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चित्तौड़गढ़ दुर्ग पर आयोजित हुआ साका और जौहर स्मरण कार्यक्रम, वीरांगनाओं और शहीदों को दी गई श्रद्धांजलि

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Published : Feb 26, 2021, 7:50 AM IST

चित्तौड़गढ़ दुर्ग पर गुरुवार को साका एवं जौहर स्मरण कार्यक्रम गुरुवार को पर आयोजित किया गया. चित्तौड़गढ़ के वात्सल्य संस्थान और जयपुर के निमित्तेकम संस्था के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम के दौरान जौहर करने वाली वीरांगनाओं और चित्तौड़गढ़ दुर्ग पर हुए शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई. समारोह में निमित्तेकम संस्था के अध्यक्ष डाॅ. ओमेन्द्र रत्नु ने 40 हजार से अधिक जनसंहार करने वाले मुगल आक्रांता अकबर को महान बताना इस सदी का सबसे बड़ा झूठ बताया.

Chittorgarh News, साका और जौहर स्मरण कार्यक्रम
चित्तौड़गढ़ दुर्ग पर साका और जौहर स्मरण कार्यक्रम आयोजित

चित्तौड़गढ़. जिले में वात्सल्य संस्थान और जयपुर के निमित्तेकम संस्था के संयुक्त तत्वावधान में गुरुवार को साका एवं जौहर स्मरण कार्यक्रम विश्व विख्यात चित्तौड़गढ़ दुर्ग पर आयोजित किया गया. इस दौरान जौहर करने वाली वीरांगनाओं और चित्तौड़गढ़ दुर्ग पर हुए शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई. साथ ही हवन किया गया. कार्यक्रम में वक्ताओं ने मुगल आक्रांता अकबर को महान बताना सदी का सबसे बड़ा झूठ बताया. कार्यक्रम में पाक विस्थापित हिन्दू भी शामिल हुए थे.

जानकारी के अनुसार साका एवं जौहर स्मरण एवं श्रद्धांजली कार्यक्रम दुर्ग स्थित वन विभाग की नर्सरी में हुआ. यहां निकट स्थित भीमलत कुण्ड में 25 फरवरी 1568 को जनजौहर की हुवात्माओं का तर्पण किया गया. वेद विद्यालय और बरून्दनी (जिला-भीलवाड़ा) से आए 21 विद्वानों ने वैदिक विधि-विधान से तर्पण कराया. श्रद्धांजली समारोह में महाराणा कुम्भा जन्म भूमि सेवा समिति मदारिया के अध्यक्ष एवं महाराणा प्रताप विजय स्मारक दिवेर के महामंत्री नारायण उपाध्याय ने अपने उद्बोधन में कहा कि जो जाति अपना इतिहास भूला देती है, वो समय के साथ स्वयं नष्ट हो जाती है. आवश्यकता इतिहास को ठीक प्रकार से समझ कर अपने देश और धर्म के हित में कार्य करने वाले युवकों की है.

चित्तौड़गढ़ दुर्ग पर साका और जौहर स्मरण कार्यक्रम आयोजित

पढ़ें: 'भारत व्यापार बंद' के तहत जयपुर में नहीं बंद होंगे बाजार, CM को सौंपेंगे ज्ञापन

समारोह में निमित्तेकम संस्था के अध्यक्ष डाॅ. ओमेन्द्र रत्नु ने आज के इतिहास पर स्वरचित कविता पाठ करते हुए इतिहास को वामपंथियों की दूषित दृष्टि से परे हट कर सच्चाई से जानने की परम आवश्यकता बताया. उन्होंने कहा कि 40 हजार से अधिक जनसंहार करने वाले मुगल आक्रांता अकबर को महान बताना इस सदी का सबसे बड़ा झूठ है. महाराणा प्रताप पराजित नहीं विश्व विजेता एवं हिन्दुत्व के सिरमौर है. उन्होंने कहा कि जिस समय दुनिया मुगलों की आंधी के सम्मुख नतमस्तक थी, उस समय मेवाड़ शान से खड़ा रहा. मेवाड़ के अद्वितीय लोगों ने जौहर व साका किया, लेकिन झुके नहीं. यह अद्भूत इतिहास स्मरणीय तो है ही, साथ ही नवीन पीढ़ी के लिये प्रेरणादाय भी है. युवाओं को इसे पढ़ना चाहिए और अनुभव कर गौरवान्वित होना चाहिए. गंगरार के गिरीराज काखानी ने चित्तौड़गढ़ के इतिहास को रेखांकित करता गीत प्रस्तुत किया.

