपने परिवार का पालन पोषण कर रहे हैं. वहीं नत्थू खां की पत्नी सहीदन अपनी दो बहुओं के साथ पिछले 6 महीने से बूंदी बंधेज का कार्य करके खुशी मोहम्मद के बच्चों की पढ़ाई की फीस चुका रही है. आर्थिक तंगी से जूझ रहे खुशी मोहम्मद के परिवारजनों ने मदद की गुहार लगाई है, हालांकि चूरू शहर के कुछ युवाओं ने व्हाट्सएप ग्रुप मिशन रियाद टू इंडिया बनाकर विदेश में फंसे चारों युवकों की वतन वापसी के प्रयास कर रहे हैं.
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बता दें कि खुशी मोहम्मद, वजीर खान, रणवीर सिंह तथा अनीश खान सऊदी अरब की कंपनी में मजदूरी के लिए गए थे. लेकिन, पिछले 6 महीना से इन लोगों की हालत दयनीय है. इन लोगों को कंपनी ने न तो तनख्वाह दी और ना ही खाना. इन चार भारतीयों को एक कमरे में अपनी जिंदगी बसर करनी पड़ रही है. इनका मेडिकल कार्ड और हकमा भी एक्सपायर हो चुका है. वतन वापसी की उम्मीद लगाए बैठे इन लोगों को खाना भी मांग कर खाना पड़ रहा है और यहां परिवार वालों का हाल बेहाल है.