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Special: चूरू में 4 साल की मासूम के साथ हुआ था दुष्कर्म, 17 दिन के अंदर आरोपी को उम्र कैद की सजा - churu news

चूरू जिले में पुलिस ने दुष्कर्म के मामले में कार्रवाई करते हुए 4 साल के मासूम बच्ची को 17 दिन में न्याय दिलवाया है. थाने में 1 दिसंबर को मामला दर्ज होने के बाद 17 दिसंबर को पॉक्सो अदालत ने उम्र कैद की सजा सुना दी है.

justice within 17 days in Churu,चूरू में दुष्कर्म के मामले में सुनवाई
दुष्कर्म के मामले में त्वरित सुनवाई
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Published : Dec 18, 2019, 1:22 PM IST

सरदारशहर (चूरू). रेप जैसे जघन्य मामलों में देश भर में लगातार मांग उठती रही है कि आरोपियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए. साथ ही मामले में पीड़ित को त्वरित न्याय मिले. लेकिन बहुत कम मामले ऐसे होते हैं, जिसमें पीड़ित को त्वरित न्याय मिलता है. ऐसे में चूरू जिले में 4 साल की मासूम बच्ची को 17 दिनों के भीतर न्याय मिल गया. प्रदेश की पुलिस भी अब ऐसे मामलों पर सख्त होती हुई दिखाई दे रही है. यह कार्रवाई अब राजस्थान के चुनिंदा मामलों में शामिल हो गई है.

दुष्कर्म के मामले में त्वरित सुनवाई

चूरू जिले के सरदारशहर के भानपुरा थाना पुलिस ने 17 दिनों के भीतर भीतर पीड़िता को न्याय दिलाकर नई नजीर पेश की है. भानीपुरा थानार्न्तगत क्षेत्र के निवासी दयाराम ने 30 नवंबर को 4 साल की बच्ची को खिलौना देने के बहाने सुनसान जगह पर ले जाकर दुष्कर्म किया था. मासूम के दादा की रिपोर्ट पर भानीपुरा थाना पुलिस ने 1 दिसंबर को मामला दर्ज कर बच्ची का राजकीय भरतिया अस्पताल में डॉक्‍टरों के एक बोर्ड से मेडिकल करवाया.

ये पढ़ेंः Bomb ब्लास्ट: 13 आतंकी, तीन फरार 3 जेल में और 5 के खिलाफ फैसला आज, 2 का हो चुका एनकाउंटर

मेडिकल और एफएसएल रिपोर्ट में बालिका के साथ दुष्कर्म की पुष्टि हुई थी. भानीपुरा पुलिस ने आरोपी दयाराम को 1 दिसंबर को ही गिरफ्तार कर लिया. जांच के बाद 6 दिन में 7 दिसंबर को कोर्ट में चार्जशीट दायर कर दी. शनिवार और रविवार को अवकाश होने के कारण 9 दिसंबर को कोर्ट में बहस हुई.

कोर्ट ने मामले में सुनवाई के दौरान दयाराम के खिलाफ धारा 376 (दुष्‍कर्म) के तहत आरोप तय कर दिया. जिसके बाद रोजाना सुनवाई का आदेश दिए गए. 9 से 13 दिसंबर तक पॉक्‍सो कोर्ट में 15 गवाहों की पेशी हुई और 16 दिसंबर को बचाव पक्ष की भी दलीलें सुनी गई. उसके बाद 17 दिसंबर को जिले की पॉक्सो अदालत ने चार साल की मासूम बच्ची से दुष्कर्म के मामले में के आरोपी दयाराम को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुना दी.

ये पढ़ेंः अजमेर: नाबालिग स्कूली छात्रा को अगवाकर दुष्कर्म करने वाला आरोपी गिरफ्तार

30 नवंबर को घर के बाहर खेल रही मासूम से दुष्कर्म के इस मामले में पॉक्सो कोर्ट ने महज 6 दिनों में अपना फैसला सुनाया है. इस मामले को गंभीर मानते हुए चूरू जिला पुलिस ने भी मामला दर्ज होने के 6 दिनों में ही चार्जशीट पेश कर दी. इससे पहले पॉक्सो कोर्ट के न्यायाधीश राजेन्द्र कुमार सैनी ने 9 दिसंबर को रोजाना सुनवाई के आदेश दिए. 14 और 15 दिसंबर को शनिवार और रविवार का अवकाश होने के कारण 6 कार्य दिवसों में अदालती कार्यवाही पूरा करते हुए फैसला भी सुना दिया गया.

