चित्तौड़गढ़. राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष रिटायर्ड जस्टिस गोपालकृष्ण व्यास सदस्य महेश गोयल के साथ दो दिवसीय दौरे पर मंगलवर को चित्तौड़गढ़ (Human Rights Commission Chairman visit to Chittorgarh) पहुंचे. आयोग के अध्यक्ष ने जिला चिकित्सालय के निरीक्षण से पहले विशेष बातचीत के दौरान कहा कि महाराणा प्रताप स्वाभिमान के प्रतीक थे. उन्होंने कहा कि आयोग का मुख्य मकसद लोगों के अधिकारों की रक्षा करना है.
हमारे पास परिवाद आते हैं, लेकिन मुख्यालय जयपुर होने से परिवादी पहुंच नहीं पाते. इसलिए हमने हर जिला स्तर पर जाने का एक रोड मैप बनाया है. उसी के श्रृंख्ला में चित्तौड़गढ़ का कार्यक्रम बनाया गया है. चित्तौड़गढ़ जिले से संबंधित फाइलों को भी यहां लाया गया है ताकि अधिकारियों से मौके पर ही आवश्यक जानकारी ली जा सके.
एक सवाल के जवाब में मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष ने कहा कि न्यायिक और प्रशासनिक प्रक्रिया के ढांचे में विस्तार की जरूरत है. क्योंकि 1947 में हमारे देश की जनसंख्या 35 करोड़ थी, जबकि आज बढ़कर 135 करोड़ तक पहुंच गई है. लेकिन उसके मुकाबले मानव संसाधन का विस्तार नहीं हो पाया. इस दौरान उन्होंने मुफ्त की योजनाओं पर सवाल उठाते हुए कहा कि निकम्मा बनाने के बजाए उन्हें रोजगार के अवसर दिए जाने चाहिए. खासकर साधन संपन्न लोगों को मुफ्त की योजनाओं से लाभान्वित करने पर असंतोष जताते हुए उन्होंने कहा कि घर बैठे लोगों के टैक्स के पैसों से साधन संपन्न लोगों को घर बैठे सामान पहुंचा कर निकम्मा बनाया जा रहा है.