चित्तौड़गढ़. जिले के प्रभारी मंत्री भजनलाल जाटव ने गुरुवार को सर्किट हाऊस में जनसुनवाई की. जहां इस दौरान उन्होंने कई मामलों में तुरंत कार्रवाई करने और कई मामलों में जांच के आदेश दिए. सर्किट हाऊस में आयोजित हुई जनसुनवाई में कई मुद्दे छाए रहे. साथ ही जन सुनवाई समीपवर्ती खोर विद्यालय में पिछले दिनों बालिका के साथ शिक्षक द्वारा की गई मारपीट के बावजूद उसी विद्यालय में शिक्षक को लगा दिए जाने का मामला बालिका के पिता ने प्रभारी मंत्री के सामने रखा और मेडिकल रिपोर्ट भी प्रस्तुत की.
बालिका के पिता ने आरोप लगाया कि जांच में लीपापोती की गई है, जबकि बालिका चार दिन तक उदयपुर हॉस्पिटल में भर्ती रही है. इस पर प्रभारी मंत्री ने नाराजगी जाहिर करते हुए फटकार लगाई और शिक्षक तेजपालसिंह को एपीओ करने के आदेश देते हुए जांच अधिकारी के विरूद्ध भी कार्रवाई करने के निर्देश दिए. साथ ही प्रभारी मंत्री ने कहा कि भविष्य में बालिकाओं के साथ ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति ना हो.
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इसी तरह लुहारिया बांध में मछली पकड़ने के टेंडर में भी कुछ लोगों ने मिली भगत का आरोप लगाया और कहा कि जो टेंडर 10 लाख रूपए में होता है वह अधिकारियों और ठेकेदारों की मिली भगत से महज 45 हजार में छूट गया. इस पर मंत्री ने जिला परिषद की सीईओ नम्रता वृष्णि को तुरंत प्रभाव से निविदा निरस्त करने के आदेश दिए.
वहीं, एक शिकायत पर चित्तौड़ पंचायत समिति के प्रधान प्रवीण सिंह की ओर से कॉपरेटिव बैंक के डायरेक्टर बनने के लिए कूटरचित दस्तावेज प्रस्तुत करने और दस्तावेजों में कांट-छांट कर निर्वाचन प्रक्रिया में भाग लेने के मामले में पूर्व में हुई शिकायत का मामला प्रभारी मंत्री के समक्ष रखा गया. जिसमें बताया गया कि रजिस्ट्रार की ओर से मामले की जांच की गई और प्रवीण सिंह को दोषी पाया गया. इसकी भी एफआईआर कराने के लिए फाइल जिला कलेक्टर के यहां लंबित है.
इस मामले में प्रभारी मंत्री ने जिला कलेक्टर चेतनराम देवड़ा को प्रधान प्रवीण सिंह पर एफआईआर कराने के निर्देश दिए. साथ ही सेमलपुरा में विद्यालय भूमि और सार्वजनिक भूमि पर कब्जे के मामले में फरियादी जब मंत्री के पास पहुंचे तो मंत्री ने आश्चर्य जताते हुए कहा कि अभी तक इस मामले में एफआईआर क्यों नहीं की गई है. बीडीओ से जवाब-तलब किया गया तो उन्होंने बताया कि 9 पट्टे नि:शुल्क जारी होने और 19 पट्टों के रिकॉर्ड नहीं मिलने का मामला सामने आया है.
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इस दौरान पंचायत के पूर्व सचिव भी प्रभारी मंत्री के पास पहुंच गए और उन्होंने कहा कि मेरे फर्जी हस्ताक्षर कर पट्टे जारी किए गए हैं. इस मामले की भी प्राथमिकी दर्ज नहीं हो पाई है. प्रभारी मंत्री ने गुरुवार को ही प्राथमिकी दर्ज कर उन्हें रिपोर्ट देने के निर्देश दिए. इस मामले में प्रधान प्रवीण सिंह की ओर से भी फर्जी पट्टे जारी करने वालों को बचाने का आरोप लगाया गया.
प्रभारी मंत्री की जनसुनवाई में और भी कई लोगों ने गंभीर शिकायतें दर्ज कराई. डूंगला चिकित्सालय के समीप कब्जे के मामले में जिला कलेक्टर को ग्रामीण क्षेत्रों के पट्टों पर रोक लगाने की बात कही. वहीं, डूंगला एसडीओ और भादसोडा एसएचओ पर भ्रष्टाचार की शिकायतों के लिए मंत्री ने जांच के आदेश दिए.