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लाखों भक्तों ने सांवलिया सेठ के दर्शन कर की नये साल की शुरुआत

चित्तौड़गढ़ जिले के मंडफिया कस्बे में स्थित भगवान श्री सांवलिया सेठ के लाखों भक्त हैं, जो अपने आराध्य के दर्शन कर नववर्ष की शुरुआत करते हैं. यही वजह है, कि इस बार भी भगवान के दर्शन करने नववर्ष पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु उमड़े.

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सांवलिया सेठ के दर्शन कर नये साल की शुरूआत
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Published : Jan 1, 2020, 3:05 PM IST

चित्तौड़गढ़. देश में कई लोग ऐसे हैं, जो अंग्रेजी नववर्ष की शुरुवात 31 दिसंबर की रात पार्टी और आतिशबाजी कर हुड़दंग के साथ करते हैं, वहीं चित्तौड़गढ़ जिले के मंडफिया कस्बे में स्थित भगवान श्री सांवलिया सेठ के लाखों भक्त अपने आराध्य के दर्शन कर नववर्ष की शुरुआत करते हैं. यही वजह है, कि अंग्रेजी नववर्ष के बावजूद भगवान के दर्शन करने नववर्ष पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु उमड़े. सुबह से ही भक्तों की कतारें लगीं. भक्तों का मानना है, कि आराध्य के दर्शन कर नववर्ष की शुरुआत करने से उनका पूरा साल अच्छा जाएगा. श्रद्धालुओं ने दर्शन कर सभी की उन्नति की भी कामना की है.

सांवलिया सेठ के दर्शन कर नये साल की शुरूआत

चित्तौड़गढ़ जिले के प्रख्यात कृष्ण धाम भगवान सांवलिया सेठ के मंदिर में श्रद्धालुओं ने थर्टी फर्स्ट और नववर्ष धार्मिक भावना के साथ मनाया. सांवलिया सेठ के मंदिर में श्रद्धालु पिछले एक दशक से विभिन्न आयोजन करते हैं. भगवान सांवलिया सेठ के मंदिर में 31 दिसंबर की शाम होते ही श्रद्धालुओं का पहुंचना शुरू हो गया.

यहां की बड़ी-बड़ी धर्मशालाएं, गेस्ट हाउस, होटलें श्रद्धालुओं से भर गईं. देर रात 12 बजे मंदिर परिसर के बाहर श्रद्धालुओं ने जमकर आतिशबाजी करते हुए सांवलिया सेठ के जयकारे लगाए. वहीं रात्रि में भजन संध्या का भी आयोजन हुआ. नववर्ष सुबह की किरण से पहले ही मंगला आरती में हजारों की संख्या में पदयात्री सांवलिया सेठ के दरबार में पहुंच गए. दिन चढ़ने के साथ ही श्रद्धालुओं की संख्या में बढ़ोतरी हुई.

पढ़ें- नए साल में कामखेड़ा बालाजी धाम पहुंचेंगे श्रद्धालु, मंदिर प्रशासन ने की पूरी तैयारी

मंदिर में नववर्ष के अवसर पर सुबह से ही कतारें लगीं. मंदिर प्रशासन की ओर से भीड़ को देखते हुए इंतजाम किए गए. मंदिर के बाहर और कॉरिडोर में कतार की व्यवस्था की गई. जगह-जगह श्रद्धालुओं को रोका गया,ताकि धक्का-मुक्की की नौबत नहीं आये.

मंडफिया थाना पुलिस के अलावा मंदिर प्रशासन के निजी गार्ड ने सुरक्षा व्यवस्था संभाली. पूरे गांव में चार पहिया वाहनों का जमावड़ा लगने से कई बार जाम की स्थिति बनी तो पुलिस को पहुंचना पड़ा.

चित्तौड़गढ़. देश में कई लोग ऐसे हैं, जो अंग्रेजी नववर्ष की शुरुवात 31 दिसंबर की रात पार्टी और आतिशबाजी कर हुड़दंग के साथ करते हैं, वहीं चित्तौड़गढ़ जिले के मंडफिया कस्बे में स्थित भगवान श्री सांवलिया सेठ के लाखों भक्त अपने आराध्य के दर्शन कर नववर्ष की शुरुआत करते हैं. यही वजह है, कि अंग्रेजी नववर्ष के बावजूद भगवान के दर्शन करने नववर्ष पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु उमड़े. सुबह से ही भक्तों की कतारें लगीं. भक्तों का मानना है, कि आराध्य के दर्शन कर नववर्ष की शुरुआत करने से उनका पूरा साल अच्छा जाएगा. श्रद्धालुओं ने दर्शन कर सभी की उन्नति की भी कामना की है.

सांवलिया सेठ के दर्शन कर नये साल की शुरूआत

चित्तौड़गढ़ जिले के प्रख्यात कृष्ण धाम भगवान सांवलिया सेठ के मंदिर में श्रद्धालुओं ने थर्टी फर्स्ट और नववर्ष धार्मिक भावना के साथ मनाया. सांवलिया सेठ के मंदिर में श्रद्धालु पिछले एक दशक से विभिन्न आयोजन करते हैं. भगवान सांवलिया सेठ के मंदिर में 31 दिसंबर की शाम होते ही श्रद्धालुओं का पहुंचना शुरू हो गया.

