चूरू. जिले में जब भी साहसिक और वीर योद्धाओं की बात आएगी तो एक नाम जो सबसे पहले आएगा वो हैं चूरू के डॉक्टर एहसान गौरी. डॉ. गौरी कोरोना काल में केवल चिकित्सा विभाग का ही कार्य नहीं कर रहे हैं बल्कि इंसानियत और मानवता से ओतप्रोत और अपनों का भी फर्ज अदा कर रहे हैं.
कोरोना काल में जिलेभर में जिनका नाम सबसे ज्यादा चर्चित रहा और जिनकी पहचान आज कोरोना वॉरियर्स के रूप में बनी है वो हैं चूरू के बीसीएमओ डॉ. एहसान गौरी. गौरी ने अपने काम और मेहनत के दम पर जिलेभर के लोगों के दिलों में एक खास जगह बनाई है. कोरोना काल में डॉ. एहसान गौरी को बीसीएमओ पद की जिम्मेदारी सौंपी गई थी.
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दरअसल, शहर के वार्ड संख्या 45 के युवक की उपचार के दौरान बीकानेर पीबीएम अस्पताल में कोरोना से मौत हो गई थी. फेफड़ों की गंभीर बीमारी से मौत होने के बाद अस्पताल में जांच करवाने पर पता चला कि मृतक युवक कोरोना पॉजिटिव था. जिसके बाद मृतक का शव पीबीएम बीकानेर अस्पताल से मुक्तिधाम ले लाया गया.
मुक्तिधाम में कोरोना के खतरे को देखते हुए शव के पास कोई नहीं था. इस समय बीसीएमओ डॉ. एहसान गौरी ने अपनी इंसानियत और हिम्मत दिखाते हुए चिकित्सा विभाग के साथी चिकित्सक डॉ. शशांक चौधरी और डॉ. इमरान गौरी के साथ मिलकर शव को अग्नी दी और उसका अंतिम संस्कार किया.