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राम मंदिर की नींव में डाली जाएगी जौहर स्थल की मिट्टी और गोमुख कुंड का जल - जौहर स्थल की मिट्टी

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए चितौड़गढ़ दुर्ग स्थित जौहर स्थल की मिट्टी और गोमुख कुंड का जल भी भेजा जाएगा. चित्तौड़ी आठम महोत्सव समिति के पदाधिकारियों ने महंत चंद्रभारती के सानिध्य में जौहर स्थल से मिट्टी लाकर विधि विधान से पूजा अर्चना की है. गौरतलब है कि अयोध्या में 5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भूमि पूजन करेंगे.

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राम मंदिर निर्माण के लिए चित्तौड़गढ़ से भेजी जा रही मिट्टी और जल
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Published : Jul 30, 2020, 6:18 PM IST

चित्तौड़गढ़. अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का कार्य 5 अगस्त से शुरू होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भूमि पूजन करने अयोध्या जाएंगे. राम मंदिर निर्माण के लिए चितौड़गढ़ दुर्ग स्थित जौहर स्थल की मिट्टी और गोमुख कुंड का जल भी भेजा जाएगा. चित्तौड़ी आठम महोत्सव समिति के पदाधिकारियों ने महंत चंद्रभारती के सानिध्य में जौहर स्थल से मिट्टी लाकर विधि विधान से पूजा अर्चना की है.

राम मंदिर निर्माण के लिए चित्तौड़गढ़ से भेजी जा रही मिट्टी और जल

चित्तौड़ी आठम महोत्सव समिति के अमन गौड़ ने बताया कि गुरुवार को समिति के पदाधिकारियों ने महंत चन्द्रभारती महाराज के सानिध्य में केशरिया भूमि दुर्ग पर जाकर जौहर स्थान से पवित्र मिट्टी और गोमुख कुंड से पवित्र जल लिया. इसके बाद हजारेश्वर मन्दिर में मिट्टी और जल का विधि विधान से पूजन किया गया. इस दौरान महंत के साथ ही पंडितों ने मंत्रोचारण किया.

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राम मंदिर निर्माण के लिए भेजी जा रही मिट्टी और जल का किया गया पूजन

पढ़ें: विधानसभा सत्र आहूत होने तक सभी विधायक होटल में ही रुकेंगेः सीएम गहलोत

वहीं, हजारेश्वर मंदिर के महंत चंद्रभारती महाराज ने बताया कि राम मंदिर करोड़ों हिंदुओं की आस्था का केंद्र है. राम मंदिर का निर्माण होना यानि रामराज्य का आना है. सैकड़ों सालों से हिंदू समाज को प्रतिक्षा थी कि भव्य राम मंदिर बने, अब ये सपना पूरा होने जा रहा है.

चित्तौड़ी आठम महोत्सव समिति के मुकेश नाहटा ने बताया कि ये पवित्र मिट्टी और जल अयोध्या में 5 अगस्त को होने जा रहे राम जन्मभूमि पूजन के कार्यक्रम में भिजवाई जाएगी. मंदिर की नींव में इसका भी उपयोग किया जाएगा.

पढ़ें: Special : रक्षाबंधन पर कोरोना का 'ग्रहण'...बहनें खुद बना रहीं राखियां

मुकेश नाहटा का कहना है कि हम सौभाग्यशाली है कि हम अपनी आंखों से श्रीराम का भव्य मंदिर बनता हुआ देख रहे है. 500 साल के काल खंड में कई युद्ध हुए और कई कारसेवकों ने इसके लिए अपना बलिदान दिया है. ये हमारी सनातन आस्था का केंद्र है. कोरोना काल के कारण हम राम मन्दिर के भूमि पूजन में नहीं जा सकते. लेकिन, यहां की पवित्र मिट्टी और जल भेजकर अपने आप को सौभाग्यशाली और गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं.

चित्तौड़गढ़. अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का कार्य 5 अगस्त से शुरू होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भूमि पूजन करने अयोध्या जाएंगे. राम मंदिर निर्माण के लिए चितौड़गढ़ दुर्ग स्थित जौहर स्थल की मिट्टी और गोमुख कुंड का जल भी भेजा जाएगा. चित्तौड़ी आठम महोत्सव समिति के पदाधिकारियों ने महंत चंद्रभारती के सानिध्य में जौहर स्थल से मिट्टी लाकर विधि विधान से पूजा अर्चना की है.

राम मंदिर निर्माण के लिए चित्तौड़गढ़ से भेजी जा रही मिट्टी और जल

चित्तौड़ी आठम महोत्सव समिति के अमन गौड़ ने बताया कि गुरुवार को समिति के पदाधिकारियों ने महंत चन्द्रभारती महाराज के सानिध्य में केशरिया भूमि दुर्ग पर जाकर जौहर स्थान से पवित्र मिट्टी और गोमुख कुंड से पवित्र जल लिया. इसके बाद हजारेश्वर मन्दिर में मिट्टी और जल का विधि विधान से पूजन किया गया. इस दौरान महंत के साथ ही पंडितों ने मंत्रोचारण किया.

चित्तौड़गढ़ न्यूज़, राम मंदिर, Soil of Jauhar site, Water of Gomukh Kund
राम मंदिर निर्माण के लिए भेजी जा रही मिट्टी और जल का किया गया पूजन

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वहीं, हजारेश्वर मंदिर के महंत चंद्रभारती महाराज ने बताया कि राम मंदिर करोड़ों हिंदुओं की आस्था का केंद्र है. राम मंदिर का निर्माण होना यानि रामराज्य का आना है. सैकड़ों सालों से हिंदू समाज को प्रतिक्षा थी कि भव्य राम मंदिर बने, अब ये सपना पूरा होने जा रहा है.

चित्तौड़ी आठम महोत्सव समिति के मुकेश नाहटा ने बताया कि ये पवित्र मिट्टी और जल अयोध्या में 5 अगस्त को होने जा रहे राम जन्मभूमि पूजन के कार्यक्रम में भिजवाई जाएगी. मंदिर की नींव में इसका भी उपयोग किया जाएगा.

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मुकेश नाहटा का कहना है कि हम सौभाग्यशाली है कि हम अपनी आंखों से श्रीराम का भव्य मंदिर बनता हुआ देख रहे है. 500 साल के काल खंड में कई युद्ध हुए और कई कारसेवकों ने इसके लिए अपना बलिदान दिया है. ये हमारी सनातन आस्था का केंद्र है. कोरोना काल के कारण हम राम मन्दिर के भूमि पूजन में नहीं जा सकते. लेकिन, यहां की पवित्र मिट्टी और जल भेजकर अपने आप को सौभाग्यशाली और गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं.

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