चित्तौड़गढ़. सांसद सीपी जोशी ने सोमवार को नई दिल्ली में भारतीय विमानापत्तत प्राधिकरण के चेयरमैन अनुज अग्रवाल और मेंबर प्लानिंग अनिल कुमार पाठक सें भेंट की. इस दौरान सांसद जोशी ने महाराणा प्रताप हवाई अड्डा, उदयपुर से संबधीत विभिन्न विषयों, अन्तर्राष्ट्रीय उड़ानों को प्रारंभ करने, घरेलू उड़ानों की संख्या में वृद्धि व एयरपोर्ट पर विभिन्न सुविधाओं व आधारभूत सरंचना के विस्तार के संबध में चर्चा की.
सांसद जोशी ने इस भेंट के दौरान महाराणा प्रताप हवाई अड्डा, उदयपुर से खाड़ी देशों के लिए नई अर्न्तराष्ट्रीय उडानों को प्रारंभ किए जाने की अत्यन्त आवश्यकता को दर्शाते हुए बताया कि उदयपुर हवाई अड्डा दक्षिणी राजस्थान का महत्वपुर्ण हवाई अड्डा जो कि पर्यटन स्थल, वेडिंग डेस्टीनेशन है. यहां पर टूर पैकेज से भी हजारों पर्यटक आते हैं. उदयपुर से खाड़ी देशों में भी हजारों लोग कार्य करते हैं तथा वहां व्यापार व रोजगार में लगे हैं. इसके साथ ही उदयपुर हवाई अड्डा अर्न्तराष्ट्रीय स्तर के सभी मापदण्ड पूर्ण करता है तो यहां से अर्न्तराष्ट्रीय उडानों को प्रारंभ किया जाए.
सांसद जोशी ने बताया कि भारतीय विमानापत्तत प्राधिकरण के द्वारा महाराणा प्रताप हवाई अड्डा, उदयपुर पर अन्तर्राष्ट्रीय उड़ानों को प्रारंभ करने हेतु आवश्यक जमीन के आंवटन का प्रस्ताव राज्य सरकार के पास भिजवाया गया है, राज्य सरकार के द्वारा जमीन का आंवटन करते ही अन्तर्राष्ट्रीय उड़ानों को प्रारंभ करने का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा. इसके साथ ही राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से विधानसभा से अन्तर्राष्ट्रीय उड़ानों को प्रारंभ करने का प्रस्ताव भिजवाए जाने का भी आग्रह किया, जिससे उदयपुर से अन्तर्राष्ट्रीय उड़ानों का शीघ्रातिशीघ्र प्रारंभ किया जा सके.
नई घरेलू उड़ानों को प्रारंभ किए जाने को लेकर कहा कि उदयपुर से दिल्ली, जयपुर तथा मुम्बई की उडानों में वृद्धि की जाए तथा पुणे, गोवा कोलकाता, वाराणसी, हैदाराबाद, सूरत, इंदौर, बैंगलोर, चैन्नई के लिए और नई उड़ानों को प्रारंभ किया जाए, जिससे यहां के निवासियों को त्वरित आवागमन का साधन मिल सके. इसके साथ ही लॉकडाउन के पश्चात पूर्व में जो उड़ाने चलती थी, उन सभी को भी नियमित किया जाए.
इसके साथ ही महाराणा प्रताप हवाई अड्डा, उदयपुर के लिए विभिन्न विकास कार्यों एवं यात्री सुविधाओं में विस्तार की आवश्यकता है. विगत वर्षों में केन्द्र सरकार के द्वारा जो प्रस्ताव इसके लिए बनाए गए हैं, उनका शीघ्र क्रियान्यवन किया जाए. जिससे यहां पर आधारभूति सुविधाओं के साथ साथ हवाईअड्डे की विकास भी हो. जिससे नयी व अधिक संख्या में उडानों की सुनिश्चित किया जा सके.