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चित्तौड़गढ़: बैंकों से ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश, तीन आरोपी गिरफ्तार

चित्तौड़गढ़ पुलिस ने कार्रवाई करते हुए एटीएम मशीन को हैक कर बैंकों से ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है. पुलिस ने इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है.

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Published : Aug 1, 2020, 12:45 PM IST

बैंकों से ठगी करने वाला गिरफ्तार

चित्तौड़गढ़. शहर की कोतवाली थाना पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है. पुलिस ने एटीएम मशीन को हैक कर बैंकों से करीब एक करोड़ की ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है. इस मामले में यूपी के गिरोह की एक महिला सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

बैंकों से ठगी करने वाला गिरफ्तार

पुलिस ने इनके बैंक खातों में जमा करीब 36 लाख रुपए को भी फ्रीज करवा दिया है. इस मामले में पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से 61 एटीएम कार्ड और मोबाइल जब्त किए हैं. पुलिस गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ में जुटी है. गिरफ्तार आरोपितों में दो भाई शामिल हैं. वारदात का खुलासा चित्तौड़गढ़ पुलिस उप अधीक्षक अमितसिंह ने किया.

पढ़ेंः बाड़ेबंदी में बंद विधायकों के वेतन रोकने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर

पुलिस उपाधीक्षक ने बताया कि गत 20 फरवरी को एसबीआई के एटीएम को संचालित करने वाली टीएसआई कंपनी के सुपरवाइजर नरेंद्र सिंह ने रिपोर्ट दी थी. इसमें बताया कि एसबीआई के एटीएम से छेड़छाड़ कर अज्ञात व्यक्तियों ने करीब 4 लाख 68 हजार 400 निकाले हैं.

इस पर कोतवाली थाना पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू कर दी. मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक दीपक भार्गव के निर्देशन और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सरिता सिंह, डिप्टी एसपी अमित सिंह के सुपरविजन में टीम गठित कर मामले की जांच शुरू कर दी गई है. इसमें यह बात सामने आई कि धोखाधड़ी कर विभिन्न एटीएम का इस्तेमाल कर रुपए निकाले गए हैं.

कोतवाली पुलिस ने जांच के बाद सीसीटीवी फुटेज और तकनीकी साक्ष्य के आधार पर मनमोहन और हरीश चंद्र और मेनका को नामजद किया. मेनका को लखनऊ से और मनमोहन और हरीशचंद्र को उदयपुर से दस्तियाब कर पुलिस चित्तौड़गढ़ ले आई है.

पढ़ेंः राजस्थान की राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना जैसलमेर, बचे हुए विधायक आ सकते हैं आज

चित्तौड़गढ़ पुलिस की पूछताछ में सामने आया कि गत 1 वर्ष में इन लोगों ने विभिन्न बैंक एटीएम मशीन को हैक कर रुपए निकाले हैं. इसके साथ ही बैंकों के एटीएम से रुपए नहीं निकलने की शिकायत कर रिफंड प्राप्त किया. तीनों आरोपियों को जांच-पड़ताल के बाद गिरफ्तार कर लिया गया है.

राजस्थान और उत्तरप्रदेश में की वारदात

डिप्टी एसपी अमित सिंह ने बताया कि आरोपियों ने चित्तौड़गढ़ के अलावा राजस्थान में जयपुर, उदयपुर, भीलवाड़ा, अजमेर और उत्तरप्रदेश के लखनऊ, कानपुर, ओरई सहित कई स्थानों पर इस प्रकार की वारदातों को अंजाम दिया है.

पुलिस ने फ्रीज करवा दिए बैंक खाते

पुलिस ने आरोपियों से प्राप्त धनराशि के बारे में पूछताछ की तो पता चला कि वे रुपए को अपने अथवा परिजनों के बैंक खातों में जमा करावा देते थे. पुलिस ने तीनों के बैंक खातों की जांच की तो इनमें 36 लाख रुपए से अधिक की राशि होने की जानकारी मिली. इस पर पुलिस ने तीनों ही बैंक खातों को फ्रीज करवा दिया है. इनसे विभिन्न बैंकों के एटीएम कार्ड और घटना में प्रयुक्त मोबाइल जब्त किए गए हैं.

यूं देते थे वारदात को अंजाम

आरोपी अपने परिचितों के एटीएम कार्ड हासिल कर एटीएम मशीन से रुपए निकालने के दौरान मशीन को हैक कर लेते और रुपए भी एटीएम से ले लेते. बाद में बैंक को शिकायत कर रिफंड भी प्राप्त कर लेते हैं. इस तरह बैंकों के साथ धोखाधड़ी कर रहे थे.

