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चित्तौड़गढ़: कोरोनाकाल में वसूला गया 1 करोड़ 2 लाख से अधिक का जुर्माना, करीब 80 हजार लोगों के कटे चालान

चित्तौड़गढ़ में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए कोरोना काल में करीब 80,000 लोगों के चालान काटे. वहीं एक करोड़ से अधिक की राशि बतौर जुर्माना वसूली गई. पुलिस ने 47 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर 37 लोगों को गिरफ्तार भी किया था.

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चित्तौड़गढ़ में करीब 80 हजार लोगों के कटे चालान
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Published : Jun 6, 2021, 4:53 PM IST

चित्तौड़गढ़. जिले में पुलिस ने प्रशासन के साथ लोगों से कोरोना गाइडलाइन का पालन करवाने के लिए हर संभव प्रयास किए. और जिन लोगों ने इन गाइडलाइन का पालन नहीं किया. उनके खिलाफ कार्यवाही करने से भी नहीं हिचकिचाई. लोगों ने कोरोना काल के दौरान किस प्रकार लापरवाही बरती इसका अंदाजा पुलिस की कार्रवाई के आंकड़ों से लगाया जा सकता है. जिसमें करीब 80,000 लोगों के चालान काटे गए. वहीं एक करोड़ से अधिक की राशि बतौर जुर्माना वसूली गई.

चित्तौड़गढ़ में करीब 80 हजार लोगों के कटे चालान

मामले में जिला पुलिस अधीक्षक दीपक भार्गव का कहना है कि अनावश्यक रूप से पुलिस भी किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं चाहती. हमने गाइडलाइन का पालन करवाने के लिए समझाइश भी की. लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद कुछ लोग अपनी हरकतों से बाज नहीं आते. इसी कारण हमें बाध्य होकर महामारी अधिनियम के तहत कार्यवाही भी करनी पड़ी. उन्होंने कहा कि अभी भी कोरोना संक्रमण का खतरा टला नहीं है ऐसे में अनावश्यक रूप से घूमने फिरने वाले लोगों पर आगे भी हमारी सख्ती जारी रहेगी.

1 करोड़ 2 लाख से अधिक का वसूला जुर्माना

आंकड़े बताते हैं कि पुलिस की शक्ति सबसे अधिक अप्रैल महीने में नजर आई. जब 30 लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई और 25 वाहन जप्त करते हुए 47 लोगों के खिलाफ पुलिस में प्राथमिकी दर्ज की गई. वहीं 37 लोगों को गिरफ्तार किया गया. इस दौरान 28871 लोगों के खिलाफ चालान की कार्रवाई करते हुए 36 लाख 95 हजार रुपये की जुर्माना राशि वसूली गई. कोरोना संक्रमण की शुरुआत से अब तक की पुलिस कार्यवाही पर नजर डालें तो 201 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई. वहीं शांति भंग सहित महामारी अधिनियम के तहत 831 लोगों को गिरफ्तार करते हुए 79276 लोगों के चालान बनाए गए. और एक करोड़ 2 लाख से अधिक की राशि बतौर जुर्माना वसूल की गई.

पढ़ें: पहले बुजुर्ग महिला से रास्ता पूछा फिर टॉप्स छीनकर भागे बाइकसवार, ग्रामीणों ने पकड़कर पुलिस को सौंपा

जानकारी के लिए बता दें कि कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन करवाने के लिए सरकार ने महामारी अधिनियम लागू किया. जिसमें अलग-अलग कृत्य के लिए अलग-अलग कानूनी कार्रवाई का प्रावधान किया गया था. हालांकि प्रशासन की कुछ कोशिशें काफी हद तक कामयाब भी रही. लेकिन महामारी के इस दौर में भी कई लोग अनावश्यक रूप से बाजार में घूमने फिरने से भी बाज नहीं आए.

चित्तौड़गढ़. जिले में पुलिस ने प्रशासन के साथ लोगों से कोरोना गाइडलाइन का पालन करवाने के लिए हर संभव प्रयास किए. और जिन लोगों ने इन गाइडलाइन का पालन नहीं किया. उनके खिलाफ कार्यवाही करने से भी नहीं हिचकिचाई. लोगों ने कोरोना काल के दौरान किस प्रकार लापरवाही बरती इसका अंदाजा पुलिस की कार्रवाई के आंकड़ों से लगाया जा सकता है. जिसमें करीब 80,000 लोगों के चालान काटे गए. वहीं एक करोड़ से अधिक की राशि बतौर जुर्माना वसूली गई.

चित्तौड़गढ़ में करीब 80 हजार लोगों के कटे चालान

मामले में जिला पुलिस अधीक्षक दीपक भार्गव का कहना है कि अनावश्यक रूप से पुलिस भी किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं चाहती. हमने गाइडलाइन का पालन करवाने के लिए समझाइश भी की. लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद कुछ लोग अपनी हरकतों से बाज नहीं आते. इसी कारण हमें बाध्य होकर महामारी अधिनियम के तहत कार्यवाही भी करनी पड़ी. उन्होंने कहा कि अभी भी कोरोना संक्रमण का खतरा टला नहीं है ऐसे में अनावश्यक रूप से घूमने फिरने वाले लोगों पर आगे भी हमारी सख्ती जारी रहेगी.

1 करोड़ 2 लाख से अधिक का वसूला जुर्माना

आंकड़े बताते हैं कि पुलिस की शक्ति सबसे अधिक अप्रैल महीने में नजर आई. जब 30 लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई और 25 वाहन जप्त करते हुए 47 लोगों के खिलाफ पुलिस में प्राथमिकी दर्ज की गई. वहीं 37 लोगों को गिरफ्तार किया गया. इस दौरान 28871 लोगों के खिलाफ चालान की कार्रवाई करते हुए 36 लाख 95 हजार रुपये की जुर्माना राशि वसूली गई. कोरोना संक्रमण की शुरुआत से अब तक की पुलिस कार्यवाही पर नजर डालें तो 201 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई. वहीं शांति भंग सहित महामारी अधिनियम के तहत 831 लोगों को गिरफ्तार करते हुए 79276 लोगों के चालान बनाए गए. और एक करोड़ 2 लाख से अधिक की राशि बतौर जुर्माना वसूल की गई.

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जानकारी के लिए बता दें कि कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन करवाने के लिए सरकार ने महामारी अधिनियम लागू किया. जिसमें अलग-अलग कृत्य के लिए अलग-अलग कानूनी कार्रवाई का प्रावधान किया गया था. हालांकि प्रशासन की कुछ कोशिशें काफी हद तक कामयाब भी रही. लेकिन महामारी के इस दौर में भी कई लोग अनावश्यक रूप से बाजार में घूमने फिरने से भी बाज नहीं आए.

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