चित्तौड़गढ़. निंबाहेड़ा में घरेलू झगड़ों से परेशान होकर एक अधेड़ ने फंदे पर झूल कर जान दे दी. सुसाइड से पहले उसने एक नोट भी छोड़ा, जिसमें उसने पत्नी और बच्चों को जिम्मेदार (Man alleges wife for suicide) ठहराया. घटना के समय पत्नी और बच्चे सो रहे थे.
पुलिस के अनुसार चंदन चौक बैरवा मोहल्ला में रहने वाले शंकरलाल बैरवा ने रात को अपने कमरे में फांसी लगा ली. उस समय पत्नी और बच्चे ऊपर सो रहे थे. जब वो नीचे आए, तो दरवाजा अंदर से लॉक पाया गया. खिड़की से देखने पर शंकरलाल पंखे से झूलता दिखा. जिस पर परिजनों ने पड़ोस में रहने वाले देवीलाल को आवाज लगाई और पीछे का दरवाजा तोड़कर कमरे में घुसे और पुलिस को सूचित किया. थाना प्रभारी कैलाश चंद्र सोनी के अनुसार पुलिस ने युवक को फंदे से ऊतार कर चिकित्सालय पहुंचाया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया. इस दौरान शंकरलाल ने सुसाइड नोट छोड़ा (Man left suicide note) था.
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पत्नी पर लगाया आरोपः मृतक शंकरलाल ने सुसाइड नोट में अपनी पत्नी पर आरोप लगाते हुए लिखा कि उसकी पत्नी और लड़की कुछ लोगों को बुलवाकर उसे मारने के लिए कहती है. वहीं लड़की की शादी भी ऐसे लड़कों से करवाना चाहती है, जो उसकी बदनामी करेंगे. उसने लिखा कि बदनाम होने से पहले वह आत्महत्या कर रहा है. वहीं मकान नहीं बेचने की लिखकर पत्नी पर उसकी इज्जत खराब करने का आरोप लगाया. शंकरलाल के 17 और 14 वर्ष की बेटी और 11 साल का एक बेटा है.
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लेनदेन का भी हवालाः शंकरलाल ने सुसाइड नोट में कई लोगों को उधार देने की बात लिखी है, जिसमें हिम्मत सिंह से 1 लाख रुपये, रोशन बेनीवाल से 2 हजार रुपये, कैलाश गायरी और उसकी साली से 10 हजार रुपये लेना बताया. वहीं सुसाइड नोट में लिखा कि मरने के बाद उसके हक से पत्नी और बच्चों को कुछ नहीं देना है. यह उसकी बहनों और भांजियों को देना है. वहीं उसने अपनी सास से 2 लाख रुपये की लेनदेन का भी हवाला दिया. वहीं यह भी लिखा कि यदि उसका बेटा चाचा के पास रहता है, तो उसे भी उसके हिस्से का पैसा मिलना चाहिए.
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घरेलू झगड़े से था परेशानः जानकारी के अनुसार शंकरलाल बैरवा मिस्त्री का काम करता था और ब्याज पर रुपये भी देता था. पिछले दो तीन-सालों से वह पत्नी के झगड़ों से परेशान था. एक महीने पहले नई मोटरसाइकिल ली थी और सांवलिया जी दर्शन करने के लिए भी गया था. बताया जाता है कि उसकी पत्नी बेटियों की इंटरकास्ट मैरिज के लिए दबाव बना रही थी.