चितौड़गढ़. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो उदयपुर की टीम ने चित्तौड़गढ़ जिले के गंगरार पंचायत समिति के विकास अधिकारी को 50 हजार रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है. विकास अधिकारी ने जूनियर टेक्निकल असिस्टेंट (जेटीए) को रिलीव नहीं करने के बदले में रिश्वत की राशि ली थी. एसीबी की टीम विकास अधिकारी को गिरफ्तार कर चित्तौड़गढ़ ले आई है, जहां उससे पूछताछ की जा रही है.
एसीबी उदयपुर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुधीर जोशी ने बताया कि गंगरार पंचायत समिति में कार्यरत जूनियर टेक्निकल असिस्टेंट अनिल यादव ने एसीबी के उदयपुर कार्यालय में शिकायत दी थी. इसमें बताया कि प्रार्थी का स्थानांतरण गंगरार से भैंसरोड़गढ़ पंचायत समिति में हो गया है. पारिवारिक कारणों से वह जाना नहीं चाहता था और गंगरार पंचायत समिति में कार्य करना चाहता था.
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इसके लिए प्रार्थी ने गंगरार पंचायत समिति के विकास अधिकारी रूप सिंह गुर्जर से बात करते हुए अपनी समस्या बताई. साथ ही कुछ दिनों बाद रिलीव करने का आग्रह किया था. इस पर रूप सिंह गुर्जर ने प्रार्थी से रिलीव नहीं करने की एवज में एक लाख रुपए की रिश्वत मांगी. साथ ही पैसे नहीं देने पर तत्काल रिलीव करने की धमकी भी दी. इस पर प्रार्थी ने एक साथ एक लाख रुपए देने में असमर्थता जताई, तो विकास अधिकारी ने टुकड़ों में पैसे देने को कहा.
एसीबी ने इस शिकायत का सत्यापन करवाया तो मामला सही पाया. इस पर एसीबी के सीआई हरिश्चंद्र सिंह के नेतृत्व में ट्रैप कार्रवाई के लिए टीम भेजी गई. यहां पंचायत समिति कार्यालय में विकास अधिकारी ने जैसे ही रिश्वत की राशि ली, इशारा पाकर एसीबी की टीम ने विकास अधिकारी को पकड़ लिया. जिसे गिरफ्तार कर टीम चित्तौड़गढ़ एसीबी कार्यालय लेकर आई. यहां आरोपी से पूछताछ की जा रही है. जानकारी के अनुसार विकास अधिकारी मूल रूप से करौली जिले का रहने वाला है.