चित्तौड़गढ़. जिला मुख्यालय पर इतिहास में पहली बार श्री निलिया महादेव गोशाला समिति के तत्वावधान में गाय के गोबर से निर्मित गोमय दीपक से विश्व प्रसिद्ध चित्तौड़गढ़ दुर्ग पर पांच दिवसीय दीपोत्सव की शुरुआत की गई. दुर्ग की प्राचीर गाय के गोबर से निर्मित दीपक की रोशनी से जगमगा उठी. इस विशेष अभियान की शुरुआत वीर धरा चित्तौड़गढ़ में दुर्ग के दूसरे दरवाजे पर स्थित कल्लाजी की छतरी से राष्ट्रीय कामधेनु आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष और संतों ने की.
जानकारी के अनुसार चित्तौड़गढ़ में श्री निलिया महादेव गोशाला समिति के तत्वाधान में धनतेरस के अवसर पर विश्व विख्यात चित्तौड़ दुर्ग पर राष्ट्रीय कामधेनु आयोग के चेयरमैन डॉ वल्लभभाई की उपस्थिति में गाय के गोबर से निर्मित गोमय दीपक प्रज्वलित कर पांच दिवसीय रोशनी के पर्व दीपावली की शुभारम्भ की गई. देश में गोमय पहला दीपक दुर्ग के दूसरे दरवाजे पर कल्लाजी महाराज की छतरी पर दीप प्रज्वलन कर किया गया. इसके बाद चित्तौड़गढ़ के प्रबुद्ध समाज जनों ने दुर्ग पर स्थित प्राचीन कुंड, दरवाजे और प्राचीन मंदिर जिसमें रामपोल परिसर, अन्नपूर्णा मंदिर, गोमुख कुंड, विजय स्तंभ परिसर, मीरा मंदिर, भैरव पोल, हनुमान पोल, गणेशपोल, नीलकंठ महादेव मंदिर, लक्ष्मीमाता मंदिर, कालिकामाता मंदिर, कल्लाजी बावजी सहित कई स्थानों को चिन्हित कर गोमय दीपक प्रज्वलित कर दुर्ग को जगमग रोशनी से सरोबार दिया.
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गौरतलब है कि चित्तौड़गढ़ के इतिहास में श्री निलिया महादेव गोशाला समिति के सदस्यों का यह पहला प्रयास है, जिसमें चित्तौड़गढ़ के विश्व प्रसिद्ध दुर्ग पर इतनी बड़ी संख्या में गोमय दीपक जला कर दुर्ग की प्राचीर को रोशनी से सराबोर किया गया है. इस अवसर पर संत 1008 बाबा मनोहर महाराज नौसर कोटडी नागौर, लालदास महाराज, प्रेमदास महाराज, रामदासजी त्यागी महाराज, गजेंद्र भाई कीथिरिया सह संगठन मंत्री कामधेनु आयोग, विष्णु भाई सचिव कृषि उपज मंडी नोहर, श्री निलिया महादेव गौशाला समिति के कमलेश पुरोहित, शरद सोनी, डेयरी चेयरमेन बद्रीलाल जाट सहित विभिन्न समाज के प्रबुद्ध समाज जन मौजूद रहे.