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नवजात बच्चों की मौत की घटना सरकार पर कलंक : उपनेता प्रतिपक्ष

कोटा अस्पताल में बच्चों की मौत के मामले में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा की यह घटना सरकार पर कलंक. इस घटना से पूरे देश में राजस्थान की बदनामी हुई है. राठौड़ ने कहा मैं समझता हूं बच्चों के शव गिनाकर उनके आंकड़े गिनाकर संवेदनहीनता की इस सरकार ने सारी हदें पार कर दी.

BJP Leader Rajendra Rathore, कोटा अस्पताल में बच्चों की मौत
कोटा में हुई बच्चों की मौत के मामले में बोले राजेन्द्र राठौड़
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Published : Dec 28, 2019, 9:17 PM IST

चूरू. कोटा अस्पताल में 48 घंटो में 10 बच्चों की मौत मामले में सीएम के बयान पर पलटवार करते हुए उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा यह घटना सरकार पर कलंक. इस घटना से पूरे देश में राजस्थान की बदनामी हुई है. राठौड़ ने कहा मैं समझता हूं बच्चों के शव गिनाकर उनके आंकड़े गिनाकर संवेदनहीनता की इस सरकार ने सारी हदें पार कर दी.

कोटा में हुई बच्चों की मौत के मामले में बोले राजेन्द्र राठौड़

राजस्थान विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि 48 घंटे में कोटा के अस्पताल में 10 बच्चों की मौत सरकार पर कलंक है और उस पर मुख्यमंत्री का यह बयान कि बच्चे तो यूं ही मरते रहते हैं. इस वर्ष कोटा के अंदर 900 नवजात बच्चों की ही मृत्यु हुई है. जबकि पिछली बार भारतीय जनता पार्टी के शासनकाल में तेरा सौ बच्चों की मौत हो चुकी.

राठौड़ ने कहा मैं समझता हूं बच्चों के शव गिनाकर उनके आंकड़े गिनाकर संवेदनहीनता की इस सरकार ने सारी हदें पार कर दी हैं. इससे ज्यादा शर्मनाक बात कोई हो ही नहीं सकती. बच्चों की मृत्यु के आंकड़ों के आधार पर शासन करना संवेदनहीनता की पराकाष्ठा है.

पढ़ें- पद्मश्री संत नारायणदास महाराज पर अशोभनीय टिप्पणी को लेकर शाहपुरा विरोध-प्रदर्शन

इसी के साथ उन्होंने कहा कि उम्मीद तो यह की जाती है कि जब इस प्रकार की घटना हो और उसकी पुनरावर्ति ना हो जांच बिठाते जो कमियां खामियां हैं उनको दुरुस्त करते हैं लेकिन इस प्रकार का दोषारोपण मुख्यमंत्री के मुख से इस प्रकार की बात दुर्भाग्यपूर्ण है. इस सरकार के समय चिकित्सा व्यवस्था चरमरा गई है और कोई भी व्यक्ति अपने उत्तरदायित्व का निर्वहन पूरी तरह नहीं कर रहा है. यह घटना सरकार पर कलंक है इस घटना से पूरे देश में राजस्थान की बदनामी हुई है.

चूरू. कोटा अस्पताल में 48 घंटो में 10 बच्चों की मौत मामले में सीएम के बयान पर पलटवार करते हुए उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा यह घटना सरकार पर कलंक. इस घटना से पूरे देश में राजस्थान की बदनामी हुई है. राठौड़ ने कहा मैं समझता हूं बच्चों के शव गिनाकर उनके आंकड़े गिनाकर संवेदनहीनता की इस सरकार ने सारी हदें पार कर दी.

