चित्तौड़गढ़. शहर के बीच से होकर बह रही गंभीरी नदी की सफाई के दौरान हुई लापरवाही के चलते बड़ी संख्या में मछलियों की मौत हो गई. सूचना मिलने के बाद जिला कलेक्टर सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे और मामले की जानकारी ली. साथ ही नदी में मृत मछलियों को निकालने और मत्स्य विभाग को इसकी जांच के निर्देश दिए हैं.
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जानकारी के अनुसार इस साल मानसून में पर्याप्त बरसात नहीं हुई थी, जिसके कारण शहर में गंभीरी नदी एनीकट पर काफी गंदगी हो गई. काई और जलकुंभी काफी हो गई थी. ऐसे में नगर परिषद ने नदी में सफाई का ठेका दिया था. इस सफाई के बहाने ठेकेदार ने मछलियां पकड़ने के लिए नदी में जाल डाल दिये थे. साथ ही नदी में मत्स्य विभाग की ओर से प्रतिबंधित जाल नदी में डाले थे, लेकिन हिन्दू संगठनों के विरोध के चलते मछलियों को बाहर निकलने का मौका नहीं मिला. बाद में खाली जाल निकाल लिए गए.
शुक्रवार को पूरे दिन बारिश हो रही थी. ऐसे में नदी में भी पानी की आवक हुई थी, लेकिन रात से ही नदी में मछलियों के मरने का दौर शुरू हो गया. सुबह तक बड़ी संख्या में मृत मछलियां नदी की सतह पर तैरने लगी. गंभीरी नदी पर हुई यह घटना कोई हादसा नहीं है ना ही कोई आपदा है बल्कि सीधे-सीधे लापरवाही है. इसके बारे में जिम्मेदारों को चेताया भी गया था, लेकिन लापरवाही बरती गई, जिसके चलते मछलियों की मौत हो गई.
इसकी जानकारी जिला कलेक्टर को मिली. इस पर जिला कलेक्टर ताराचंद मीणा शहर में नई गंभीरी नदी की महाराणा प्रताप सेतु मार्ग पहुंचे और मौका मुआयना किया. इस दौरान नगर परिषद आयुक्त रिंकल गुप्ता, मत्स्य विभाग के निदेशक लियाकत अली भी मौके पर पहुंचे. इस सम्बंध में दोनों से जानकारी ली. साथ ही मामले की जांच के निर्देश दिए. नगर परिषद आयुक्त को निर्देश दिए कि शीघ्र मृत मछलियों को निकाले. साथ ही शहर के नालों का गंदा पानी नदी में नहीं गिरे.