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चित्तौड़गढ़ में किशोरी को बाल विवाह से बचाया गया, परिजनों को दी हिदायत

चित्तौड़गढ़ में प्रशासन ने नाबालिग का बाल विवाह रुकवाया. साथ ही परिजनों को बालिग होने पर ही शादी करने की हिदायत दी गई.

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Published : Apr 24, 2021, 9:17 PM IST

Chittorgarh news, child marriage
चित्तौड़गढ़ में किशोरी को बाल विवाह से बचाया गया

चित्तौड़गढ़. जिले के कपासन उपखंड क्षेत्र के एक गांव में बाल विवाह की शिकायत के बाद पुलिस और प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची. इन्होंने एक नाबालिग किशोरी का बाल विवाह नहीं करने के लिए परिजनों को पाबंद किया है. साथ ही बाल विवाह करते पाए जाने पर कपासन पुलिस को आवश्यक कार्रवाई के निर्देश भी दिए हैं. जानकारी में सामने आया कि प्रशासन को 15 से 16 वर्ष की किशोरी के बाल विवाह की शिकायत मिली थी. इस शिकायत के बाद कपासन तहसीलदार मोहकम सिंह कपासन थाने से पुलिस जाप्ते को लेकर किशोरी के गांव पहुंचे. यहां जिस परिवार की शिकायत मिली थी वहां पहुंच कर परिजनों को बुलाया तथा पूछताछ की.

आस-पड़ोस में रहने वाले लोगों से भी पूछताछ की गई. इस संबंध में कपासन तहसीलदार ने एक महिला और उसके पुत्र को पाबंद किया है. पाबंद रिपोर्ट में बताया कि इस महिला की पुत्री का विवाह 25 अप्रैल को होने की शिकायत मिली थी, जबकि यह किशोरी दस्तावेज में जन्म तिथि 1 जनवरी 2005 के आधार पर 18 वर्ष से कम है. ऐसे में तहसीलदार ने बाल विवाह नहीं करने के लिए किशोरी के भाई और मां को पाबंद किया है. इन्हें पाबंद किया गया है कि बालिग होने पर ही इसका विवाह करवाएंगे.

यह भी पढ़ें- राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस 2021, PM ने राजस्थान की विभिन्न पंचायतों को किया पुरस्कृत

यदि उक्त निर्देशों की अवहेलना की जाती है तो इनके विरुद्ध नियमानुसार बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी. परिजनों का कहना है कि किशोरी का विवाह नहीं था इसके बड़े भाई का विवाह करवाया जा रहा था. प्रशासन एवं पुलिस की टीम के मौके पर पहुंचने के बाद ग्रामीणों में हड़कंप मच गया. बड़ी संख्या में लोग मौके पर एकत्रित हो गए.

चित्तौड़गढ़. जिले के कपासन उपखंड क्षेत्र के एक गांव में बाल विवाह की शिकायत के बाद पुलिस और प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची. इन्होंने एक नाबालिग किशोरी का बाल विवाह नहीं करने के लिए परिजनों को पाबंद किया है. साथ ही बाल विवाह करते पाए जाने पर कपासन पुलिस को आवश्यक कार्रवाई के निर्देश भी दिए हैं. जानकारी में सामने आया कि प्रशासन को 15 से 16 वर्ष की किशोरी के बाल विवाह की शिकायत मिली थी. इस शिकायत के बाद कपासन तहसीलदार मोहकम सिंह कपासन थाने से पुलिस जाप्ते को लेकर किशोरी के गांव पहुंचे. यहां जिस परिवार की शिकायत मिली थी वहां पहुंच कर परिजनों को बुलाया तथा पूछताछ की.

आस-पड़ोस में रहने वाले लोगों से भी पूछताछ की गई. इस संबंध में कपासन तहसीलदार ने एक महिला और उसके पुत्र को पाबंद किया है. पाबंद रिपोर्ट में बताया कि इस महिला की पुत्री का विवाह 25 अप्रैल को होने की शिकायत मिली थी, जबकि यह किशोरी दस्तावेज में जन्म तिथि 1 जनवरी 2005 के आधार पर 18 वर्ष से कम है. ऐसे में तहसीलदार ने बाल विवाह नहीं करने के लिए किशोरी के भाई और मां को पाबंद किया है. इन्हें पाबंद किया गया है कि बालिग होने पर ही इसका विवाह करवाएंगे.

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यदि उक्त निर्देशों की अवहेलना की जाती है तो इनके विरुद्ध नियमानुसार बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी. परिजनों का कहना है कि किशोरी का विवाह नहीं था इसके बड़े भाई का विवाह करवाया जा रहा था. प्रशासन एवं पुलिस की टीम के मौके पर पहुंचने के बाद ग्रामीणों में हड़कंप मच गया. बड़ी संख्या में लोग मौके पर एकत्रित हो गए.

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