चित्तौड़गढ़. पांच दिन पहले जिले के कपासन क्षेत्र से पकड़े गए डोडा चूरा मामले में नारकोटिक्स विभाग के दो कर्मियों की संलिप्तता सामने आई है. बताया गया कि किसान से मिलीभगत कर मौके पर फसल हंकाई (फसल को जड़ से हटाना) के दौरान दोनों कर्मियों ने किसान को डोडा सुपुर्द कर दिया था. जिसे तस्करी के दौरान पुलिस ने जब्त कर लियाा. फिलहाल पूछताछ के लिए पुलिस नारकोटिक्स विभाग के दो कर्मियों को तलब करने की तैयारी में है.
पुलिस अधीक्षक राजन दुष्यंत ने बताया कि 27 मार्च को पुलिस ने कांकरिया गांव के पास नाकाबंदी कर एक ट्रैक्टर ट्रॉली से 125 किलो अवैध अफीम डोडा चूरा जब्त किया था. साथ ही वाहन चालक कांकरिया निवासी सीताराम पुत्र कवलचंद जाट को गिरफ्तार किया था. मामले की जांच राशमी थानाप्रभारी प्रेम सिंह को सौंपी गई. अनुसंधान के दौरान पुलिस पूछताछ में सामने आया कि कंवलचंद ने फसल हंकाई की नारकोटिक्स विभाग खंड द्वितीय के समक्ष अर्जी लगाई गई थी. जिसके तहत कर्मचारियों की टीम मौके पर पहुंची, लेकिन उसने फसल को नष्ट नहीं करवाया और मिलीभगत कर डोडा चूरा को अवैध रूप से बेचने की रणनीति बनाई.
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वहीं, इससे बचने के लिए सीताराम को माल सुपुर्द कर दिया गया. अनुसंधान अधिकारी ने जांच के दौरान नारकोटिक्स विभाग खंड द्वितीय चित्तौड़गढ़ कार्यालय से फसल हंकाई के संबंध में दस्तावेजी साक्ष्य के रूप मे हंकाई प्रार्थना पत्र, पंचनामा, मौके की तस्वीरें व तकनीकी साक्ष्यों का संकलन किया है. दस्तावेजों की जांच पर हंकाई करवाने वाले अधिकारी का नाम जेपी मीणा और सहयोगी का नाम रोहित रंजन के रूप में सामने आया. पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इसकी पुष्टि होने के बाद दोनों ही कर्मियों और उनके सहयोगियों को थाना तलब कर प्रकरण में अग्रिम अनुसंधान किया जाएगा. गौरतलब है कि जिले में पुलिस की ओर से मादक पदार्थों की तस्करों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है. उसी के तहत कांकरिया गांव के पास मुखबिर की सूचना पर कार्रवाई कर 125 किलो डोडा चूरा के साथ मौके से ट्रैक्टर चालक को गिरफ्तार किया गया.