कोटा में हुई बच्चों की मौत के मामले में बोले राजेन्द्र राठौड़

राजस्थान विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि 48 घंटे में कोटा के अस्पताल में 10 बच्चों की मौत सरकार पर कलंक है और उस पर मुख्यमंत्री का यह बयान कि बच्चे तो यूं ही मरते रहते हैं. इस वर्ष कोटा के अंदर 900 नवजात बच्चों की ही मृत्यु हुई है. जबकि पिछली बार भारतीय जनता पार्टी के शासनकाल में तेरा सौ बच्चों की मौत हो चुकी.

राठौड़ ने कहा मैं समझता हूं बच्चों के शव गिनाकर उनके आंकड़े गिनाकर संवेदनहीनता की इस सरकार ने सारी हदें पार कर दी हैं. इससे ज्यादा शर्मनाक बात कोई हो ही नहीं सकती. बच्चों की मृत्यु के आंकड़ों के आधार पर शासन करना संवेदनहीनता की पराकाष्ठा है.

पढ़ें- पद्मश्री संत नारायणदास महाराज पर अशोभनीय टिप्पणी को लेकर शाहपुरा विरोध-प्रदर्शन

इसी के साथ उन्होंने कहा कि उम्मीद तो यह की जाती है कि जब इस प्रकार की घटना हो और उसकी पुनरावर्ति ना हो जांच बिठाते जो कमियां खामियां हैं उनको दुरुस्त करते हैं लेकिन इस प्रकार का दोषारोपण मुख्यमंत्री के मुख से इस प्रकार की बात दुर्भाग्यपूर्ण है. इस सरकार के समय चिकित्सा व्यवस्था चरमरा गई है और कोई भी व्यक्ति अपने उत्तरदायित्व का निर्वहन पूरी तरह नहीं कर रहा है. यह घटना सरकार पर कलंक है इस घटना से पूरे देश में राजस्थान की बदनामी हुई है.

Intro:चूरू_मासूमो की मौत पर सियासत.कोटा अस्पताल में 48 घन्टो में 10 बच्चों की मौत मामले में सीएम के बयान पर पलटवार करते हुए उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा यह घटना सरकार पर कलंक.इस घटना से पूरे देश में राजस्थान की बदनामी हुई है.राठौड़ ने कहा मैं समझता हूं बच्चों के शव गिनाकर उनके आंकड़े गिनाकर संवेदनहीनता की इस सरकार ने सारी हदें पार कर दी।


Body:राजस्थान विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि 48 घंटे में कोटा के अस्पताल में 10 बच्चों की मौत सरकार पर कलंक है. और उस पर सरकार के सदर और सरकार के मुखिया मुख्यमंत्री का यह बयान कि बच्चे तो यूं ही मरते रहते हैं इस वर्ष कोटा के अंदर 900 नवजात बच्चों की ही मृत्यु हुई है जबकि पिछली बार भारतीय जनता पार्टी के शासनकाल में तेरा सौ बच्चों की मौत हो चुकी, मैं समझता हूं बच्चों के शव गिनाकर उनके आंकड़े गिनाकर संवेदनहीनता की इस सरकार ने सारी हदें पार कर दी इससे ज्यादा शर्मनाक बात कोई हो ही नहीं सकती कि बच्चों की मृत्यु के आंकड़ों के आधार पर शासन करना संवेदनहीनता की पराकाष्ठा है।





Conclusion:उन्होंने कहा कि उम्मीद तो यह की जाती है कि जब इस प्रकार की घटना हो और उसकी पूर्ण आवृत्ति ना हो जांच बिठाते जो कमियां खामियां हैं उनको दुरुस्त करते हैं लेकिन इस प्रकार का दोषारोपण मुख्यमंत्री के मुख से इस प्रकार की बात दुर्भाग्यपूर्ण है.इस सरकार के समय चिकित्सा व्यवस्था चरमरा गई है और कोई भी व्यक्ति अपने उत्तरदायित्व का निर्वहन पूरी तरह नहीं कर रहा है यह घटना सरकार पर कलंक है इस घटना से पूरे देश में राजस्थान की बदनामी हुई है
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