चित्तौड़गढ़. जिला चिकित्सालय में ऑपरेशन के बाद एक बच्चे की मौत के मामले में नया मोड़ आ गया है. घटना के बाद हॉस्पिटल में हुए घटनाक्रम को लेकर प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ दिनेश वैष्णव ने सदर पुलिस थाने में मृतक के पिता सहित लगभग 2 दर्जन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है. अपनी रिपोर्ट में सीएमओ ने आईसीयू में संक्रमण फैलाने तथा राजकार्य में बाधा पहुंचाने सहित कई प्रकार के आरोप लगाए हैं.
थाना प्रभारी हरेंद्र सिंह सोदा ने बताया कि सीएमओ की रिपोर्ट पर मामला दर्ज करते हुए जांच शुरू कर दी गई है. पीएमओ ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि 9 जुलाई को बस्सी निवासी मोहम्मद हुसैन पुत्र जाहिद हुसैन को अपेंडिक्स के इलाज के लिए भर्ती कराया गया था और ऑपरेशन के बाद उसे वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया. उनका दावा था कि वह रिकवर हो रहा था कि उल्टी होने पर उसे आईसीयू में शिफ्ट किया गया. जहां रात्रि को उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई. परिजनों ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए बड़ी संख्या में लोगों को बुला लिया और मुआवजे की मांग करते हुए आईसीयू के बाहर हंगामा खड़ा कर दिया तथा शव गहन चिकित्सा इकाई से मोर्चरी में शिफ्ट नहीं करने दिया गया.
इससे आईसीयू और हॉस्पिटल में संक्रमण सहित अन्य गंभीर बीमारियों फैलने की आशंका को देखते हुए उप नियंत्रक चिकित्सा अधिकारी डॉ मनीष वर्मा ने मृतक के शव को मोर्चरी में शिफ्ट करवाने के लिए लिखित रिपोर्ट भी दी थी. अगले दिन भी बड़ी संख्या में लोग हॉस्पिटल परिसर और मोर्चरी के बाहर पहुंच गए और मुआवजे की मांग कर प्रदर्शन किया. गहन चिकित्सा इकाई के बाहर धरना देकर राजकार्य में बाधा पहुंचाई गई.
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वहीं वार्ड में गंभीर रोग से पीड़ित मरीजों में संक्रमण फैलाने की भी कोशिश की गई. कर्मचारियों के साथ अभद्रता की गई. रिपोर्ट के अनुसार हॉस्पिटल के सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पीएमओ द्वारा मृतक के पिता सहित 23 लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दी गई. गौरतलब है कि इस मामले में 10 जुलाई को कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन करते हुए जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया गया था. शव का पोस्टमार्टम जिला मुख्यालय से बाहर की चिकित्सकों की टीम द्वारा कराने के साथ इलाज को लेकर आरएनटी मेडिकल कॉलेज की टीम से जांच करवाने का आश्वासन दिया गया था.