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चित्तौड़गढ़: LIC की हिस्सेदारी बेचने को लेकर कर्मचारियों का विरोध प्रदर्शन

केंद्रीय बजट में एलआईसी की कुछ प्रतिशत हिस्सेदारी निजी हाथों में बेचने की घोषणा के विरोध में एलआईसी कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन किया. कर्मचारियों ने मंगलवार को एक घंटे बंद रखकर प्रदर्शन किया. साथ ही सरकार को उग्र प्रदर्शन की चेतावनी भी दी.

demonstration of LIC employees, चित्तौड़गढ़ न्यूज
एलआईसी की हिस्सेदारी बेचने को लेकर एलआईसी कर्मचारियों ने किया विरोध
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Published : Feb 5, 2020, 3:53 AM IST

चित्तौड़गढ़. केंद्र सरकार की ओर से केंद्रीय बजट में एलआईसी की कुछ प्रतिशत हिस्सेदारी को बेचने की घोषणा करने का एलआईसी के कर्मचारियों ने विरोध कर दिया है. विरोध के पहले चरण में ही मंगलवार को एक घण्टे बन्द रख प्रदर्शन किया. साथ ही सरकार को यह निर्णय वापस नहीं लेने की स्थिति में निरन्तर प्रदर्शन की चेतावनी भी दी है.

एलआईसी की हिस्सेदारी बेचने को लेकर एलआईसी कर्मचारियों ने किया विरोध

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए भारतीय जीवन बीमा निगम के कुछ प्रतिशत हिस्सेदारी को निजी हाथों में बेचने की घोषणा की थी. इसके पश्चात जीवन बीमा निगम के कर्मचारियों में काफी आक्रोश देखा गया. केंद्र सरकार के इसी विरोध में कर्मचारियों ने मंगलवार को चित्तौड़गढ़ में दुर्ग मार्ग स्थित एलआईसी कार्यालय पर प्रदर्शन कर दिया. कर्मचारियों ने करीब एक घण्टे का काम-काज ठप्प कर दिया.

पढ़ें- जयपुरः CAA के विरोध में अनिश्चितकालीन धरना जारी, कांग्रेसी नेताओं और इसाई समाज ने दिया समर्थन

इस दौरान कर्मचारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के विरोध में नारेबाजी की. साथ ही कर्मचारियों ने बताया कि एलआईसी मुनाफे में चल रही है और हर वर्ष सरकार को कमाई दे रही है. वहीं कई उपक्रम ऐसे हैं, जो घाटे में चल रहे हैं. ऐसे में सरकार को चाहिए कि एलआईसी की हिस्सेदारी नहीं बेचे. एलआईसी के कर्मचारियों ने यह निर्णय वापस नहीं लेने की स्थिति में उग्र प्रदर्शन की चेतावनी दी है.

चित्तौड़गढ़. केंद्र सरकार की ओर से केंद्रीय बजट में एलआईसी की कुछ प्रतिशत हिस्सेदारी को बेचने की घोषणा करने का एलआईसी के कर्मचारियों ने विरोध कर दिया है. विरोध के पहले चरण में ही मंगलवार को एक घण्टे बन्द रख प्रदर्शन किया. साथ ही सरकार को यह निर्णय वापस नहीं लेने की स्थिति में निरन्तर प्रदर्शन की चेतावनी भी दी है.

एलआईसी की हिस्सेदारी बेचने को लेकर एलआईसी कर्मचारियों ने किया विरोध

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए भारतीय जीवन बीमा निगम के कुछ प्रतिशत हिस्सेदारी को निजी हाथों में बेचने की घोषणा की थी. इसके पश्चात जीवन बीमा निगम के कर्मचारियों में काफी आक्रोश देखा गया. केंद्र सरकार के इसी विरोध में कर्मचारियों ने मंगलवार को चित्तौड़गढ़ में दुर्ग मार्ग स्थित एलआईसी कार्यालय पर प्रदर्शन कर दिया. कर्मचारियों ने करीब एक घण्टे का काम-काज ठप्प कर दिया.

पढ़ें- जयपुरः CAA के विरोध में अनिश्चितकालीन धरना जारी, कांग्रेसी नेताओं और इसाई समाज ने दिया समर्थन

इस दौरान कर्मचारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के विरोध में नारेबाजी की. साथ ही कर्मचारियों ने बताया कि एलआईसी मुनाफे में चल रही है और हर वर्ष सरकार को कमाई दे रही है. वहीं कई उपक्रम ऐसे हैं, जो घाटे में चल रहे हैं. ऐसे में सरकार को चाहिए कि एलआईसी की हिस्सेदारी नहीं बेचे. एलआईसी के कर्मचारियों ने यह निर्णय वापस नहीं लेने की स्थिति में उग्र प्रदर्शन की चेतावनी दी है.

Intro:चित्तौड़गढ़। केंद्र सरकार द्वारा केंद्रीय बजट में भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) की कुछ प्रतिशत को बेचने की घोषणा करने का एलआईसी के कर्मचारियों ने विरोध कर दिया है। विरोध के पहले चरण में ही मंगलवार को एक घण्टे बन्द रख प्रदर्शन किया और यह निर्णय पुनः नहीं लेने की स्थिति में निरन्तर प्रदर्शन की चेतावनी भी दी है।Body:जानकारी के अनुसार गत दिनों केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश क़िया। इसमें उन्होंने भारतीय जीवन बीमा निगम के कुछ प्रतिशत हिस्सेदारी को निजी हाथों में बेचने की घोषणा की थी। इसके पश्चात जीवन बीमा निगम के कर्मचारियों में काफी आक्रोश देखा गया। केंद्र सरकार के इसी विरोध में कर्मचारियों ने मंगलवार को चित्तौड़गढ़ में दुर्ग मार्ग स्थित एलआईसी कार्यालय पर प्रदर्शन कर दिया। कर्मचारियों ने करीब एक घण्टे का काम-काज ठप्प कर दिया। दोपहर में करीब एक घण्टे के लिए सभी कर्मचारी कार्यालय से बाहर आ गए। इससे कार्यकाल में सन्नाटा पसर गया। इस दौरान कर्मचारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के विरोध में नारेबाजी की। साथ ही कर्मचारियों ने बताया कि एलआईसी मुनाफे में चल रही है और हर वर्ष सरकार को कमाई दे रही है। वहीं कई उपक्रम ऐसे हैं, जो घाटे में चल रहे हैं। ऐसे में सरकार को चाहिए कि एलआईसी की हिस्सेदारी नहीं बेचे। एलआईसी के कर्मचारियों ने यह निर्णय पुनः नहीं लेने की स्थिति में उग्र प्रदर्शन की चेतावनी दी है। Conclusion:बाइट - 01. अम्बालाल मीणा, विकास अधिकारी, एलआईसी चितौड़गढ़
02. मनोज सिन्हा, शाखा प्रबंधक एलआईसी कार्यालय चितौड़गढ़
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