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Chemist suicide case in Churu: केमिस्ट त्महत्या प्रकरण में आया नया मोड़, पूर्व विधायक सहित 19 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज - Churu chemist left note before committing suicide

चूरू के तारानगर में एक केमिस्ट की आत्महत्या मामले में एक पूर्व विधायक सहित 19 लोगों के लिखाफ आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का मामला दर्ज हुआ है. केमिस्ट ने आत्महत्या करने से पूर्व जिला पुलिस अधीक्षक चूरू को सुसाइड नोट (Churu chemist left note before committing suicide) के माध्यम से परिवाद पेश कर एक पूर्व विधायक सहित कई लोगों पर उधारी का लाखों रुपए नहीं देने और इसके चलते मानसिक दबाव में आकर आत्महत्या करना बताया है.

Chemist suicide case in Churu
चूरू के तारानगर में केमिस्ट की आत्महत्या का मामला
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Published : Apr 7, 2022, 11:14 PM IST

चूरू. तारानगर कस्बे में हाल ही में सामने आए एक केमिस्ट के आत्महत्या प्रकरण में गुरुवार को नया मोड़ आया है. केमिस्ट ने आत्महत्या करने से पूर्व जिला पुलिस अधीक्षक चूरू को सुसाइड नोट के माध्यम से परिवाद पेश कर एक पूर्व विधायक सहित कई लोगों पर उनका उधारी का लाखों रुपए नहीं देने के कारण मानसिक दबाव में आकर आत्महत्या करना बताया है. जिला पुलिस अधीक्षक चूरू व पुलिस उप अधीक्षक तारानगर के आदेश पर तारानगर पुलिस ने पूर्व विधायक सहित 19 लोगों के खिलाफ आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी (Case registered in Churu chemist suicide case) है.

थाना अधिकारी गोविंदराम विश्नोई ने बताया कि तारानगर कस्बे के वार्ड 10 निवासी केमिस्ट महेश चाचाण ने गत 4 अप्रैल को अपने घर के पास स्थित बाड़े में बने कुंड में कूदकर आत्महत्या कर ली थी. आत्महत्या से पूर्व केमिस्ट महेश चाचाण ने जिला पुलिस अधीक्षक चूरू डी आनंद को परिवाद पेश कर बताया कि बैंक ऑफ बड़ौदा के बैंक मैनेजर मनोहर गहलोत ने तीन- चार साल पहले महेश को मोटी कमाई करने के इरादे से एक कंपनी में साझेदार बनने को कहा था. इस पर महेश ने अपने मनोहर गहलोत को 10 लाख रुपए दे दिए. रुपए देने के बाद मनोहर ने एक मास्टर से 2 बिटकॉइन खरीद कर महेश के बेटे को अपनी लेग में सदस्य बना दिया. कई दिनों तक कंपनी का काम चला.

पढ़ें: Suicide case in Alwar: 27 वर्षीय युवक ने की आत्महत्या, दो साल पहले हुई थी शादी

जब महेश ने मनोहर से अपने बिटकॉइन वापस दिलाने के लिए कहा, तो उसने कहा कि वह उसे लाभ का चैक दिला देगा. मनोहर ने महेश को 5 लाख का चेक दिया, जो बाउंस हो गया. जब महेश ने मनोहर से चैक बाउंस की बात कही, तो उसने रुपए नहीं होने और केस कर देने को कहा. महेश ने इसके खिलाफ केस किया, लेकिन कुछ नहीं हुआ. इसके बाद इसने मूल बिटकॉइन मांगने पर उसे कहा गया कि कंपनी बंद हो गई है. महेश ने परिवाद में मनोहर से अपने दो बिटकॉइन दिलवाने या बिटकॉइन की राशि दिलवाने की मांग की थी. महेश ने बताया था कि वह अन्य लोगों से लाखों रुपए मांगता है, जो उन्हें नहीं दे रहे हैं.

पढ़ें: Student Commits Suicide: मानसिक तनाव में 13 वर्षीय छात्रा ने की आत्महत्या, कविता से बयां किया दर्द

