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चित्तौड़गढ़ : सीमांकन को लेकर 14 से अधिक गांवों के ग्रामीणों ने जिला मुख्यालय पर किया प्रदर्शन

चितौड़गढ़ में गांवों के सीमांकन को लेकर 14 से अधिक गांव के ग्रामीणों ने जिला मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन किया. ग्रामीणों का आरोप है कि गांवों का सीमांकन राजनीतिक दबाव में किया गया है.

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Published : Oct 30, 2019, 10:07 PM IST

चितौड़गढ़. जिले के गंगरार उपखंड के 14 से अधिक गांव के ग्रामीणों ने चित्तौड़गढ़ जिला मुख्यालय पर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि राजनीतिक दबाव में गांवों का सीमांकन किया गया है.

चित्तौड़गढ़ में ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर कार्यालय पर किया प्रदर्शन

चितौड़गढ़ के 14 से अधिक गांवों के ग्रामीण जिला मुख्यालय पहुंचे. ग्रामीणों ने चित्तौड़गढ़ जिला कलेक्टर को ज्ञापन देकर गांवों के सीमांकन राजनेताओं के दबाव में करने का आरोप लगाया. ग्रामीणों ने बताया कि माताजी का खेड़ा, साकरी सहित पांच गांवों के सीमांकन के लिए आपत्ति जताई गई थी. जिस पर अधिकारियों ने उनकी आपत्ति स्वीकार कर ली और उसके बाद राजनेताओं के दबाव में 14 से अधिक गांवों को सीमांकन कर अन्य ग्राम पंचायतों में डाल दिया. वहीं गांव से ग्राम पंचायतों की दूरी 18 से 20 किलोमीटर तक है. जिससे ग्रामीणों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा.

यह भी पढ़ें. शहरों में RLP का प्रभाव भी कम नहीं, हम चाहते हैं BJP-RLP गठबंधन निकाय चुनाव में भी रहे: हनुमान बेनीवाल

ग्रामीणों का कहना है कि राजनीतिक दबाव के चलते ऐसा हुआ है. जिसको ग्रामीण बर्दाश्त नहीं करेंगे. उन्होंने सीमांकन को रद्द करने की मांग की है. ऐसा नहीं करने पर ग्रामीणों ने आंदोलन की धमकी दी है.

चितौड़गढ़. जिले के गंगरार उपखंड के 14 से अधिक गांव के ग्रामीणों ने चित्तौड़गढ़ जिला मुख्यालय पर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि राजनीतिक दबाव में गांवों का सीमांकन किया गया है.

चित्तौड़गढ़ में ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर कार्यालय पर किया प्रदर्शन

चितौड़गढ़ के 14 से अधिक गांवों के ग्रामीण जिला मुख्यालय पहुंचे. ग्रामीणों ने चित्तौड़गढ़ जिला कलेक्टर को ज्ञापन देकर गांवों के सीमांकन राजनेताओं के दबाव में करने का आरोप लगाया. ग्रामीणों ने बताया कि माताजी का खेड़ा, साकरी सहित पांच गांवों के सीमांकन के लिए आपत्ति जताई गई थी. जिस पर अधिकारियों ने उनकी आपत्ति स्वीकार कर ली और उसके बाद राजनेताओं के दबाव में 14 से अधिक गांवों को सीमांकन कर अन्य ग्राम पंचायतों में डाल दिया. वहीं गांव से ग्राम पंचायतों की दूरी 18 से 20 किलोमीटर तक है. जिससे ग्रामीणों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा.

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ग्रामीणों का कहना है कि राजनीतिक दबाव के चलते ऐसा हुआ है. जिसको ग्रामीण बर्दाश्त नहीं करेंगे. उन्होंने सीमांकन को रद्द करने की मांग की है. ऐसा नहीं करने पर ग्रामीणों ने आंदोलन की धमकी दी है.

Intro:चितौड़गढ़- जिले के गंगरार उपखण्ड के दो दर्जन से अधिक गांव के ग्रामीणों ने चित्तौड़गढ़ जिला मुख्यालय पर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियो ने राजनीतिक दबाव में गांवो के सीमांकन का आरोप लगाया ।Body:चितौड़गढ़- जिले के गंगरार उपखण्ड के दो दर्जन से अधिक गांव के ग्रामीणों ने चित्तौड़गढ़ जिला मुख्यालय पर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियो ने राजनीतिक दबाव में गांवो के सीमांकन का आरोप लगाया ।

चितौड़गढ़ के दो दर्जन के करीब गांव के ग्रामीण जिला मुख्यालय पहुंचे ,उन्होंने चित्तौड़गढ़ जिला कलेक्टर को ज्ञापन देकर गांवो के सीमांकन राजनेताओं के दबाव में करने का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने माताजी का खेड़ा, साकरी सहित पांच गांवो के सीमांकन के लिए आपत्ति जताई थी। जिस पर अधिकारियों ने उनकी आपत्ति स्वीकार कर ली और उसके बाद राजनेताओं के दबाव में 2 दर्जन से अधिक गांवों को सीमांकन कर अन्य ग्राम पंचायतों में डाल दिया गया। उन गांव से ग्राम पंचायतों की दूरी 18 से 20 किलोमीटर तक है

उन्होंने कहा कि राजनीतिक दबाव के चलते ऐसा हुआ है। जिसको ग्रामीण बर्दाश्त नहीं करेंगे उन्होंने सीमांकन को रद्द करने की मांग की तथा आंदोलन की धमकी भी दी है

Conclusion: बाइट / देवी सिंह राणावत भारतीय जनता पार्टी जिला महामंत्री
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