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चित्तौड़गढ़: अण्डरब्रिज में भरा पानी, सुविधा के नाम पर दुविधा में जनता

चित्तौड़गढ़ के कपासन क्षेत्र में बना रेलवे अंडरब्रिज आमजन के लिए सुविधाजन कम और गले की फांस ज्यादा साबित हो रहा है. अंडरब्रिज में हुए जलभराव के कारण लोगों का यहां से गुजरना किसी मुसीबत से कम नहीं है...

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Published : Jan 31, 2020, 11:44 PM IST

Railway Administration, चित्तौड़गढ़ की खबर
अंडरब्रिज बना लोगों के लिए परेशानी का कारण

कपासन (चित्तौड़गढ़). रेलवे प्रशासन की ओर से सभी मानव रहित फाटकों को चिन्हित कर दुर्घटना रहित बनाने के उद्देश्य से अंडरब्रिज का निर्माण कराया, लेकिन अधूरे तकनीक सर्वे के चलते तैयार डिजाइन के ठीक विपरीत ऐसे अंडरब्रिजों का निर्माण कर दिया गया जो आमजन के लिए गले की फांस बन चुके हैं.

बता दें कि राहगीर अगर अण्डरब्रिज के रास्ते निकलते हैं तो वाहनों के खराब होने का डर और यदि अवैध रूप से रेल लाइन पार करते हैं तो जान जोखिम में. इन सब के बीच बडा सवाल ये उठता है कि आखिर रेलवे प्रशासन जनता के साथ ऐसा खेल क्यों खेल रहा है.

अंडरब्रिज बना लोगों के लिए परेशानी का कारण

वैसे भी मानवाधिकार के ठीक विपरीत जाकर रेलवे ने मानव रहित फाटकों पर अण्डरब्रिज का निर्माण करा दिया है. जब तक वैकल्पिक मार्ग की सही व्यवस्था नहीं हो तब तक किसी मार्ग को स्थाई तौर पर बंद करना मानव अधिकारों की श्रेणी में आता है. भूपालसागर से आकोला मार्ग पर रेलवे की ओर से बनाया गया अंडरब्रिज भी अपनी गाथा गा रहा है. एक बार फिर वाहन चालकों, स्कूल के बच्चों और शिक्षक को परेशानी का सबब बनता नजर आया है.

पढ़ें- स्पेशल: बड़ी मुश्किल से पढ़ाई का खर्चा पाने वाले 'चंद्रपाल' में गजब का हुनर, हूबहू चित्रकारी करने में माहिर

वही, ग्रामीणों ने बताया कि रेलवे पटरी के ऊपर पानी के ज्यादा भरे होने और पानी को पंप से खाली नहीं करने पर पुलिया के नीचे से गुजरती एक चार पहिया गाड़ी के साईलेंसर में पानी भरा गया. जिससे गाड़ी पुलिया के नीचे पानी में ही बंद पड़ गई. जिसको काफी मशक्कत के बाद निकाला गया. विभाग अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है और अण्डरब्रिज से पानी निकासी की व्यवस्था नहीं कर पा रहा है. जिससे वाहनचालकों सहित राहगीरों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन रेलवे शायद किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहा है.

कपासन (चित्तौड़गढ़). रेलवे प्रशासन की ओर से सभी मानव रहित फाटकों को चिन्हित कर दुर्घटना रहित बनाने के उद्देश्य से अंडरब्रिज का निर्माण कराया, लेकिन अधूरे तकनीक सर्वे के चलते तैयार डिजाइन के ठीक विपरीत ऐसे अंडरब्रिजों का निर्माण कर दिया गया जो आमजन के लिए गले की फांस बन चुके हैं.

बता दें कि राहगीर अगर अण्डरब्रिज के रास्ते निकलते हैं तो वाहनों के खराब होने का डर और यदि अवैध रूप से रेल लाइन पार करते हैं तो जान जोखिम में. इन सब के बीच बडा सवाल ये उठता है कि आखिर रेलवे प्रशासन जनता के साथ ऐसा खेल क्यों खेल रहा है.

