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कपासन: डोडा पोस्त नष्ट करवाने आये अधिकारियों को किसानों ने ज्ञापन देकर लौटाया - डोडा पोस्त

चित्तौड़गढ़ के कपासन में प्रशासन और आबकारी अधिकारियों को अफीम काश्तकारों ने ज्ञापन देकर लौटा दिया. काश्तकारों का कहना है कि पूर्व में राज्य सरकार की ओर से डोडा चूरा की खरीद की जाती रही है. लेकिन, कुछ वर्षों से सरकार की ओर से डोडा चूरा की खरीद बंद कर नष्टीकरण की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई. जो किसानों के हित में नहीं है.

चित्तौड़गढ़ की खबर, डोडा पोस्त, Poppy tenants
अधिकारियों को किसानों ने ज्ञापन देकर लौटाया
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Published : Dec 17, 2019, 11:21 PM IST

कपासन (चित्तौड़गढ़). क्षेत्र में डोडा चूरा नष्ट करण के लिए गांव हथियाना के किर खेड़ा पहुंचे प्रशासन और आबकारी अधिकारियों को अफीम काश्तकारों ने सविनय ज्ञापन देकर पुनः लौटाया. बता दें कि आबकारी विभाग और प्रशासन की संयुक्त निगरानी में डोडा चूरा नष्टीकरण कार्रवाई को अंजाम देने के लिए मंगलवार को गांव हथियाना के मजरा किर खेड़ा पहुंचे. कपासन उपखंड अधिकारी विनोद कुमार और आबकारी निरीक्षक को अफीम काश्तकारों ने एक ज्ञापन सौंपकर डोडा चूरा नष्टीकरण नहीं करवाने की बात कही.

अधिकारियों को किसानों ने ज्ञापन देकर लौटाया

वहीं, अफीम काश्तकारों ने बताया कि पूर्व में राज्य सरकार की ओर से डोडा चूरा की खरीद की जाती रही है. लेकिन, कुछ वर्षों से सरकार की ओर से डोडा चूरा की खरीद बंद कर नष्टीकरण की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई. जो किसानों के हित में नहीं है. दिन रात मेहनत कर अफीम की फसल तैयार की जाती है. उसी फसल से निकलने वाले डोडा चूरा को विभागीय अधिकारियों की देखरेख में यदि नष्ट करवाया जाता है तो किसानों के साथ कुठाराघात होगा.

पढ़ें- चित्तौड़गढ़ः मल्टीमीडिया प्रदर्शनी में हुई प्रतियोगिताएं, विजेताओं को किया गया सम्मानित

इस ज्ञापन में डोडा चूरा नष्टीकरण से पूर्व सरकार प्रति किलो 1200 रुपए का मुआवजा निर्धारित करें. तब अफीम काश्तकार डोडा चूरा नष्ट करवाने के लिए तैयार रहेगा. इस पर प्रशासन और आबकारी अधिकारियों ने किसानों की मांग को राज्य सरकार तक पहुंचाने का आश्वासन दिया. प्रशासन और आबकारी विभाग अधिकारी डोडा चूरा नष्ट करवाए बिना लौट आए. इस अवसर पर बुद्धाखेडा हथियाना, ताराखेड़ी, रंडियारडी दामाखेड़ा, दांता, गोविंदपुरा, छापरी के काश्तकार उपस्थित थे.

कपासन (चित्तौड़गढ़). क्षेत्र में डोडा चूरा नष्ट करण के लिए गांव हथियाना के किर खेड़ा पहुंचे प्रशासन और आबकारी अधिकारियों को अफीम काश्तकारों ने सविनय ज्ञापन देकर पुनः लौटाया. बता दें कि आबकारी विभाग और प्रशासन की संयुक्त निगरानी में डोडा चूरा नष्टीकरण कार्रवाई को अंजाम देने के लिए मंगलवार को गांव हथियाना के मजरा किर खेड़ा पहुंचे. कपासन उपखंड अधिकारी विनोद कुमार और आबकारी निरीक्षक को अफीम काश्तकारों ने एक ज्ञापन सौंपकर डोडा चूरा नष्टीकरण नहीं करवाने की बात कही.

