चित्तौड़गढ़. शहर में निम्बाहेड़ा मार्ग स्थित मंडी के व्यापारी आवारा मवेशियों के कारण परेशान हैं. आवारा मवेशियों के कारण व्यापारियों को आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ रहा है. कई बार मंडी प्रबंधन को शिकायत के बावजूद इसकी सुनवाई नहीं हुई है और मावे की रोकथाम को लेकर कोई प्रयास नहीं किए जा रहे हैं.
बता दें कि यहां मंडी के दोनों ही गेट 24 घंटे खुले रहते हैं. जिससे कि कभी भी आवारा मवेशी भीतर घुस जाते हैं. ऐसे में बड़ी संख्या के मवेशियों ने मंडी में डेरा डाल रखा है. यहां सुबह के समय सब्जी और फल मंडी लगती है. किसान आने वाली फल और सब्जियों को सड़क पर रखकर बोली लगाते हैं. जिसके चलते सड़क पर रखी फल और सब्जियों पर मवेशी मुंह मारते हैं. सब्जियां खाने के अलावा बिखेर भी देते हैं.
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इससे किसानों और व्यापारियों को नुकसान उठाना पड़ रहा है. प्रत्येक व्यापारी ने एक कर्मचारी तो मवेशियों को भगाने के लिए ही रख रखा है. सरकार को मंडी में व्यापारियों की ओर से दिए गए टैक्स से ही आय होती है. हर माह लाखों रुपए टैक्स के लेने के बावजूद यहां व्यवस्था सुचारू नहीं हो पा रही है. मंडी के व्यापारियों ने कई बार इसकी शिकायत मंडी प्रशासन को भी की है. लेकिन मंडी प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे पा रहा है.
नियमानुसार इस मामले में नगर परिषद को लिखा जाना चाहिए. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. जानकारी में यह भी सामने आया है कि मंडी के आस-पास पशुपालक भी रहते हैं. जो अपने मवेशियों को मंडी में घुसा देते हैं. इससे मवेशी फेंकी हुई फल और सब्जी खाकर सब्जी के टोकरों में मुंह मार कर पेट भर ले.