चित्तौड़गढ़. जिला मुख्यालय स्थित जिला कारागृह में बंदियों ने राशन व्यवस्था में सुधार और उप कारापाल के व्यवहार के खिलाफ हड़ताल शुरू की है. यहां कुल 17 बंदी भूख हड़ताल पर हैं. इनमें से 12 बंदियों को तबियत बिगड़ने पर शनिवार को जिला चिकित्सालय भेजा गया. बंदियों ने अपनी मांगों को लेकर जेल प्रशासन को एक लिखित रिपोर्ट भी दी है. जिसमें मांगें नहीं माने जाने तक भूख हड़ताल पर रहने की चेतावनी दी गई है.
बंदियों की भूख हड़ताल से जेल प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है. बंदियों से समझाईश का प्रयास जारी है. जानकारी के अनुसार, चितौड़गढ़ जिला कारागृह के बंदियों के 2 दिन पहले हड़ताल पर जाने की सूचना मिली है. जिला जेल में बंद कुल बंदियों में से 17 बंदी हड़ताल पर हैं. ये बंदी जेल में राशन व्यवस्था और उप कारापाल के व्यवहार से खफा बताए जा रहे हैं. हड़ताल के दौरान 17 बंदियों में से 12 की तबियत बिगड़ने पर उन्हें चिकित्सालय भेजना पड़ा, जहां उन्हें भर्ती कर लिया गया.
बंदियों ने मुख्य रूप से चित्तौड़गढ़ जिला कारागृह में तैनात उप कारापाल विकास बागोरिया के व्यवहार को लेकर असंतोष जताया है. बंदियों का आरोप है कि जेल में उनके साथ उप कारापाल की ओर से अभद्र व्यवहार किया जा रहा है. मीडिया से बातचीत में उन्होंने भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं. वहीं, अपनी मांगों को लेकर बंदियों ने जेल प्रशासन को लिखित में एक प्रार्थना पत्र भी दिया था. इसमें उन्होंने राशन व्यवस्था पर असंतोष जताया, साथ ही उनके व्यवहार को लेकर में खासा आक्रोश जताया.
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उन्होंने पत्र में लिखा है कि उप कारापाल का व्यवहार सही नहीं है. उनके अभद्र व्यवहार से परेशान हैं. उधर, जेल प्रशासन की ओर से यह भी कहा जा रहा है कि समय समय पर जेल में तलाशी अभियान चलाया जाता है, जिसकी वजह से इन बंदियों को परेशानी होती है. इस संबंध में जेल उपाधीक्षक डुलेसिंह ने फोन पर बताया कि बंदी हड़ताल पर उतरे हुए हैं. हड़ताल खत्म करने के लिए उनसे समझाइश की जा रही है, लेकिन अभी वे तैयार नहीं हुए हैं. बंदियों की ओर से अपनी मांगों को लेकर एक प्रार्थना पत्र दिया गया है. इस प्रार्थना पत्र में उन्होंने राशन व्यवस्था में सुधार करने के अलावा उपकारापाल के ऊपर अभद्र व्यवहार करने का आरोप भी लगाया है. इस संबंध में उच्चाधिकारियों को को भी अवगत करवा दिया गया है.