चूरू एसपी और थानाधिकारी की अहम भूमिका

चूरू एसपी तेजस्विनी गौतम स्वयं लगातार इस मामले की मॉनिटरिंग करती रही. खुद पीड़ित के गांव जाकर पूरे मामले की जानकारी ली. साथ ही डॉक्टरों की टीम के भी लगातार एसपी तेजस्विनी गौतम संपर्क में रहे. एफएसएल जयपुर को पत्र लिखकर जल्द ही एफएसएल रिपोर्ट मंगवाई.

वहीं थानाधिकारी मलकीत सिंह ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी को घटना के अगले दिन ही गिरफ्तार कर लिया और 7 दिन के अंदर चालान पेश कर पुलिसिया कार्रवाई पूरी कर ली. जांच अधिकारी भानीपुरा थानाधकारी मलकीत सिंह को डीजीपी भूपेंद्र यादव और पूरी टीम को बीकानेर रेंज आईजी जोश मोहन पुरस्कार देंगे.

सरदारशहर (चूरू). रेप जैसे जघन्य मामलों में देश भर में लगातार मांग उठती रही है कि आरोपियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए. साथ ही मामले में पीड़ित को त्वरित न्याय मिले. लेकिन बहुत कम मामले ऐसे होते हैं, जिसमें पीड़ित को त्वरित न्याय मिलता है. ऐसे में चूरू जिले में 4 साल की मासूम बच्ची को 17 दिनों के भीतर न्याय मिल गया. प्रदेश की पुलिस भी अब ऐसे मामलों पर सख्त होती हुई दिखाई दे रही है. यह कार्रवाई अब राजस्थान के चुनिंदा मामलों में शामिल हो गई है.

दुष्कर्म के मामले में त्वरित सुनवाई

चूरू जिले के सरदारशहर के भानपुरा थाना पुलिस ने 17 दिनों के भीतर भीतर पीड़िता को न्याय दिलाकर नई नजीर पेश की है. भानीपुरा थानार्न्तगत क्षेत्र के निवासी दयाराम ने 30 नवंबर को 4 साल की बच्ची को खिलौना देने के बहाने सुनसान जगह पर ले जाकर दुष्कर्म किया था. मासूम के दादा की रिपोर्ट पर भानीपुरा थाना पुलिस ने 1 दिसंबर को मामला दर्ज कर बच्ची का राजकीय भरतिया अस्पताल में डॉक्‍टरों के एक बोर्ड से मेडिकल करवाया.

ये पढ़ेंः Bomb ब्लास्ट: 13 आतंकी, तीन फरार 3 जेल में और 5 के खिलाफ फैसला आज, 2 का हो चुका एनकाउंटर

मेडिकल और एफएसएल रिपोर्ट में बालिका के साथ दुष्कर्म की पुष्टि हुई थी. भानीपुरा पुलिस ने आरोपी दयाराम को 1 दिसंबर को ही गिरफ्तार कर लिया. जांच के बाद 6 दिन में 7 दिसंबर को कोर्ट में चार्जशीट दायर कर दी. शनिवार और रविवार को अवकाश होने के कारण 9 दिसंबर को कोर्ट में बहस हुई.

कोर्ट ने मामले में सुनवाई के दौरान दयाराम के खिलाफ धारा 376 (दुष्‍कर्म) के तहत आरोप तय कर दिया. जिसके बाद रोजाना सुनवाई का आदेश दिए गए. 9 से 13 दिसंबर तक पॉक्‍सो कोर्ट में 15 गवाहों की पेशी हुई और 16 दिसंबर को बचाव पक्ष की भी दलीलें सुनी गई. उसके बाद 17 दिसंबर को जिले की पॉक्सो अदालत ने चार साल की मासूम बच्ची से दुष्कर्म के मामले में के आरोपी दयाराम को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुना दी.

