चित्तौड़गढ़. लंबे समय बाद आखिरकार माध्यमिक स्तर के स्कूल खुल गए. हालांकि सरकारी गाइडलाइन के अनुसार शिक्षा विभाग की ओर से कोविड-19 की गाइडलाइन के अनुसार स्कूलों में व्यवस्थाएं की गई थी. जहां पहले ही दिन जिला कलेक्टर केके शर्मा ने कुछ स्कूलों का आकस्मिक निरीक्षण कर व्यवस्थाओं को परखा.
बच्चे कोविड-19 को लेकर कितने जागरूक है? कलेक्टर ने बच्चों से ही गाइडलाइन के बारे में जाना. शहर स्थित सिटी गर्ल्स स्कूल के बाद कलेक्टर शर्मा नजदीकी पड़ने वाले धनेत कला गांव के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय पहुंच गए. अचानक कलेक्टर सहित अधिकारियों को देखकर एकबारगी स्कूल प्रशासन भी चौंक गया. जिला कलेक्टर ने एक-एक क्लास में पहुंचकर बच्चों से बातचीत की और कोरोना के खतरे के प्रति जागरूक करते हुए उन्हीं से जाना कि आखिर इससे बचाव के लिए क्या क्या सावधानी बरतनी है.
यहां सोशल डिस्टेंसिंग के आधार पर एक-एक क्लास में 15 से लेकर 20 बच्चों के बैठाने की व्यवस्था की गई थी. कलेक्टर ने वैक्सीनेशन तक बच्चों से कोविड-19 गाइडलाइन की पालना का आग्रह किया था. बच्चों से बातचीत के दौरान वे काफी खुश नजर आए क्योंकि लगभग 10 महीने बाद उन्हें स्कूल आने का मौका मिला था. हालांकि ऑनलाइन एजुकेशन चल रही थी, लेकिन उससे बच्चे संतुष्ट नहीं थे. स्कूल में ब्लैक बोर्ड पर पढ़ाई को लेकर काफी उत्साहित नजर आए. यहां बच्चों के प्रवेश से पहले संबंधित क्लासरूम को सैनिटाइज कराया गया, वहीं मास्क और सैनिटाइजर भी मौके पर पाया गया.
पढ़ें- डूंगरपुर: ACB ने 5 हजार की रिश्वत लेते ASI को किया गिरफ्तार, कोर्ट ने भेजा जेल
कलेक्टर जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक शांतिलाल सुथार के साथ टॉयलेट रूम पहुंचे और वहां की व्यवस्थाओं को देखा. कलेक्टर ने स्कूल प्रिंसिपल चंद्रशेखर त्रिपाठी से बच्चों की संख्या और उनके सीटिंग प्लान के बारे में आवश्यक जानकारी ली. कुल मिलाकर जिला कलेक्टर स्कूल प्रशासन की ओर से की गई व्यवस्थाओं से संतुष्ट नजर आए. प्रिंसिपल त्रिपाठी ने बताया कि पहले दिन 117 में से 81 बच्चे स्कूल पहुंचे. 11वीं और 12वीं के बच्चों की संख्या को देखते हुए इनके लिए दो-दो सेक्शन चलाए जा रहे हैं, वहीं नवीं और दसवीं के लिए एक एक सेक्शन चलाए जा रहा है. जैसे-जैसे बच्चों की संख्या बढ़ेगी, उसी के अनुरूप सेक्शंस बढ़ाए जाते रहेंगे. खासकर बालिकाओं के लिए अलग सेक्शन रखा गया है.