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चित्तौड़गढ़ में बारिश के साथ गिरे ओले, किसानों को हुआ नुकसान

चित्तौड़गढ़ में गुरुवार को जमकर बारिश और ओलावृष्टि हुई. इससे किसानों की फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है. इसके अलावा वातावरण में नमी आने से सर्दी-जुकाम के मरीज बढ़ने के साथ ही कोरोना संक्रमण का खतरा मंडराने लगा है.

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Published : Mar 26, 2020, 10:59 PM IST

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चित्तौड़गढ़ में जमकर हुई बारिश और ओलावृष्टि

चित्तौड़गढ़. जिले के कई क्षेत्रों में गुरुवार रात तेज हवा और बरसात के साथ ओलावृष्टि हुई है. ऐसे में सर्दी-जुकाम के मरीज बढ़ने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता. इससे कोरोना का संक्रमण भी बढ़ सकता है. साथ ही इस बरसात और ओलावृष्टि के चलते फसलों में भी भारी नुकसान पहुंचा है. बारिश ने किसानों के साथ ही हर किसी की चिंता को बढ़ा दिया है.

जानकारी के अनुसार जिले के कई क्षेत्रों में दो-तीन दिन से बरसात का मौसम बना हुआ था, लेकिन बारिश नहीं हो रही थी. वहीं गुरुवार शाम अचानक काले बादल छा गए और रात करीब 8.15 बजे तेज हवाओं के साथ जमकर बरसात हुई. साथ ही ओलावृष्टि भी हुई.

चित्तौड़गढ़ में जमकर हुई बारिश और ओलावृष्टि

बरसात और ओलावृष्टि से एक तरफ जहां फसलों को नुकसान हुआ है, तो वहीं मौसमी बीमारियां फैलने की संभावना है. जानकारी मिली है कि इस बरसात से गेहूं, चना, जौ आदि फसलों को नुकसान पहुंचा है. इसके अलावा काले सोने के रूप में शुमार अफीम की फसल में भारी नुकसान पहुंचा है. वहीं, अफीम की फसल में जहां चीरे लगाए थे, वहां अफीम का दूध धूल गया. साथ ही ओलावृष्टि से अफीम के डोडे फूटने की जानकारी सामने आ रही है. ऐसे में अफीम किसानों को भारी नुकसान पहुंचा है.

यह भी पढ़ें- भारत में कोरोना : 16 लोगों की मौत, 700 के करीब पहुंची संक्रमितों की संख्या

फिलहाल, कहां कितना नुकसान हुआ, इसकी जानकारी एक-दो दिन में गिरदावरी के बाद ही मिल पाएगी. वहीं अब क्षेत्र में ठंडक बढ़ गई है. साथ ही पूरे विश्व में कोरोना वायरस का संक्रमण अपने पैर पसार रहा है. वहीं ऐसे में ओलावृष्टि और बरसात के चलते सर्दी जुकाम के मरीज बढ़ने की संभावना है.

चित्तौड़गढ़. जिले के कई क्षेत्रों में गुरुवार रात तेज हवा और बरसात के साथ ओलावृष्टि हुई है. ऐसे में सर्दी-जुकाम के मरीज बढ़ने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता. इससे कोरोना का संक्रमण भी बढ़ सकता है. साथ ही इस बरसात और ओलावृष्टि के चलते फसलों में भी भारी नुकसान पहुंचा है. बारिश ने किसानों के साथ ही हर किसी की चिंता को बढ़ा दिया है.

जानकारी के अनुसार जिले के कई क्षेत्रों में दो-तीन दिन से बरसात का मौसम बना हुआ था, लेकिन बारिश नहीं हो रही थी. वहीं गुरुवार शाम अचानक काले बादल छा गए और रात करीब 8.15 बजे तेज हवाओं के साथ जमकर बरसात हुई. साथ ही ओलावृष्टि भी हुई.

चित्तौड़गढ़ में जमकर हुई बारिश और ओलावृष्टि

बरसात और ओलावृष्टि से एक तरफ जहां फसलों को नुकसान हुआ है, तो वहीं मौसमी बीमारियां फैलने की संभावना है. जानकारी मिली है कि इस बरसात से गेहूं, चना, जौ आदि फसलों को नुकसान पहुंचा है. इसके अलावा काले सोने के रूप में शुमार अफीम की फसल में भारी नुकसान पहुंचा है. वहीं, अफीम की फसल में जहां चीरे लगाए थे, वहां अफीम का दूध धूल गया. साथ ही ओलावृष्टि से अफीम के डोडे फूटने की जानकारी सामने आ रही है. ऐसे में अफीम किसानों को भारी नुकसान पहुंचा है.

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फिलहाल, कहां कितना नुकसान हुआ, इसकी जानकारी एक-दो दिन में गिरदावरी के बाद ही मिल पाएगी. वहीं अब क्षेत्र में ठंडक बढ़ गई है. साथ ही पूरे विश्व में कोरोना वायरस का संक्रमण अपने पैर पसार रहा है. वहीं ऐसे में ओलावृष्टि और बरसात के चलते सर्दी जुकाम के मरीज बढ़ने की संभावना है.

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