ये पढ़ेंः अजमेर: नाबालिग स्कूली छात्रा को अगवाकर दुष्कर्म करने वाला आरोपी गिरफ्तार

30 नवंबर को घर के बाहर खेल रही मासूम से दुष्कर्म के इस मामले में पॉक्सो कोर्ट ने महज 6 दिनों में अपना फैसला सुनाया है. इस मामले को गंभीर मानते हुए चूरू जिला पुलिस ने भी मामला दर्ज होने के 6 दिनों में ही चार्जशीट पेश कर दी. इससे पहले पॉक्सो कोर्ट के न्यायाधीश राजेन्द्र कुमार सैनी ने 9 दिसंबर को रोजाना सुनवाई के आदेश दिए. 14 और 15 दिसंबर को शनिवार और रविवार का अवकाश होने के कारण 6 कार्य दिवसों में अदालती कार्यवाही पूरा करते हुए फैसला भी सुना दिया गया.

चूरू एसपी और थानाधिकारी की अहम भूमिका

चूरू एसपी तेजस्विनी गौतम स्वयं लगातार इस मामले की मॉनिटरिंग करती रही. खुद पीड़ित के गांव जाकर पूरे मामले की जानकारी ली. साथ ही डॉक्टरों की टीम के भी लगातार एसपी तेजस्विनी गौतम संपर्क में रहे. एफएसएल जयपुर को पत्र लिखकर जल्द ही एफएसएल रिपोर्ट मंगवाई.

वहीं थानाधिकारी मलकीत सिंह ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी को घटना के अगले दिन ही गिरफ्तार कर लिया और 7 दिन के अंदर चालान पेश कर पुलिसिया कार्रवाई पूरी कर ली. जांच अधिकारी भानीपुरा थानाधकारी मलकीत सिंह को डीजीपी भूपेंद्र यादव और पूरी टीम को बीकानेर रेंज आईजी जोश मोहन पुरस्कार देंगे.

Intro:गहलोत सरकार की खाकी ने कर दिया कमाल

सरदारशहर। रेप जैसे जघन्य मामलों में देशभर में लगातार मांग उठती रही है कि आरोपियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए साथ ही मामले में पीड़ित को त्वरित न्याय मिले । लेकिन बहुत कम मामले ऐसे होते हैं जिसमें पीड़ित को त्वरित न्याय मिलता हैं । पर बलात्कार जैसे संगीन मामलों में गहलोत सरकार की शक्ति का ही नतीजा है कि 4 वर्षीय मासूम बच्ची को 17 दिनों के भीतर भीतर न्याय मिल गया । रेप की घटना पर गहलोत सरकार कितनी सख्त है यह जगजाहिर है इसी का नतीजा हैं कि प्रदेश की पुलिस भी अब ऐसे मामलों पर सख्त होती हुई दिखाई दे रही है इसकी बानगी चूरु जिले के सरदारशहर तहसील के भानीपुरा पुलिस की कार्रवाई मानी जा सकती है यह कार्रवाई अब राजस्थान के चुनिंदा मामलों में शामिल हो गई है।

