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'पंचायत स्तर पर कोरोना संक्रमितों पर कड़ी नजर रखें, जरुरत पड़ने पर कड़ी कार्रवाई भी'

चित्तौड़गढ़ जिला कलेक्टर ताराचंद मीणा ने शनिवार शाम वीसी के माध्यम से माइक्रो कन्टेनमेंट जोन के नियमों की सख्ती से पालना कराने को लेकर जिला एवं ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों की बैठक लेकर कई दिशा-निर्देश दिए.

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पंचायत स्तर पर संक्रमितों पर कड़ी नजर रखें
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Published : May 9, 2021, 3:08 AM IST

चित्तौड़गढ़. जिला कलेक्टर ने निर्देश दिए कि कन्टेनमेंट जोन एवं माइक्रो कन्टेनमेंट जोन बनाते समय विवेक से काम करें एवं रियलिटी भी चेक करें. माइक्रो कन्टेनमेंट जोन बनाने का कार्य महज कागजी खानापूर्ति का न होकर प्रैक्टिकल होना चाहिए, ताकि कोरोना को वहीं रोका जा सके. उन्होंने प्रोटोकोल और गाइडलाइन के अनुरूप माइक्रो कन्टेनमेंट जोन बनाने एवं इन इलाकों में सख्ती से लोगों की आवाजाही रोकने के निर्देश दिए.

कलेक्टर ने निर्देश दिए कि अधिक संवेदनशील इलाकों पर ध्यान दें, इंटरस्टेट बोर्डर पर आने वाले लोगों का आवश्यक रूप से फॉर्म संख्या- 4 भरवाएं. इसमें उसका पूरा पता अंकित करें, ताकि आवश्यक होने पर उस व्यक्ति तक पहुंचा जा सके. कलेक्टर ने कहा, सभी अधिकारी नियमित रूप से संवाद करें, आंकड़ों को देखने, ग्राम पंचायत स्तर कर आंकड़ों को बांटकर मॉनिटरिंग करें और हर पॉजिटिव व्यक्ति तक इलाज, दवाई आदि पहुंचाएं एवं लापरवाह लोगों पर कार्रवाई करें.

यह भी पढ़ें: चित्तौड़गढ़ सांसद सीपी जोशी रावतभाटा दौरे पर...कोविड-19 उपचार की व्यवस्थाओं का लिया जायजा

कलेक्टर ने निर्देश दिए कि पुलिस एवं प्रशासन के अधिकारी सप्ताह में कम से कम दो बार संवेदनशील इलाकों में प्राथमिकता के आधार पर फ्लैग मार्च करें. अधिकारी बातचीत करते रहें और ग्राउंड से फीडबैक लेते रहें, इससे इन्फोर्मेशन सिस्टम बेहतर होगा. अधिकारी आमजन के फोन अटेंड करें, अगर व्यस्त हैं तो उसे कॉल-बैक करें, लेकिन बात जरूर करें, इससे काफी उपयोगी सूचनाएं मिलेंगी. घटना होने से पहले उसे रोकना अधिक आवश्यक है.

यह भी पढ़ें: मुस्लिम समाज ने की पहल, कब्रिस्तान की लकड़ियों से होगा श्मशान में अंतिम संस्कार

कलेक्टर ने कहा, ग्राम सेवक, पटवारी, बीट कांस्टेबल आदि वैवाहिक आयोजनों पर निगाह रखें और समय से इसकी सूचना दें. घटना होने पर कार्रवाई से अधिक महत्वपूर्ण यह है कि हम घटना से पहले ही उसे होने से रोक दें. डोर-टू-डोर सर्वे के कार्य को अच्छे से करें. दवा वितरण के कार्य में लापरवाही सामने आई है, ऐसे में अधिकारी इसे गंभीरता से करें. वैक्सीन के वेस्ट फैक्टर को लेकर भी चर्चा हुई.

यह भी पढ़ें: चित्तौड़गढ़: 10 मई से प्रारंभ होगा 18 से 44 आयु वर्ग के लिए कोविड टीकाकरण

वीसी में एडिशनल एसपी हिम्मत सिंह, एडीएम (भूमि अवाप्ति) अम्बालाल मीणा, आरएए एवं य़ूआईटी सचिव सीडी चारण, जिला रसद अधिकारी विनय कुमार शर्मा, नगर परिषद आयुक्त रिंकल गुप्ता, जिला उद्योग केंद्र महाप्रबंधक राहुल देव सिंह, सीएमएचओ डॉ. रामकेश गुर्जर, पीएमओ डॉ. दिनेश वैष्णव सहित पुलिस और प्रशासन के कई आलाधिकारी मौजूद रहे. वीसी में ब्लॉक स्तर से उपखंड अधिकारी, पुलिस उपाधीक्षक, तहसीलदार, विकास अधिकारी, नगर निकायों के अधिशाषी अधिकारी, बीसीएमओ, ब्लॉक मुख्य शिक्षा अधिकारी, बाल विकास परियोजना अधिकारी आदि उपस्थित रहे.