यहां की बड़ी-बड़ी धर्मशालाएं, गेस्ट हाउस, होटलें श्रद्धालुओं से भर गईं. देर रात 12 बजे मंदिर परिसर के बाहर श्रद्धालुओं ने जमकर आतिशबाजी करते हुए सांवलिया सेठ के जयकारे लगाए. वहीं रात्रि में भजन संध्या का भी आयोजन हुआ. नववर्ष सुबह की किरण से पहले ही मंगला आरती में हजारों की संख्या में पदयात्री सांवलिया सेठ के दरबार में पहुंच गए. दिन चढ़ने के साथ ही श्रद्धालुओं की संख्या में बढ़ोतरी हुई.

पढ़ें- नए साल में कामखेड़ा बालाजी धाम पहुंचेंगे श्रद्धालु, मंदिर प्रशासन ने की पूरी तैयारी

मंदिर में नववर्ष के अवसर पर सुबह से ही कतारें लगीं. मंदिर प्रशासन की ओर से भीड़ को देखते हुए इंतजाम किए गए. मंदिर के बाहर और कॉरिडोर में कतार की व्यवस्था की गई. जगह-जगह श्रद्धालुओं को रोका गया,ताकि धक्का-मुक्की की नौबत नहीं आये.

मंडफिया थाना पुलिस के अलावा मंदिर प्रशासन के निजी गार्ड ने सुरक्षा व्यवस्था संभाली. पूरे गांव में चार पहिया वाहनों का जमावड़ा लगने से कई बार जाम की स्थिति बनी तो पुलिस को पहुंचना पड़ा.

Intro:नववर्ष पर सांवलिया सेठ के दर भक्तों का रैला, दर्शन से की शुरुवात
चित्तौड़गढ़। देश में कई लोग ऐसे हैं जो अंग्रेजी नव वर्ष की शुरुवात 31 दिसंबर की रात पार्टी व आतिशबाजी कर और हुड़दंग के साथ करते हैं।वहीं चित्तौड़गढ़ जिले मंडफिया कस्बे में स्थित भगवान श्री सांवलिया सेठ के लाखों लाख भक्त हैं, जो अपने आराध्य के दर्शन कर नववर्ष की शुरुआत करते हैं। यही कारण है कि अंग्रेजी नववर्ष के बावजूद भगवान के दर्शन करने नव वर्ष पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु उमड़ पड़े। सुबह से भक्तों की कतारें लगी हुई है। भक्तों का मानना है कि आराध्य के दर्शन कर नववर्ष की शुरुवात करने से उनका पूरा वर्ष अच्छा जाएगा। श्रद्धालुओं ने दर्शन कर सभी की उन्नति की भी कामना की है।
Body:चित्तौड़गढ़ जिले के प्रख्यात कृष्ण धाम भगवान सांवरिया सेठ के मंदिर में श्रद्धालुओं ने थर्टी फर्स्ट व नव वर्ष धार्मिक भावना के साथ मनाया। आज कल शहरों में बड़ी बड़ी होटलों में थर्टी फर्स्ट व नव वर्ष मौज शोक के मनाते हैं। लेकिन सांवलिया सेठ के मंदिर में श्रद्धालु पिछले एक दशक से भगवान के संग धार्मिक भावनाओं के साथ ही विभिन्न आयोजन करते हैं। भगवान सांवलिया सेठ के मंदिर में 31 दिसंबर की शाम होते ही श्रद्धालुओं का पहुंचना शुरू हो गया। यहां की बड़ी-बड़ी धर्मशालाएं, गेस्ट हाउस, होटलें आदि श्रद्धालुओं से भर गई। देर रात 12 बजे मंदिर परिसर के बाहर श्रद्धालुओं ने जम कर आतिशबाजी करते हुवे सांवलिया सेठ के जयकारे लगाए। वहीं रात्रि में भजन संध्या का भी आयोजन हुआ। इधर, नववर्ष सुबह की किरण से पहले ही मंगला आरती में हजारों की संख्या में पद यात्री सांवलिया सेठ के दरबार में पहुंच गए। दिन चढ़ने के साथ ही श्रद्धालुओं की संख्या में भारी बढ़ोतरी हुई। मंदिर में नव वर्ष के अवसर पर सुबह से ही कतारें लगी हुई हैं। श्रद्धालु राजभोग आरती में भगवान के संग जम कर दर्शन के लाभ उठा रहे हैं। दोपहर तक यहां कतार लगने का क्रम जारी है जो रात 10 बजे तक रहेगा। इधर, मंदिर प्रशासन की और से भारी भीड़ को देखते हुवे भारी बंदोबस्त किए थे। मंदिर के बाहर और कॉरिडोर में कतार की व्यवस्था की गई। जगह-जगह श्रद्धालुओ को रोका जिससे कि धक्का मुक्की की नोबत नहीं आये। मंडफिया थाना पुलिस के अलावा मंदिर प्रशासन के निजी गार्ड सुरक्षा व्यवस्था संभाले हुवे हैं। वहीं पूरे गांव में चार पहिया वाहनों का जमावड़ा लगा हुवा है। कई बार जाम की स्थिति बनी तो पुलिस को पहुंचना पड़ा है।Conclusion:
बाइट - 01. शोभालाल, श्रद्धालु चित्तौड़गढ़
02. शालिनी, श्रद्धालु कोटा
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