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चित्तौड़गढ़ में सिंचाई के लिए बांध से पानी छोड़ा, पानी के थपेड़ों से मगरमच्छ की मौत

चित्तौड़गढ़ में रावतभाटा के राणा प्रताप सागर बांध से हाड़ौती क्षेत्र के लिए पानी छोड़ा जा रहा है. इस पानी के छोड़े जाने पर एक मगरमच्छ के जबड़ों में गंभीर चोट आने से मौत हो गई. क्षेत्रीय वन अधिकारी दिनेश नाथ ने बताया कि छह महीने का मादा मगरमच्छ था. मगरमच्छ के बच्चे का पोस्टमार्टम करवाकर वन विभाग के कर्मचारियों ने उसे दफनाया.

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चित्तौड़गढ़ में सिंचाई के लिए बांध से पानी छोड़ा, पानी के थपेड़ों से मगरमच्छ की मौत
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Published : Jan 12, 2021, 9:23 AM IST

चित्तौड़गढ़. रावतभाटा के राणा प्रताप सागर बांध से हाड़ौती क्षेत्र के लिए पानी छोड़ा जा रहा है. इस पानी के साथ सोमवार को एक मगरमच्छ बह गया, जिसकी पानी के थपेड़ों से मौत हो गई.

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में जबड़ों में गंभीर चोट आने से मौत का होना बताया गया. हाड़ौती क्षेत्र के किसानों को खेतों में पिलाई के लिए बांध से एक गेट खोलकर पानी की निकासी की जा रही थी. इस दौरान राणा प्रताप सागर बांध के केचमेंट एरिया में एक मगरमच्छ मृत पाया गया. सूचना मिलने पर वन विभाग के कर्मचारियों ने मगरमच्छ को अपने कब्जे में लिया.

यह भी पढ़े: सीरम इंस्टीट्यूट से रवाना हुई कोविशील्ड वैक्सीन की पहली खेप

क्षेत्रीय वन अधिकारी दिनेश नाथ ने बताया कि छह महीने का मादा मगरमच्छ था, जो पानी के बहाव में पानी के थपेड़ों से बुरी तरह से जख्मी हो गया. उसकी मौके पर ही मौत हो गई, जिसे पशु चिकित्सालय ले जाया गया. जहां नोडल पशु चिकित्सक डॉक्टर अशोक जोगदंड, डॉक्टर सुनील शब्दे, डॉक्टर सुधीश यादव के पैनल ने पोस्टमार्टम किया.

डॉक्टर जोगदंड ने बताया कि तेज बहाव में मगरमच्छ का बच्चा घायल हुआ था. मगरमच्छ के जबड़े में गंभीर चोट आने से उसकी मौत हो गई. मगरमच्छ के बच्चे का पोस्टमार्टम करवाकर वन विभाग के कर्मचारियों ने उसे दफनाया. इस दौरान वनरक्षक विनोद यादव और विनोद जाट सहित अन्य कर्मचारी मौजूद रहे.

चित्तौड़गढ़. रावतभाटा के राणा प्रताप सागर बांध से हाड़ौती क्षेत्र के लिए पानी छोड़ा जा रहा है. इस पानी के साथ सोमवार को एक मगरमच्छ बह गया, जिसकी पानी के थपेड़ों से मौत हो गई.

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में जबड़ों में गंभीर चोट आने से मौत का होना बताया गया. हाड़ौती क्षेत्र के किसानों को खेतों में पिलाई के लिए बांध से एक गेट खोलकर पानी की निकासी की जा रही थी. इस दौरान राणा प्रताप सागर बांध के केचमेंट एरिया में एक मगरमच्छ मृत पाया गया. सूचना मिलने पर वन विभाग के कर्मचारियों ने मगरमच्छ को अपने कब्जे में लिया.

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क्षेत्रीय वन अधिकारी दिनेश नाथ ने बताया कि छह महीने का मादा मगरमच्छ था, जो पानी के बहाव में पानी के थपेड़ों से बुरी तरह से जख्मी हो गया. उसकी मौके पर ही मौत हो गई, जिसे पशु चिकित्सालय ले जाया गया. जहां नोडल पशु चिकित्सक डॉक्टर अशोक जोगदंड, डॉक्टर सुनील शब्दे, डॉक्टर सुधीश यादव के पैनल ने पोस्टमार्टम किया.

डॉक्टर जोगदंड ने बताया कि तेज बहाव में मगरमच्छ का बच्चा घायल हुआ था. मगरमच्छ के जबड़े में गंभीर चोट आने से उसकी मौत हो गई. मगरमच्छ के बच्चे का पोस्टमार्टम करवाकर वन विभाग के कर्मचारियों ने उसे दफनाया. इस दौरान वनरक्षक विनोद यादव और विनोद जाट सहित अन्य कर्मचारी मौजूद रहे.

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