अधिकारियों को किसानों ने ज्ञापन देकर लौटाया

वहीं, अफीम काश्तकारों ने बताया कि पूर्व में राज्य सरकार की ओर से डोडा चूरा की खरीद की जाती रही है. लेकिन, कुछ वर्षों से सरकार की ओर से डोडा चूरा की खरीद बंद कर नष्टीकरण की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई. जो किसानों के हित में नहीं है. दिन रात मेहनत कर अफीम की फसल तैयार की जाती है. उसी फसल से निकलने वाले डोडा चूरा को विभागीय अधिकारियों की देखरेख में यदि नष्ट करवाया जाता है तो किसानों के साथ कुठाराघात होगा.

पढ़ें- चित्तौड़गढ़ः मल्टीमीडिया प्रदर्शनी में हुई प्रतियोगिताएं, विजेताओं को किया गया सम्मानित

इस ज्ञापन में डोडा चूरा नष्टीकरण से पूर्व सरकार प्रति किलो 1200 रुपए का मुआवजा निर्धारित करें. तब अफीम काश्तकार डोडा चूरा नष्ट करवाने के लिए तैयार रहेगा. इस पर प्रशासन और आबकारी अधिकारियों ने किसानों की मांग को राज्य सरकार तक पहुंचाने का आश्वासन दिया. प्रशासन और आबकारी विभाग अधिकारी डोडा चूरा नष्ट करवाए बिना लौट आए. इस अवसर पर बुद्धाखेडा हथियाना, ताराखेड़ी, रंडियारडी दामाखेड़ा, दांता, गोविंदपुरा, छापरी के काश्तकार उपस्थित थे.

Intro:कपासन-
क्षेत्र में डोडा चूरा नष्ट करण के लिए गांव हथियाना के किर खेड़ा पहुंचे प्रशासन व आबकारी अधिकारियों को अफीम काश्तकारों ने सविनय ज्ञापन देकर पुनः लौटाया। Body:कपासन-
क्षेत्र में डोडा चूरा नष्ट करण के लिए गांव हथियाना के किर खेड़ा पहुंचे प्रशासन व आबकारी अधिकारियों को अफीम काश्तकारों ने सविनय ज्ञापन देकर पुनः लौटाया।
बता दे कि आबकारी विभाग व प्रशासन के संयुक्त निगरानी में डोडा चूरा नष्टीकरण कार्यवाही को अंजाम देने के लिए मंगलवार को गांव हथियाना के मजरा किर खेड़ा पहुंचे। कपासन उपखंड अधिकारी विनोद कुमार व आबकारी निरीक्षक को अफीम काश्तकारों ने एक ज्ञापन सौंपकर डोडा चूरा नष्टीकरण नहीं करवाने की बात कही।वही ें अफीम काश्तकारों ने बताया कि पूर्व में राज्य सरकार द्वारा डोडा चूरा की खरीद की जाती रही है लेकिन कुछ वर्षों से सरकार द्वारा डोडा चूरा की खरीद बंद कर नष्टीकरण की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई । जो किसानों के हित में नहीं है। दिन रात मेहनत कर अफीम की फसल तैयार की जाती है। उसी फसल से निकलने वाले डोडा चूरा को विभागीय अधिकारियों की देखरेख में यदि नष्ट करवाया जाता है तो किसानों के साथ कुठाराघात होगा। ज्ञापन में डोडा चूरा नष्टीकरण से पूर्व सरकार प्रति किलो 1200 रुपए का मुआवजा निर्धारित करें । तब अफीम काश्तकार डोडा चूरा नष्ट करवाने के लिए तैयार रहेगा। इस पर प्रशासन व आबकारी अधिकारियों ने किसानों की मांग को राज्य सरकार तक पहुंचाने का आश्वासन दिया । प्रशासन व आबकारी विभाग अधिकारी डोडा चूरा नष्ट करवाए बिना लौट आए। इस अवसर पर बुद्धाखेडा़हथियाना,ताराखेड़ी,रंडियारडी़ दामाखेड़ा,दांता,गोविंदपुरा, छापरी के काश्तकार उपस्थित थे।
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Conclusion:बाइट- उपखण्ड अधिकारी- विनोद कुमार
अफीम काश्तकार - शम्भुदयाल टेलर
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