चित्तौड़गढ़. प्रदेश से बाल विवाह का अभिशाप अभी तक खत्म नहीं हुआ है (child marriage in Chittorgarh). बाल विवाह जैसी सामाजिक रुढियों बच्चियों का भविष्य खराब कर रही है. बाल विवाह में परिजनों के कारण बच्चियां कुछ बोल नहीं पाती लेकिन क्षेत्र की एक नाबालिग लड़की ने हिम्मत दिखाकर इस कुरीति को कड़ी चुनौती दी है (Chittorgarh Minor stopped Child Marriage). किशोरी अपनी शादी रुकवाने के लिए पुलिस अधीक्षक के पास पहुंच गई.
जिला मुख्यालय से 25 किलोमीटर दूर स्थित बस्सी क्षेत्र में रहने वाली 15 वर्षीय किशोरी पुलिस अधीक्षक राजेंद्र प्रसाद गोयल के समक्ष पेश हुई. किशोरी ने पुलिस अधीक्षक को बताया कि उसके परिजन 12 फरवरी को उसका विवाह करना चाहते हैं, जबकि वह नाबालिग है. वह अभी दसवीं कक्षा में पढ़ रही है. इस पर पुलिस अधीक्षक ने गंभीरता दिखाते हुए मामले में बाल कल्याण समिति को कार्रवाई के लिए लिखा, जहां गुरुवार को किशोरी बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत हुई.
सामने आया कि नाबालिग किशोरी का विवाह महाराष्ट्र में आइसक्रीम की थड़ी पर काम करने वाले युवक के साथ तय किया गया है. इस पर समिति अध्यक्ष प्रियंका पालीवाल ने परिजनों को तलब किया. यहां परिवार में बेहतर संरक्षण के नियम के तहत परिजनों को बाल विवाह नहीं करने के साथ ही बालिका को उनके सुपुर्द किया गया.
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सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष प्रियंका पालीवाल ने बताया कि क्षेत्र में रहने वाली एक किशोरी ने पुलिस अधीक्षक के समक्ष प्रस्तुत होकर शिकायत दर्ज कराई थी, जिस पर कार्रवाई की गई है. वहीं अब आने वाले समय में बसंत पंचमी के अबूझ सावे को लेकर कार्य योजना बना कर विभिन्न इकाइयों के माध्यम से बाल विवाह पर प्रभावी रोकथाम लगाने के लिए कार्रवाई की जाएगी लेकिन अध्यक्ष ने बालिका की हिम्मत की सराहना की है. साथ ही उन्होंने बच्ची के परिजनों को बाल विवाह नहीं करने के लिए पाबंद किया है. पुलिस को भी नियमित मॉनिटरिंग के निर्देश जारी किए गए हैं.