समारोह में पाकिस्तान से विस्थापित होकर आए भागचन्द भील, गोवर्धन मेघवाल और राजेश चंवरिया ने पाकिस्तान में निवास कर रहे हिन्दुओं की स्थिति का मार्मिक चित्रण किया. साथ ही निमित्तेकम संस्था के प्रयासों को रेखांकित किया. निमित्तेकम संस्था पाक विस्थापितों को प्रशासनिक सहायता, रोजगार उपलबध कराना, उन्हें देश में स्थापित कर गौरवपूर्ण जीवन यापन के लिए सहायता करता है.

पढ़ें: जेईई मेन 2021: कोविड-19 के चलते 12वीं बोर्ड सिलेबस से निकाले गए हिस्से से आ रहे सवाल

समारोह के मुख्य वक्ता सीमा जागरण मंच केन्द्र दिल्ली के अखिल भारतीय सहसंगठन मंत्री मुरलीधर ने आह्वान किया कि हमारे पुरखों ने अपना सर्वस्व देकर धर्म देश की रक्षा की. आज आवश्यकत उनको स्मरण कर देश धर्म के लिए काम करने की है. उन्होंने कहा कि हिन्दू संसार में कहीं भी रहता है, वो भारतीय है. उन्हें विस्थापित नहीं कह कर भारतीय ही कहा जाना चाहिए. युवा पीढ़ी को गौरवशाली इतिहास से जोड़ने की तीव्र आवश्यकता है. मंच पर उपस्थित धोतेश्वर महादेव के महन्त अवध बिहारीदास ने आशीर्वाद दिया. इस दौरान पूर्व सभापति सुशील शर्मा, पुष्कर नराणियां, पीयूष बोल, महावीर गांग, विश्वनाथ टांक, कैलाश शर्मा, श्रवण सिंह राव, मोहन भट्ट सपत्नीक हवन में बैठे. आर्य गुरुकुल के वेदपाठी बटुकों ने भी हवन में भाग लिया. समारोह का संचालन डाॅ. सुशीला लड्ढा एवं श्रवणसिंह राव ने किया.

चित्तौड़गढ़. जिले में वात्सल्य संस्थान और जयपुर के निमित्तेकम संस्था के संयुक्त तत्वावधान में गुरुवार को साका एवं जौहर स्मरण कार्यक्रम विश्व विख्यात चित्तौड़गढ़ दुर्ग पर आयोजित किया गया. इस दौरान जौहर करने वाली वीरांगनाओं और चित्तौड़गढ़ दुर्ग पर हुए शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई. साथ ही हवन किया गया. कार्यक्रम में वक्ताओं ने मुगल आक्रांता अकबर को महान बताना सदी का सबसे बड़ा झूठ बताया. कार्यक्रम में पाक विस्थापित हिन्दू भी शामिल हुए थे.

