चितौड़गढ़. जिले के बेगूं थाना क्षेत्र में स्थित मेनाल के जंगलों में करीब 11 साल पहले हुए बहुचर्चित दोहरे हत्याकांड के मामले में फरार सुमेरसिंह की गिरफ्तारी को लेकर चित्तौड़गढ़ पुलिस अधीक्षक ने 2 हजार रुपए का इनाम घोषित किया है. इस आरोपी की गिरफ्तारी और सूचना देने वाले को 2 हजार रुपए का इनाम दिया जाएगा.
पुलिस अधीक्षक दीपक भार्गव ने बेगूं थाना क्षेत्र में साल 2009 में हुए मेनाल दोहरे हत्याकाण्ड मामले में अब तक फरार चल रहे एक अभियुक्त की गिरफ्तारी पर इनाम घोषित कर दिया है. जिला पुलिस अधीक्षक ने बताया कि, बेगूं के प्रकरण संख्या 129/2009 धारा 147, 148, 149, 302, 120 बी और धारा 3/25 आर्म्स एक्ट में वांछित चल रहे आरोपी सुमेर सिंह निवासी महावीर नगर तृतीय कोटा शहर की काफी तलाश की गई. इसका अभी तक कोई पता नहीं चला. आरोपित की तलाश अभी भी जारी है. एसपी ने आदेश में बताया कि, उक्त आरोपी के बारे में कोई भी व्यक्ति सूचना देगा या पता बताएगा, उस व्यक्ति को जिला पुलिस अधीक्षक चित्तौड़गढ़ की तरफ से 2 हजार रुपए का नकद पुरस्कार दिया जाएगा. सूचना देने वाले का नाम गुप्त रखा जाएगा.
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बता दें कि, साल 2009 में कोटा के दो गैंगों में आपसी विवाद के चलते क्षेत्र के मेनाल के पास हुई गैंगवार में कोटा के गैंगस्टर भानु प्रताप सिंह गिरोह ने योजनाबद्ध तरीके से ब्रजराज सिंह सहित दो लोगों की मेनाल के जंगल में गोलियों से भून कर हत्या कर दी थी. इस वारदात में भानु प्रताप सिंह गिरोह की शाहीन नामक युवती का बड़ा रोल था. जिसे पड़ताल के चलते पुलिस ने गिरफ्तार कर पूरी योजना का पर्दाफाश किया गया था. दोहरे हत्याकांड के बाद भी दोनों गैंगस्टरों की गैंग में बदला लेने की वारदात होती रहीं. इसी बीच गिरफ्तार किए गए गैंगस्टर भानु प्रताप सिंह को पुलिस उदयपुर जेल से कोटा की और पेशी पर ले जा रही थी. पेशी पर ले जाते समय विरोधी खेमे ने जिले के निकट भीलवाड़ा के सलावटिया के पास पुलिस कस्टडी में ही भानुप्रताप सिंह की हत्या कर दी थी. वहीं, हत्याकांड के मामले में सुमेर सिंह 2009 से ही फरार चल रहा है. पुलिस सूत्रों के अनुसार उसके खिलाफ विभिन्न आपराधिक धाराओं में करीब 28 मामले दर्ज हैं.