अंडरब्रिज बना लोगों के लिए परेशानी का कारण

वैसे भी मानवाधिकार के ठीक विपरीत जाकर रेलवे ने मानव रहित फाटकों पर अण्डरब्रिज का निर्माण करा दिया है. जब तक वैकल्पिक मार्ग की सही व्यवस्था नहीं हो तब तक किसी मार्ग को स्थाई तौर पर बंद करना मानव अधिकारों की श्रेणी में आता है. भूपालसागर से आकोला मार्ग पर रेलवे की ओर से बनाया गया अंडरब्रिज भी अपनी गाथा गा रहा है. एक बार फिर वाहन चालकों, स्कूल के बच्चों और शिक्षक को परेशानी का सबब बनता नजर आया है.

पढ़ें- स्पेशल: बड़ी मुश्किल से पढ़ाई का खर्चा पाने वाले 'चंद्रपाल' में गजब का हुनर, हूबहू चित्रकारी करने में माहिर

वही, ग्रामीणों ने बताया कि रेलवे पटरी के ऊपर पानी के ज्यादा भरे होने और पानी को पंप से खाली नहीं करने पर पुलिया के नीचे से गुजरती एक चार पहिया गाड़ी के साईलेंसर में पानी भरा गया. जिससे गाड़ी पुलिया के नीचे पानी में ही बंद पड़ गई. जिसको काफी मशक्कत के बाद निकाला गया. विभाग अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है और अण्डरब्रिज से पानी निकासी की व्यवस्था नहीं कर पा रहा है. जिससे वाहनचालकों सहित राहगीरों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन रेलवे शायद किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहा है.

Intro:कपासन-
गांव भोपालसागर स्थित रेलवेअण्डर ब्रिज में भरा पानी कार ,बस ,ट्रक अटकी पानी में। सुविधा के नाम पर दुविधा में आमजन।Body:कपासन-
गांव भोपालसागर स्थित रेलवेअण्डर ब्रिज में भरा पानी कार ,बस ,ट्रक अटकी पानी में। सुविधा के नाम पर दुविधा में आमजन।
रेलवे प्रशासन द्वारा सभी मानव रहित फाटकों को चिन्हित कर दुर्घटना रहित बनाने के उद्देश्य से अण्डरब्रीज का निर्माण किया गया । परंतु अधुरे तकनीक सर्वे के चलते तैयार डिजाइन के ठीक विपरीत ऐसे अण्डर ब्रीजों को निर्माण कर दिया गया ।जो आमजन के लिए गले की फांस बन चुके हैं । राहगीर अगर अण्डरब्रीज के रास्ते निकलते हैं तो वाहनों के खराब होने का डर और यदि अवैध रूप से रेल लाइन पार करते हैं तो जान जोखिम में। इन सब के बीच बडा़ सवाल ये उठता है कि आखिर रेल प्रशासन जनता के साथ ऐसा खेल क्यों खेल रहा है । वैसे भी मानवाधिकार के ठीक विपरीत जाकर रेलवे ने मिनव रहित फाटकों पर अण्डरब्रीज के निर्माण करा दिया है जब तक वैकल्पिक मार्ग की सही व्यवस्था नहीं हो तब तक किसी मार्ग को स्थाई तौर पर बंद करना मानव अधिकारों के श्रेणी में आता है।
भूपालसागर से आकोला मार्ग पर रेलवे द्वारा बनाया गया अण्डर ब्रिज भी अपनी गाथा गा रहा है ।एक बार फिर वाहन चालकों व स्कूल के बच्चों व शिक्षक को परेशानी का सबब बनता नजर आया है। वही ग्रामीणों ने रेलवे
पटरी के ऊपर निकाली बाईक को शुक्रवार सवेरे फिर पानी के जयादा भराने तथा पानी को पंप द्वारा खाली नहीं करने पर पुलिया के निचे से गुजरती एक चार पहिया गाड़ी के साईलेंसर में पानी भरा गया जिससे गाड़ी पुलिया के निचे पानी में ही बंद पड गई, जिसको काफी मशक्कत के बाद निकाला गया।
विभाग अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है तथा अण्डरब्रिज से पानी निकासी की व्यवस्था नहीं कर पा रहा है, जिससे वाहनचालकों सहित राहगिरों को काफि परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। परंतु रेलवे शायद किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहा है।Conclusion:बाइट-भेरू लाल बारेगामा
राहगीर
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