कपासन (चित्तौड़गढ़). रेलवे प्रशासन की ओर से सभी मानव रहित फाटकों को चिन्हित कर दुर्घटना रहित बनाने के उद्देश्य से अंडरब्रिज का निर्माण कराया, लेकिन अधूरे तकनीक सर्वे के चलते तैयार डिजाइन के ठीक विपरीत ऐसे अंडरब्रिजों का निर्माण कर दिया गया जो आमजन के लिए गले की फांस बन चुके हैं.
बता दें कि राहगीर अगर अण्डरब्रिज के रास्ते निकलते हैं तो वाहनों के खराब होने का डर और यदि अवैध रूप से रेल लाइन पार करते हैं तो जान जोखिम में. इन सब के बीच बडा सवाल ये उठता है कि आखिर रेलवे प्रशासन जनता के साथ ऐसा खेल क्यों खेल रहा है.
वैसे भी मानवाधिकार के ठीक विपरीत जाकर रेलवे ने मानव रहित फाटकों पर अण्डरब्रिज का निर्माण करा दिया है. जब तक वैकल्पिक मार्ग की सही व्यवस्था नहीं हो तब तक किसी मार्ग को स्थाई तौर पर बंद करना मानव अधिकारों की श्रेणी में आता है. भूपालसागर से आकोला मार्ग पर रेलवे की ओर से बनाया गया अंडरब्रिज भी अपनी गाथा गा रहा है. एक बार फिर वाहन चालकों, स्कूल के बच्चों और शिक्षक को परेशानी का सबब बनता नजर आया है.
वही, ग्रामीणों ने बताया कि रेलवे पटरी के ऊपर पानी के ज्यादा भरे होने और पानी को पंप से खाली नहीं करने पर पुलिया के नीचे से गुजरती एक चार पहिया गाड़ी के साईलेंसर में पानी भरा गया. जिससे गाड़ी पुलिया के नीचे पानी में ही बंद पड़ गई. जिसको काफी मशक्कत के बाद निकाला गया. विभाग अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है और अण्डरब्रिज से पानी निकासी की व्यवस्था नहीं कर पा रहा है. जिससे वाहनचालकों सहित राहगीरों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन रेलवे शायद किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहा है.