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मांगों को लेकर मंत्रालयिक कर्मचारी सड़क पर, 17 से जयपुर में महापड़ाव की चेतावनी

चित्तौड़गढ़ में राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारियों ने सोमवार को कलेक्ट्रेट पर अपनी विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन किया. उन्होंने 17 अप्रैल से जयपुर में महापड़ाव की चेतावनी दी है.

Ministerial employees protest in Chittorgarh
मांगों को लेकर मंत्रालयिक कर्मचारी सड़क पर, 17 से जयपुर में महापड़ाव की चेतावनी
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Published : Apr 10, 2023, 4:16 PM IST

चित्तौड़गढ़. अपनी विभिन्न मांगों को लेकर राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ भी अब सड़क पर आ गए. विभिन्न विभागों के कर्मचारियों ने अनिश्चितकालीन सामूहिक अवकाश पर रहते हुए सोमवार को कलेक्ट्रेट पर धरना प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन देकर 17 अप्रैल से जयपुर में महापड़ाव डालने की चेतावनी दी.

जिलाध्यक्ष राकेश मोड़ के नेतृत्व में कलेक्ट्रेट पार्क में कर्मचारियों ने बैठक कर रणनीति तैयार की और कलेक्ट्रेट पहुंचे. जहां अपनी 11 सूत्री मांगों को लेकर जबरदस्त नारेबाजी करते हुए सरकारी उपेक्षा के प्रति नाराजगी जताई. कर्मचारियों का कहना था कि राज्य सरकार एवं महासंघ के बीच लिखित समझौता हुआ था, लेकिन उसकी पूर्ण पालना नहीं की गई. यहीं नहीं 3 फरवरी को बजट पूर्व ध्यानाकर्षण के लिए महारैली के माध्यम से मंत्रालय कर्मचारियों की पीड़ा से अवगत कराया गया, लेकिन सरकार द्वारा महत्वपूर्ण विषय मांगों को बजट घोषणा में शामिल नहीं किया गया. जिसे लेकर कर्मचारियों में रोष व्याप्त है.

पढ़ेंः शिक्षा संकुल पर अभिभावकों ने किया प्रदर्शन, RTE के तहत एडमिशन में समस्या पर भड़के

मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को एक प्रतिनिधि मंडल द्वारा ज्ञापन सौंपा गया. मोड़ ने बताया कि आज पूरे जिले में मंत्रालयिक कर्मचारी अवकाश पर रहे. वे 11 से 15 अप्रैल तक सामूहिक अवकाश पर रहते हुए जनप्रतिनिधियों को अपनी पीड़ा से अवगत कराएंगे. वहीं 11 से 13 अप्रैल तक जिला एवं ब्लॉक स्तर पर 2 घंटे का धरना प्रदर्शन होगा. 17 अप्रैल से मंत्रालय कर्मचारी जयपुर में महापड़ाव में शामिल होंगे.

पढ़ेंः जिला बनाने की मांग को लेकर वीरूगिरि, सात छात्र नेता टंकी पर वहीँ तीन का आमरण अनशन

यह है प्रमुख मांगेंः कर्मचारियों द्वारा पदोन्नति के प्रथम पद वरिष्ठ सहायक की ग्रेड पे 2800 के स्थान पर ₹3600 करने, सहायक प्रशासनिक अधिकारी की ग्रेड पे 4200, अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी की 4800, प्रशासनिक अधिकारी की ग्रेड पे 6600 एवं संस्थापन अधिकारी की ग्रेड पर 7600 करने की मांग की जा रही है. इसके साथ पंचायत राज संस्थाओं में अधीनस्थ विभागों के लिए तय मापदंडों के अनुसार पदोन्नति के पद सृजित करने और अंतर जिला स्थानांतरण व्यवस्था समस्त कर्मचारियों के लिए लागू करने की मांग की गई.

चित्तौड़गढ़. अपनी विभिन्न मांगों को लेकर राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ भी अब सड़क पर आ गए. विभिन्न विभागों के कर्मचारियों ने अनिश्चितकालीन सामूहिक अवकाश पर रहते हुए सोमवार को कलेक्ट्रेट पर धरना प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन देकर 17 अप्रैल से जयपुर में महापड़ाव डालने की चेतावनी दी.

जिलाध्यक्ष राकेश मोड़ के नेतृत्व में कलेक्ट्रेट पार्क में कर्मचारियों ने बैठक कर रणनीति तैयार की और कलेक्ट्रेट पहुंचे. जहां अपनी 11 सूत्री मांगों को लेकर जबरदस्त नारेबाजी करते हुए सरकारी उपेक्षा के प्रति नाराजगी जताई. कर्मचारियों का कहना था कि राज्य सरकार एवं महासंघ के बीच लिखित समझौता हुआ था, लेकिन उसकी पूर्ण पालना नहीं की गई. यहीं नहीं 3 फरवरी को बजट पूर्व ध्यानाकर्षण के लिए महारैली के माध्यम से मंत्रालय कर्मचारियों की पीड़ा से अवगत कराया गया, लेकिन सरकार द्वारा महत्वपूर्ण विषय मांगों को बजट घोषणा में शामिल नहीं किया गया. जिसे लेकर कर्मचारियों में रोष व्याप्त है.

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मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को एक प्रतिनिधि मंडल द्वारा ज्ञापन सौंपा गया. मोड़ ने बताया कि आज पूरे जिले में मंत्रालयिक कर्मचारी अवकाश पर रहे. वे 11 से 15 अप्रैल तक सामूहिक अवकाश पर रहते हुए जनप्रतिनिधियों को अपनी पीड़ा से अवगत कराएंगे. वहीं 11 से 13 अप्रैल तक जिला एवं ब्लॉक स्तर पर 2 घंटे का धरना प्रदर्शन होगा. 17 अप्रैल से मंत्रालय कर्मचारी जयपुर में महापड़ाव में शामिल होंगे.

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यह है प्रमुख मांगेंः कर्मचारियों द्वारा पदोन्नति के प्रथम पद वरिष्ठ सहायक की ग्रेड पे 2800 के स्थान पर ₹3600 करने, सहायक प्रशासनिक अधिकारी की ग्रेड पे 4200, अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी की 4800, प्रशासनिक अधिकारी की ग्रेड पे 6600 एवं संस्थापन अधिकारी की ग्रेड पर 7600 करने की मांग की जा रही है. इसके साथ पंचायत राज संस्थाओं में अधीनस्थ विभागों के लिए तय मापदंडों के अनुसार पदोन्नति के पद सृजित करने और अंतर जिला स्थानांतरण व्यवस्था समस्त कर्मचारियों के लिए लागू करने की मांग की गई.

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