चित्तौड़गढ़. जिला कलेक्टर ने निर्देश दिए कि कन्टेनमेंट जोन एवं माइक्रो कन्टेनमेंट जोन बनाते समय विवेक से काम करें एवं रियलिटी भी चेक करें. माइक्रो कन्टेनमेंट जोन बनाने का कार्य महज कागजी खानापूर्ति का न होकर प्रैक्टिकल होना चाहिए, ताकि कोरोना को वहीं रोका जा सके. उन्होंने प्रोटोकोल और गाइडलाइन के अनुरूप माइक्रो कन्टेनमेंट जोन बनाने एवं इन इलाकों में सख्ती से लोगों की आवाजाही रोकने के निर्देश दिए.

कलेक्टर ने निर्देश दिए कि अधिक संवेदनशील इलाकों पर ध्यान दें, इंटरस्टेट बोर्डर पर आने वाले लोगों का आवश्यक रूप से फॉर्म संख्या- 4 भरवाएं. इसमें उसका पूरा पता अंकित करें, ताकि आवश्यक होने पर उस व्यक्ति तक पहुंचा जा सके. कलेक्टर ने कहा, सभी अधिकारी नियमित रूप से संवाद करें, आंकड़ों को देखने, ग्राम पंचायत स्तर कर आंकड़ों को बांटकर मॉनिटरिंग करें और हर पॉजिटिव व्यक्ति तक इलाज, दवाई आदि पहुंचाएं एवं लापरवाह लोगों पर कार्रवाई करें.

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कलेक्टर ने निर्देश दिए कि पुलिस एवं प्रशासन के अधिकारी सप्ताह में कम से कम दो बार संवेदनशील इलाकों में प्राथमिकता के आधार पर फ्लैग मार्च करें. अधिकारी बातचीत करते रहें और ग्राउंड से फीडबैक लेते रहें, इससे इन्फोर्मेशन सिस्टम बेहतर होगा. अधिकारी आमजन के फोन अटेंड करें, अगर व्यस्त हैं तो उसे कॉल-बैक करें, लेकिन बात जरूर करें, इससे काफी उपयोगी सूचनाएं मिलेंगी. घटना होने से पहले उसे रोकना अधिक आवश्यक है.

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कलेक्टर ने कहा, ग्राम सेवक, पटवारी, बीट कांस्टेबल आदि वैवाहिक आयोजनों पर निगाह रखें और समय से इसकी सूचना दें. घटना होने पर कार्रवाई से अधिक महत्वपूर्ण यह है कि हम घटना से पहले ही उसे होने से रोक दें. डोर-टू-डोर सर्वे के कार्य को अच्छे से करें. दवा वितरण के कार्य में लापरवाही सामने आई है, ऐसे में अधिकारी इसे गंभीरता से करें. वैक्सीन के वेस्ट फैक्टर को लेकर भी चर्चा हुई.

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वीसी में एडिशनल एसपी हिम्मत सिंह, एडीएम (भूमि अवाप्ति) अम्बालाल मीणा, आरएए एवं य़ूआईटी सचिव सीडी चारण, जिला रसद अधिकारी विनय कुमार शर्मा, नगर परिषद आयुक्त रिंकल गुप्ता, जिला उद्योग केंद्र महाप्रबंधक राहुल देव सिंह, सीएमएचओ डॉ. रामकेश गुर्जर, पीएमओ डॉ. दिनेश वैष्णव सहित पुलिस और प्रशासन के कई आलाधिकारी मौजूद रहे. वीसी में ब्लॉक स्तर से उपखंड अधिकारी, पुलिस उपाधीक्षक, तहसीलदार, विकास अधिकारी, नगर निकायों के अधिशाषी अधिकारी, बीसीएमओ, ब्लॉक मुख्य शिक्षा अधिकारी, बाल विकास परियोजना अधिकारी आदि उपस्थित रहे.

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