तारानगर (चूरू). जिले में भाजपा पदाधिकारियों की ओर से सोमवार को भाजपा नेताओं के खिलाफ दर्ज मुकदमा पर विरोध जताते हुए ज्ञापन सौंपा. इसके साथ ही मुकदमा वापस नहीं लेने पर उग्र आंदोलन करने की बात कही. दरअसल, एसएचओ आत्महत्या मामले में लॉकडाउन की पालना नहीं करने को लेकर भाजपा नेताओं पर मुकदमा दर्ज किया गया था, इनमें उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ भी शामिल थे.
बता दें कि 23 मई को सादुलपुर थानाधिकारी विष्णुदत्त बिश्नोई की संदेहास्पद स्थिति में मृत्यु की खबर मिलते ही थाने पर लोगों की भीड़ इकट्ठी हो गई थी. इस दौरान भाजपा के प्रमुख नेता प्रशासन की मदद, शांति व्यवस्था बनाने और पीड़ित परिवार को सम्बल देने सादुलपुर पहुंचे थे. भाजपा कार्यकर्ताओं का कहना हैं कि अगर भाजपा नेता वहां नहीं पहुंचते तो संदेहास्पद आत्महत्या के विरोध में आक्रोशित भीड़ की ओर से कुछ भी आंदोलनात्मक कार्रवाई होने की संभावना थी. इस तरह की कोई घटना ना हो, इसे रोकने के लिए भाजपा नेता वहां पहुंचे थे.
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इसके बाद भाजपा पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को 29 मई को इस बारे में पता चला कि भाजपा के उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, जिला प्रमुख हरलाल सहारण, पूर्व जिलाध्यक्ष वासुदेव चावला, नोखा विधायक बिहारीलाल बिश्नोई सहित भाजपा नेताओं पर लॉकडाउन नियम तोड़ने का मुकदमा दर्ज हुआ है. इस ज्ञापन के माध्यम से इस तरह से द्वेषतापूर्ण ढंग से मुकदमें का विरोध जताया और पुलिस की निष्पक्ष कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह उठाया. साथ ही कहा कि अगर झूठा मुकदमा वापस नहीं लिया जाता तो भाजपा की ओर से आंदोलन किया जाएगा.
भाजपा पूर्व नगर मण्डल अध्यक्ष सुशील सरावगी एवं ताराचंद राठौड़ ने बताया कि 23 मई को थाने के सामने हजारों की संख्या में आक्रोशित जनता उपस्थित थीं और वो किसी तरह शांति व्यवस्था ना बिगाड़ दें, उन लोगों के बीच शांति व्यवस्था स्थापित करने के साथ प्रशासन की मदद और पीड़ित परिवार को सम्बल देने भाजपा नेता वहां पहुंचे थे. इन हालत में राजेंद्र राठौड़ सहित भाजपा नेताओं पर मुकदमा दर्ज करना पुलिस की निष्पक्ष कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा करता है.