सरदारशहर (चूरू). जब कोरोना को फैलने से रोकने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन लगा था और लोग अपने घरों में कैद हो चुके थे, ऐसे समय में देश को जरूरत थी, उन छोटे बड़े कोरोना योद्धाओं की जो देश को इस संकट की घड़ी से बाहर ला सके. ऐसा ही एक कोरोना योद्धा सरदारशहर के वार्ड 12 से अमरचंद पंवार सामने आए, जो कि पेशे से दर्जी है. इन्होंने इस महामारी में अपना बहुत बड़ा योगदान दिया.
अमरचंद पंवार एक गरीब परिवार से होकर भी इस महामारी में तन मन धन से अपना योगदान दे रहे है, जो देश के लिए बहुत बड़ा योगदान है. कोरोना से बचाव के लिए पहली जरूरत है कि मास्क लगाकर ही व्यक्ति बाहर निकले. जब कोरोना ने भारत में दस्तक दी तो मास्क की बहुत बड़ी किल्लत देखने को मिली और मास्क की भयंकर कालाबाजारी होने लगी. 5 से 10 रुपये में बिकने वाला मास्क उस समय 50 से 70 रुपये में बिक रहा था.
पढ़ेंः Covid-19 Update: राजस्थान में 705 नए केस, कुल पॉजिटिव आंकड़ा 85 हजार के पार...अब तक 1,088 मौतें
ऐसे में अमरचंद पंवार देश सेवा के लिए आगे आए और अपने घर पर ही स्वयं के खर्चे पर कपड़े के मास्क बनाने शुरू कर दिए. जिसे भी मास्क की जरूरत होती पंवार उसे निशुल्क मास्क उपलब्ध करवाते. अमरचंद पंवार चौराहों पर खड़ी पुलिस, हॉस्पिटलों में डॉक्टरों, नर्सिंग स्टाफ और अन्य सामाजिक संस्थाएं, जिन्होंने कोरोना काल में अपनी सेवाएं दी है. उन सभी को निशुल्क मास्क उपलब्ध करवाएं और बाजार में बढ़ रही मास्क की कालाबाजारी को पूर्णतया खत्म कर दिया.
अमरचंद पंवार ने बताया कि जब वह मास्क बनाते थे, तो उनकी मां और उनका परिवार उनका भरपूर सहयोग करता था. आज अमरचंद पंवार जिसे कोरोना योद्धा की वजह से जिंदगी एक बार फिर से सामान्य होकर पटरी पर लौट रही है. अमरचंद पंवार आज भी शहर में घूम-घूम कर आम आदमी व्यापारियों और प्रशासन को लगातार निशुल्क मास्क उपलब्ध करवा रहे हैं.
उपखंड अधिकारी रीना छिंपा ने बताया कि जी अमरचंद पंवार का सहयोग उनके लिए बहुत बड़ा सहयोग साबित हुआ, क्योंकि जिस समय मास्क की किल्लत हो रही थी. ऐसे में अमरचंद पंवार ने निशुल्क मास्क प्रशासन और आम जनता को उपलब्ध करवाएं. अमरचंद पंवार के इस कार्य का शहरवासी भी खूब गुणगान कर रहे हैं और अमरचंद पंवार का हौसला अफजाई करने के लिए उन्हें सम्मानित कर उनका हौसला बढ़ा कर रहे हैं.
पढ़ेंः पंचायत चुनाव के लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने जारी की गाइडलाइन
शहर के ही मकबूल खान ने बताया कि एक साधारण से परिवार के इस व्यक्ति ने जाति धर्म से ऊपर उठकर शहर में लगातार मास्क वितरित किए. ईद और बकरीद जैसे त्योहारों पर मुस्लिम मोहल्लों में घर-घर जाकर मास्क वितरण किए. आज भी वो घरों, दुकान और शहर में घूम-घूम कर लोगों को निशुल्क मास्क वितरण करते हैं और कोरोना से बचने का संदेश देते हैं.