चुरू जिले के सरदारशहर के भानपुरा थाना पुलिस ने 17 दिनों के भीतर भीतर पीड़िता को न्याय दिलाकर नई नजीर पेश की है। भानीपुरा थानार्न्तगत गांव बुकनसर बड़ा निवासी दयाराम ने 30 नवंबर को 4 साल की बच्ची को खिलौना देने के बहाने सुनसान जगह पर ले जाकर दुष्कर्म किया था। मासूम के दादा की रिपोर्ट पर भानीपुरा थाना पुलिस ने 1 दिसंबर को मामला दर्ज कर बच्ची का राजकीय भरतिया अस्पताल में डॉक्‍टरों के एक बोर्ड से मेडिकल करवाया था।
मेडिकल और एफएसएल रिपोर्ट में बालिका के साथ दुष्कर्म की पुष्टि हुई थी।भानीपुरा पुलिस ने आरोपी दयाराम को 1 दिसंबर को ही गिरफ्तार कर लिया और जांच के बाद 6 दिन में 7 दिसंबर को कोर्ट में चार्जशीट दायर कर दी। शनिवार और रविवार को अवकाश होने के कारण 9 दिसंबर को कोर्ट में बहस हुई. कोर्ट ने दयाराम के खिलाफ धारा 376 (दुष्‍कर्म) के तहत आरोप तय कर दिया और रोजाना सुनवाई का आदेश दिया. 9 से 13 दिसंबर तक पॉक्‍सो कोर्ट में 15 गवाहों की पेशी हुई और 16 दिसंबर को बचाव पक्ष की भी दलीलें सुनी ओर 17 दिसंबर को जिले की पॉक्सो अदालत ने चार साल की मासूम बच्ची से रेप के आरोपी दयाराम को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनादी। गांव बुकनसर में 30 नवंबर को घर के बाहर खेल रही मासूम से रेप के इस मामले में पॉक्सो कोर्ट ने महज 6 दिनों में अपना फैसला सुनाया है। इस मामले को गंभीर मानते हुए चूरू जिला पुलिस ने भी मामला दर्ज होने के 6 दिनों में ही चार्जशीट पेश कर दी थी। इससे पहले पॉक्सो कोर्ट के न्यायाधीश राजेन्द्र कुमार सैनी ने 9 दिसंबर को रोजाना सुनवाई के आदेश दिए थे। 14 और 15 दिसंबर को शनिवार और रविवार का अवकाश होने के कारण 6 कार्यदिवसों में अदालती कार्यवाही पूरा करते हुए फैसला भी सुना दिया गया।

मामले में चूरू एसपी और थानाधिकारी मलकीत सिंह की रही अहम भूमिका

दरिंदगी के इस मामले में चूरू एसपी तेजस्विनी गौतम स्वयं लगाता इस मामले की मॉनिटरिंग करती रही और खुद पीड़ित के गांव जाकर पूरे मामले की जानकारी ली साथ ही डॉक्टरों की टीम के भी लगातार एसपी तेजस्विनी गौतम संपर्क में रहे और एफएसएल जयपुर को पत्र लिखकर जल्द ही एफएसएल रिपोर्ट मंगवाई वही थानाधिकारी मलकीत सिंह ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी को घटना के अगले दिन ही गिरफ्तार कर लिया और 7 दिन के अंदर चालान पेश कर पुलिसिया कार्रवाई पूरी कर ली। जांच अधिकारी भानीपुरा थानाधकारी मलकीत सिंह को डीजीपी भूपेंद्र यादव व पूरी टीम को बीकानेर रेंज आईजी जोश मोहन पुरस्कार देंगे।




Body:रेप जैसे मामलों में गहलोत सरकार है सख्त

प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री अशोक गहलोत रेप जैसे जगन अपराधों की जांच के लिए अलग सेल बनाई है इस सेल में एक्सपर्ट की टीम है । इसके अलावा अशोक गहलोत सरकार ने स्पष्ट निर्देश दे रखे हैं कि पीड़ित परिवार को जल्द न्याय दिलाने के लिए हर संभव मदद की जाए । निश्चित रूप से प्रदेश में भानपुरा का ये मामला एक मिसाल बनेगा और रेप जैसे अपराधों में प्रदेश में गिरावट आएगी।

वही गहलोत सरकार ने अपने 1 वर्ष पुरा होने पर प्रेस वार्ता में इस बात को कहा था कि दुष्कर्म जैसे मामलों में आरोपियों को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए साथ ही ऐसे मामलों में आरोपियों को सख्त सजा दिलाने के लिए विधिक अधिकारी लगाए जाएंगे। घृणित अपराध के मामलों में पुलिस की अपराध शाखा निगरानी रखेगी।
दोषी के खिलाफ चालान में कमी नहीं रह जाये इसके लिये विधि अधिकारी लगाये जायेंगे। बलात्कार जैसे अपराधों में प्रदेश में अंकुश लगा है।Conclusion:बाइट- मलकीत सिंह, थानाधिकारी, भानीपुरा सरदारशहर

भानीपुरा थाना अधिकारी मलकीत सिंह ने बताया कि घटना की सूचना मिलते ही वह घटनास्थल पर पहुंचे और मौके का जायजा लिया तथा तुरंत कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ धारा 376 के तहत मामला दर्ज किया गया। 6 दिन में हमने आरोपी के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश कर दिया और जिसका यह नतीजा है कि आरोपी को 17 दिन के अंदर आजीवन कारावास की सजा हुई है।
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