महेश ने परिवाद में बताया कि वह 12.50 लाख चेतन सिंधी, 17.50 लाख संजय चेतवानी, 16.88 लाख मनीष अग्रवाल, 4.28 लाख सुनील सिंधी, 3.33 लाख राकेश शर्मा, 4.97 लाख पूर्व विधायक डॉक्टर चंद्रशेखर बैद, 4.75 लाख राजकुमार डागा व राजकुमार शर्मा, 9.68 लाख सुमेर सैनी व तिलक शर्मा, 7.25 लाख महेश मंत्री, 6. 14 लाख युवराज सिंह, 2.70 लाख श्रीनाथ, 68 हजार सुमेरसिंह बैद, 77 हजार कुलदीप सिंह, 1.15 लाख हार्दिक एजेंसी, 13. 50 लाख सुशील जोड़ीवाला, 70 हजार राजकुमार भगत से मांगता है. ये लोग पैसे वापस नहीं कर रहे हैं. महेश ने परिवाद में बताया कि शाखा प्रबंधक व अन्य लोग उसके रुपए वापस नहीं दे रहे हैं, इस कारण मानसिक दबाव में आकर वह आत्महत्या का कदम उठाने को मजबूर है. पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

चूरू. तारानगर कस्बे में हाल ही में सामने आए एक केमिस्ट के आत्महत्या प्रकरण में गुरुवार को नया मोड़ आया है. केमिस्ट ने आत्महत्या करने से पूर्व जिला पुलिस अधीक्षक चूरू को सुसाइड नोट के माध्यम से परिवाद पेश कर एक पूर्व विधायक सहित कई लोगों पर उनका उधारी का लाखों रुपए नहीं देने के कारण मानसिक दबाव में आकर आत्महत्या करना बताया है. जिला पुलिस अधीक्षक चूरू व पुलिस उप अधीक्षक तारानगर के आदेश पर तारानगर पुलिस ने पूर्व विधायक सहित 19 लोगों के खिलाफ आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी (Case registered in Churu chemist suicide case) है.

थाना अधिकारी गोविंदराम विश्नोई ने बताया कि तारानगर कस्बे के वार्ड 10 निवासी केमिस्ट महेश चाचाण ने गत 4 अप्रैल को अपने घर के पास स्थित बाड़े में बने कुंड में कूदकर आत्महत्या कर ली थी. आत्महत्या से पूर्व केमिस्ट महेश चाचाण ने जिला पुलिस अधीक्षक चूरू डी आनंद को परिवाद पेश कर बताया कि बैंक ऑफ बड़ौदा के बैंक मैनेजर मनोहर गहलोत ने तीन- चार साल पहले महेश को मोटी कमाई करने के इरादे से एक कंपनी में साझेदार बनने को कहा था. इस पर महेश ने अपने मनोहर गहलोत को 10 लाख रुपए दे दिए. रुपए देने के बाद मनोहर ने एक मास्टर से 2 बिटकॉइन खरीद कर महेश के बेटे को अपनी लेग में सदस्य बना दिया. कई दिनों तक कंपनी का काम चला.

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जब महेश ने मनोहर से अपने बिटकॉइन वापस दिलाने के लिए कहा, तो उसने कहा कि वह उसे लाभ का चैक दिला देगा. मनोहर ने महेश को 5 लाख का चेक दिया, जो बाउंस हो गया. जब महेश ने मनोहर से चैक बाउंस की बात कही, तो उसने रुपए नहीं होने और केस कर देने को कहा. महेश ने इसके खिलाफ केस किया, लेकिन कुछ नहीं हुआ. इसके बाद इसने मूल बिटकॉइन मांगने पर उसे कहा गया कि कंपनी बंद हो गई है. महेश ने परिवाद में मनोहर से अपने दो बिटकॉइन दिलवाने या बिटकॉइन की राशि दिलवाने की मांग की थी. महेश ने बताया था कि वह अन्य लोगों से लाखों रुपए मांगता है, जो उन्हें नहीं दे रहे हैं.

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महेश ने परिवाद में बताया कि वह 12.50 लाख चेतन सिंधी, 17.50 लाख संजय चेतवानी, 16.88 लाख मनीष अग्रवाल, 4.28 लाख सुनील सिंधी, 3.33 लाख राकेश शर्मा, 4.97 लाख पूर्व विधायक डॉक्टर चंद्रशेखर बैद, 4.75 लाख राजकुमार डागा व राजकुमार शर्मा, 9.68 लाख सुमेर सैनी व तिलक शर्मा, 7.25 लाख महेश मंत्री, 6. 14 लाख युवराज सिंह, 2.70 लाख श्रीनाथ, 68 हजार सुमेरसिंह बैद, 77 हजार कुलदीप सिंह, 1.15 लाख हार्दिक एजेंसी, 13. 50 लाख सुशील जोड़ीवाला, 70 हजार राजकुमार भगत से मांगता है. ये लोग पैसे वापस नहीं कर रहे हैं. महेश ने परिवाद में बताया कि शाखा प्रबंधक व अन्य लोग उसके रुपए वापस नहीं दे रहे हैं, इस कारण मानसिक दबाव में आकर वह आत्महत्या का कदम उठाने को मजबूर है. पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

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