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चूरू का सरकारी अस्पताल बनेगा 'आत्मनिर्भर', हवा से हर रोज तैयार होंगे ऑक्सीजन के 90 सिलेंडर

चूरू जिले का सबसे बड़ा राजकीय भरतिया अस्पताल अब आत्मनिर्भर बनने जा रहा है. यहां कुछ दिनों बाद ही ऑक्सीजन बनाने वाले प्लांट का काम पूरा होने जा रहा है. अत्याधुनिक ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट शुरू होने के बाद हर दिन 5.85 लाख लीटर ऑक्सीजन का उत्पादन होगा. ऐसे में कोरोना के गंभीर मरीजों को काफी राहत मिलेगी.

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Published : Nov 10, 2020, 7:51 PM IST

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चूरू जिले का सबसे बड़ा राजकीय भरतिया अस्पताल बनेगा आत्मनिर्भर.

चूरू. चूरू जिले का सबसे बड़ा राजकीय भरतिया अस्पताल अब आत्मनिर्भर बनने जा रहा है. अब तक जिला अस्पताल में हर रोज दो बार झुंझुनूं से जो ऑक्सीजन सिलेंडर मंगवाए जा थे, लेकिन अब यहां अगले कुछ ही दिनों में हवा से ऑक्सीजन बनाने काम शुरू हो जाएगा. कुछ दिनों बाद ही ऑक्सीजन बनाने वाले प्लांट का काम पूरा होने जा रहा है. अत्याधुनिक ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट शुरू होने के बाद हर दिन 5.85 लाख लीटर ऑक्सीजन का उत्पादन होगा. ऐसे में कोरोना के गंभीर मरीजों को काफी राहत मिलेगी. जैसा कि कोरोना महामारी के इस दौरान में गंभीर मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती है. इसी के चलते ऑक्सीजन सिलेंडरों की खपत भी बढ़ी है.

अत्याधुनिक ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट शुरू होने के बाद हर दिन 5.85 लाख लीटर ऑक्सीजन का उत्पादन होगा.

यह भी पढ़ें: Special : काम छोटा, हौसला बड़ा...फुटपाथ पर लिख डाली 'रोशनी' की नई इबारत

जिला अस्पताल अधीक्षक डॉक्टर एफ एच गौरी ने बताया कि कोरोना से पहले हर रोज 9 सिलेंडर की खपत होती थी, लेकिन अब रोजाना 50 सिलेंडरों की खपत हो रही है. अच्छी बात है कि प्लांट शुरू होने के बाद 3.25 लाख लीटर की खपत होने के बाद भी 2.60 लाख लीटर ऑक्सीजन का हर दिन स्टॉक रहेगा। उन्होंने बताया कि ऑक्सीजन प्लांट शुरू होने के बाद अस्पताल में भर्ती गंभीर कोरोना मरीजों को बेड पर 24 घंटे हाईफ्लो ऑक्सीजन मिल सकेगी. इस प्लांट का काम शुरू हो चुका है, जो 27 नवंबर तक पूरा होने की संभावना है. गोवा की इस एजेंसी को 15 से 20 दिनों में प्लांट तैयार करने का टारगेट दिया गया. यह प्लांट करीब 65 लाख रुपये की लागत से तैयार होगा.

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ऑक्सीजन बनाने वाले प्लांट का काम कुछ दिनों में होगा पूरा.

यह भी पढ़ें: कोटा नगर निगम में चला कांग्रेस का 'जादू'...दक्षिण में भी राजीव अग्रवाल 2 वोट से जीते

इस तरह तैयार होगी प्लांट में ऑक्सीजन...

प्राकृतिक हवा में लगभग 21% ऑक्सीजन 78% नाइट्रोजन 1% अन्य गैस है. शुद्ध ऑक्सीजन को इकट्ठा करने के लिए एक विशेष तकनीक को वायुमंडल से ऑक्सीजन को अलग करने के लिए तैनात किया जाता है. जिसमें वायुमंडलीय वायु का सेपरेशन और डिस्टिलेशन होता है.

चूरू. चूरू जिले का सबसे बड़ा राजकीय भरतिया अस्पताल अब आत्मनिर्भर बनने जा रहा है. अब तक जिला अस्पताल में हर रोज दो बार झुंझुनूं से जो ऑक्सीजन सिलेंडर मंगवाए जा थे, लेकिन अब यहां अगले कुछ ही दिनों में हवा से ऑक्सीजन बनाने काम शुरू हो जाएगा. कुछ दिनों बाद ही ऑक्सीजन बनाने वाले प्लांट का काम पूरा होने जा रहा है. अत्याधुनिक ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट शुरू होने के बाद हर दिन 5.85 लाख लीटर ऑक्सीजन का उत्पादन होगा. ऐसे में कोरोना के गंभीर मरीजों को काफी राहत मिलेगी. जैसा कि कोरोना महामारी के इस दौरान में गंभीर मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती है. इसी के चलते ऑक्सीजन सिलेंडरों की खपत भी बढ़ी है.

अत्याधुनिक ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट शुरू होने के बाद हर दिन 5.85 लाख लीटर ऑक्सीजन का उत्पादन होगा.

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जिला अस्पताल अधीक्षक डॉक्टर एफ एच गौरी ने बताया कि कोरोना से पहले हर रोज 9 सिलेंडर की खपत होती थी, लेकिन अब रोजाना 50 सिलेंडरों की खपत हो रही है. अच्छी बात है कि प्लांट शुरू होने के बाद 3.25 लाख लीटर की खपत होने के बाद भी 2.60 लाख लीटर ऑक्सीजन का हर दिन स्टॉक रहेगा। उन्होंने बताया कि ऑक्सीजन प्लांट शुरू होने के बाद अस्पताल में भर्ती गंभीर कोरोना मरीजों को बेड पर 24 घंटे हाईफ्लो ऑक्सीजन मिल सकेगी. इस प्लांट का काम शुरू हो चुका है, जो 27 नवंबर तक पूरा होने की संभावना है. गोवा की इस एजेंसी को 15 से 20 दिनों में प्लांट तैयार करने का टारगेट दिया गया. यह प्लांट करीब 65 लाख रुपये की लागत से तैयार होगा.

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ऑक्सीजन बनाने वाले प्लांट का काम कुछ दिनों में होगा पूरा.

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इस तरह तैयार होगी प्लांट में ऑक्सीजन...

प्राकृतिक हवा में लगभग 21% ऑक्सीजन 78% नाइट्रोजन 1% अन्य गैस है. शुद्ध ऑक्सीजन को इकट्ठा करने के लिए एक विशेष तकनीक को वायुमंडल से ऑक्सीजन को अलग करने के लिए तैनात किया जाता है. जिसमें वायुमंडलीय वायु का सेपरेशन और डिस्टिलेशन होता है.

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