सरदारशहर (चूरू). रेप जैसे जघन्य मामलों में देश भर में लगातार मांग उठती रही है कि आरोपियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए. साथ ही मामले में पीड़ित को त्वरित न्याय मिले. लेकिन बहुत कम मामले ऐसे होते हैं, जिसमें पीड़ित को त्वरित न्याय मिलता है. ऐसे में चूरू जिले में 4 साल की मासूम बच्ची को 17 दिनों के भीतर न्याय मिल गया. प्रदेश की पुलिस भी अब ऐसे मामलों पर सख्त होती हुई दिखाई दे रही है. यह कार्रवाई अब राजस्थान के चुनिंदा मामलों में शामिल हो गई है.
चूरू जिले के सरदारशहर के भानपुरा थाना पुलिस ने 17 दिनों के भीतर भीतर पीड़िता को न्याय दिलाकर नई नजीर पेश की है. भानीपुरा थानार्न्तगत क्षेत्र के निवासी दयाराम ने 30 नवंबर को 4 साल की बच्ची को खिलौना देने के बहाने सुनसान जगह पर ले जाकर दुष्कर्म किया था. मासूम के दादा की रिपोर्ट पर भानीपुरा थाना पुलिस ने 1 दिसंबर को मामला दर्ज कर बच्ची का राजकीय भरतिया अस्पताल में डॉक्टरों के एक बोर्ड से मेडिकल करवाया.
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मेडिकल और एफएसएल रिपोर्ट में बालिका के साथ दुष्कर्म की पुष्टि हुई थी. भानीपुरा पुलिस ने आरोपी दयाराम को 1 दिसंबर को ही गिरफ्तार कर लिया. जांच के बाद 6 दिन में 7 दिसंबर को कोर्ट में चार्जशीट दायर कर दी. शनिवार और रविवार को अवकाश होने के कारण 9 दिसंबर को कोर्ट में बहस हुई.
कोर्ट ने मामले में सुनवाई के दौरान दयाराम के खिलाफ धारा 376 (दुष्कर्म) के तहत आरोप तय कर दिया. जिसके बाद रोजाना सुनवाई का आदेश दिए गए. 9 से 13 दिसंबर तक पॉक्सो कोर्ट में 15 गवाहों की पेशी हुई और 16 दिसंबर को बचाव पक्ष की भी दलीलें सुनी गई. उसके बाद 17 दिसंबर को जिले की पॉक्सो अदालत ने चार साल की मासूम बच्ची से दुष्कर्म के मामले में के आरोपी दयाराम को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुना दी.
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30 नवंबर को घर के बाहर खेल रही मासूम से दुष्कर्म के इस मामले में पॉक्सो कोर्ट ने महज 6 दिनों में अपना फैसला सुनाया है. इस मामले को गंभीर मानते हुए चूरू जिला पुलिस ने भी मामला दर्ज होने के 6 दिनों में ही चार्जशीट पेश कर दी. इससे पहले पॉक्सो कोर्ट के न्यायाधीश राजेन्द्र कुमार सैनी ने 9 दिसंबर को रोजाना सुनवाई के आदेश दिए. 14 और 15 दिसंबर को शनिवार और रविवार का अवकाश होने के कारण 6 कार्य दिवसों में अदालती कार्यवाही पूरा करते हुए फैसला भी सुना दिया गया.
चूरू एसपी और थानाधिकारी की अहम भूमिका
चूरू एसपी तेजस्विनी गौतम स्वयं लगातार इस मामले की मॉनिटरिंग करती रही. खुद पीड़ित के गांव जाकर पूरे मामले की जानकारी ली. साथ ही डॉक्टरों की टीम के भी लगातार एसपी तेजस्विनी गौतम संपर्क में रहे. एफएसएल जयपुर को पत्र लिखकर जल्द ही एफएसएल रिपोर्ट मंगवाई.
वहीं थानाधिकारी मलकीत सिंह ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी को घटना के अगले दिन ही गिरफ्तार कर लिया और 7 दिन के अंदर चालान पेश कर पुलिसिया कार्रवाई पूरी कर ली. जांच अधिकारी भानीपुरा थानाधकारी मलकीत सिंह को डीजीपी भूपेंद्र यादव और पूरी टीम को बीकानेर रेंज आईजी जोश मोहन पुरस्कार देंगे.