जानकारी के अनुसार साका एवं जौहर स्मरण एवं श्रद्धांजली कार्यक्रम दुर्ग स्थित वन विभाग की नर्सरी में हुआ. यहां निकट स्थित भीमलत कुण्ड में 25 फरवरी 1568 को जनजौहर की हुवात्माओं का तर्पण किया गया. वेद विद्यालय और बरून्दनी (जिला-भीलवाड़ा) से आए 21 विद्वानों ने वैदिक विधि-विधान से तर्पण कराया. श्रद्धांजली समारोह में महाराणा कुम्भा जन्म भूमि सेवा समिति मदारिया के अध्यक्ष एवं महाराणा प्रताप विजय स्मारक दिवेर के महामंत्री नारायण उपाध्याय ने अपने उद्बोधन में कहा कि जो जाति अपना इतिहास भूला देती है, वो समय के साथ स्वयं नष्ट हो जाती है. आवश्यकता इतिहास को ठीक प्रकार से समझ कर अपने देश और धर्म के हित में कार्य करने वाले युवकों की है.

चित्तौड़गढ़ दुर्ग पर साका और जौहर स्मरण कार्यक्रम आयोजित

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समारोह में निमित्तेकम संस्था के अध्यक्ष डाॅ. ओमेन्द्र रत्नु ने आज के इतिहास पर स्वरचित कविता पाठ करते हुए इतिहास को वामपंथियों की दूषित दृष्टि से परे हट कर सच्चाई से जानने की परम आवश्यकता बताया. उन्होंने कहा कि 40 हजार से अधिक जनसंहार करने वाले मुगल आक्रांता अकबर को महान बताना इस सदी का सबसे बड़ा झूठ है. महाराणा प्रताप पराजित नहीं विश्व विजेता एवं हिन्दुत्व के सिरमौर है. उन्होंने कहा कि जिस समय दुनिया मुगलों की आंधी के सम्मुख नतमस्तक थी, उस समय मेवाड़ शान से खड़ा रहा. मेवाड़ के अद्वितीय लोगों ने जौहर व साका किया, लेकिन झुके नहीं. यह अद्भूत इतिहास स्मरणीय तो है ही, साथ ही नवीन पीढ़ी के लिये प्रेरणादाय भी है. युवाओं को इसे पढ़ना चाहिए और अनुभव कर गौरवान्वित होना चाहिए. गंगरार के गिरीराज काखानी ने चित्तौड़गढ़ के इतिहास को रेखांकित करता गीत प्रस्तुत किया.

समारोह में पाकिस्तान से विस्थापित होकर आए भागचन्द भील, गोवर्धन मेघवाल और राजेश चंवरिया ने पाकिस्तान में निवास कर रहे हिन्दुओं की स्थिति का मार्मिक चित्रण किया. साथ ही निमित्तेकम संस्था के प्रयासों को रेखांकित किया. निमित्तेकम संस्था पाक विस्थापितों को प्रशासनिक सहायता, रोजगार उपलबध कराना, उन्हें देश में स्थापित कर गौरवपूर्ण जीवन यापन के लिए सहायता करता है.

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समारोह के मुख्य वक्ता सीमा जागरण मंच केन्द्र दिल्ली के अखिल भारतीय सहसंगठन मंत्री मुरलीधर ने आह्वान किया कि हमारे पुरखों ने अपना सर्वस्व देकर धर्म देश की रक्षा की. आज आवश्यकत उनको स्मरण कर देश धर्म के लिए काम करने की है. उन्होंने कहा कि हिन्दू संसार में कहीं भी रहता है, वो भारतीय है. उन्हें विस्थापित नहीं कह कर भारतीय ही कहा जाना चाहिए. युवा पीढ़ी को गौरवशाली इतिहास से जोड़ने की तीव्र आवश्यकता है. मंच पर उपस्थित धोतेश्वर महादेव के महन्त अवध बिहारीदास ने आशीर्वाद दिया. इस दौरान पूर्व सभापति सुशील शर्मा, पुष्कर नराणियां, पीयूष बोल, महावीर गांग, विश्वनाथ टांक, कैलाश शर्मा, श्रवण सिंह राव, मोहन भट्ट सपत्नीक हवन में बैठे. आर्य गुरुकुल के वेदपाठी बटुकों ने भी हवन में भाग लिया. समारोह का संचालन डाॅ. सुशीला लड्ढा एवं श्रवणसिंह राव ने किया.

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