चित्तौड़गढ़. डूंगला क्षेत्र में दलित महिला से मारपीट का मामला सामने आया है. बड़ी बात यह है कि थाने में रिपोर्ट देने के बाद भी इस महिला को मेडिकल के लिए भटकना पड़ा है. जानकारी के अनुसार जिले के एक गांव में मामूली कचरा डालने की विवाद पर रंजिश पाले बैठे एक युवक और उसकी मां ने मिल कर लोहे की चैन से पिटाई करते हुए पीड़िता को बुरी तरह से घायल कर दिया और घसीटते हुए कचरे के ढेर में फेंक दिया गया.
पीड़िता ने रिपोर्ट दर्ज कराई कि गांव में रहने वाले एक युवक और उसकी मां ने पड़ोस में रहने वाली एक महिला के साथ लोहे की चैन से जमकर मारपीट की. घटना को लेकर पीड़िता की रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने आईपीसी की धारा 354 सहित जातिगत अपमान और विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज कर लिया गया है. पुलिस उप अधीक्षक बड़ीसादड़ी इस मामले की जांच कर रहे हैं. इधर, कचरा डालने के मामूली विवाद की रंजिश को लेकर की गई मारपीट में बुरी तरह से घायल दलित महिला का डूंगला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में उपचार कराया गया, लेकिन चोटों से खून नहीं रुकने पर महिला को जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया.
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परिजनों ने बताया कि 28 जनवरी को हुए इस घटनाक्रम में पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली, लेकिन बाद में 29 जनवरी को सुबह मेडिकल के लिए बुलाया गया. शाम को पीड़िता का मेडिकल मुआयना किया गया, लेकिन 30 जनवरी को फिर से चोट के लिए एक्स-रे को लेकर उसे डूंगला बुलाया गया, जहां से एक्स-रे मशीन बंद होने पर बड़ी सादड़ी भेज दिया गया. देर शाम महिला का एक्स-रे हो पाया और बाद में उसके परिजन उसे लेकर घर पहुंचे.
परिजनों ने बताया कि मेडिकल मुआयना कराने के दौरान पुलिस ने पीड़िता को महिला कांस्टेबल तक उपलब्ध नहीं कराया. एक पुरुष कांस्टेबल बड़ी सादड़ी लेकर गया. वहीं, डूंगला के मेडिकल मुआयना के दौरान भी एक पुलिस कांस्टेबल ही जो पुरुष था, मेडिकल कराने ले गया. जबकि नियमानुसार महिला के साथ महिला कांस्टेबल को मेडिकल मुआयना के लिए भेजा जाना चाहिए. इस मामले की जांच कर रहे पुलिस उप अधीक्षक आशीष कुमार ने कहा कि महिला के साथ महिला कांस्टेबल को भेजा गया था. महिला के साथ मारपीट का मामला सामने आया है, जिस पर मामला दर्ज कर जांच की जा रही है. मेडिकल और जांच के लिए महिला कांस्टेबल की रवानगी की गई थी. 165 के बयान के लिए नोटिस भिजवाया जा चुका है.