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इस टीम ने की कार्रवाई

मामले में चित्तौड़गढ़ कोतवाली थानाधिकारी तुलसीराम, सदर थानाधिकारी विक्रमसिंह, सब इंस्पेक्टर करनाराम, एएसआई, हेड कांस्टेबल बालमुकंद और रामपाल कांस्टेबल, कांस्टेबल रंजीतपूरी, हीरालाल, दीपक, भगवत सिंह, भरत सिंह, कमलेंद्र सिंह, संजय, महिला कांस्टेबल मंजू और ललिता की टीम ने आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की.

चित्तौड़गढ़. शहर की कोतवाली थाना पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है. पुलिस ने एटीएम मशीन को हैक कर बैंकों से करीब एक करोड़ की ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है. इस मामले में यूपी के गिरोह की एक महिला सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

बैंकों से ठगी करने वाला गिरफ्तार

पुलिस ने इनके बैंक खातों में जमा करीब 36 लाख रुपए को भी फ्रीज करवा दिया है. इस मामले में पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से 61 एटीएम कार्ड और मोबाइल जब्त किए हैं. पुलिस गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ में जुटी है. गिरफ्तार आरोपितों में दो भाई शामिल हैं. वारदात का खुलासा चित्तौड़गढ़ पुलिस उप अधीक्षक अमितसिंह ने किया.

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पुलिस उपाधीक्षक ने बताया कि गत 20 फरवरी को एसबीआई के एटीएम को संचालित करने वाली टीएसआई कंपनी के सुपरवाइजर नरेंद्र सिंह ने रिपोर्ट दी थी. इसमें बताया कि एसबीआई के एटीएम से छेड़छाड़ कर अज्ञात व्यक्तियों ने करीब 4 लाख 68 हजार 400 निकाले हैं.

इस पर कोतवाली थाना पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू कर दी. मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक दीपक भार्गव के निर्देशन और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सरिता सिंह, डिप्टी एसपी अमित सिंह के सुपरविजन में टीम गठित कर मामले की जांच शुरू कर दी गई है. इसमें यह बात सामने आई कि धोखाधड़ी कर विभिन्न एटीएम का इस्तेमाल कर रुपए निकाले गए हैं.

कोतवाली पुलिस ने जांच के बाद सीसीटीवी फुटेज और तकनीकी साक्ष्य के आधार पर मनमोहन और हरीश चंद्र और मेनका को नामजद किया. मेनका को लखनऊ से और मनमोहन और हरीशचंद्र को उदयपुर से दस्तियाब कर पुलिस चित्तौड़गढ़ ले आई है.

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चित्तौड़गढ़ पुलिस की पूछताछ में सामने आया कि गत 1 वर्ष में इन लोगों ने विभिन्न बैंक एटीएम मशीन को हैक कर रुपए निकाले हैं. इसके साथ ही बैंकों के एटीएम से रुपए नहीं निकलने की शिकायत कर रिफंड प्राप्त किया. तीनों आरोपियों को जांच-पड़ताल के बाद गिरफ्तार कर लिया गया है.

राजस्थान और उत्तरप्रदेश में की वारदात

डिप्टी एसपी अमित सिंह ने बताया कि आरोपियों ने चित्तौड़गढ़ के अलावा राजस्थान में जयपुर, उदयपुर, भीलवाड़ा, अजमेर और उत्तरप्रदेश के लखनऊ, कानपुर, ओरई सहित कई स्थानों पर इस प्रकार की वारदातों को अंजाम दिया है.

पुलिस ने फ्रीज करवा दिए बैंक खाते

पुलिस ने आरोपियों से प्राप्त धनराशि के बारे में पूछताछ की तो पता चला कि वे रुपए को अपने अथवा परिजनों के बैंक खातों में जमा करावा देते थे. पुलिस ने तीनों के बैंक खातों की जांच की तो इनमें 36 लाख रुपए से अधिक की राशि होने की जानकारी मिली. इस पर पुलिस ने तीनों ही बैंक खातों को फ्रीज करवा दिया है. इनसे विभिन्न बैंकों के एटीएम कार्ड और घटना में प्रयुक्त मोबाइल जब्त किए गए हैं.

यूं देते थे वारदात को अंजाम

आरोपी अपने परिचितों के एटीएम कार्ड हासिल कर एटीएम मशीन से रुपए निकालने के दौरान मशीन को हैक कर लेते और रुपए भी एटीएम से ले लेते. बाद में बैंक को शिकायत कर रिफंड भी प्राप्त कर लेते हैं. इस तरह बैंकों के साथ धोखाधड़ी कर रहे थे.

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इस टीम ने की कार्रवाई

मामले में चित्तौड़गढ़ कोतवाली थानाधिकारी तुलसीराम, सदर थानाधिकारी विक्रमसिंह, सब इंस्पेक्टर करनाराम, एएसआई, हेड कांस्टेबल बालमुकंद और रामपाल कांस्टेबल, कांस्टेबल रंजीतपूरी, हीरालाल, दीपक, भगवत सिंह, भरत सिंह, कमलेंद्र सिंह, संजय, महिला कांस्टेबल मंजू और ललिता की टीम ने आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की.

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