चित्तौड़गढ़. जिले की बड़ीसादड़ी विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक रहे प्रकाश चौधरी की कार रुकवा कर गुरुवार रात निकुंभ थाना क्षेत्र में एक परिवार के सदस्यों ने घेराव कर एनडीपीएस प्रकरण के एक मामले में रुपए लेने का आरोप लगाया है. इस बात पर वहां हंगामा खड़ा हो गया. परिवार की एक युवती ने विधायक पर को चप्पल भी दिखाई तो वहीं प्रत्याशी पर एक युवती के साथ मारपीट का आरोप लगाते हुए धक्का-मुक्की भी की गई.
इस घटना से आक्रोशित बड़ी कांग्रेस कार्यकर्ता मौके पर जमा हो गए और जाम लगा दिया. सूचना मिलने के बाद निकुंभ थाना पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों पक्षों से थाने में रिपोर्ट देने को कहा है, लेकिन किसी भी पक्ष ने रिपोर्ट नहीं दी है. वहीं इस परिवार की मुखिया महिला ने सार्वजनिक रूप से पूर्व विधायक से माफी मांगी है. साथ ही जिन लोगों ने रुपए लिए उनको देख लेने की धमकी दी है.
जानकारी के अनुसार बड़ीसादड़ी के पूर्व विधायक प्रकाश चौधरी गुरुवार रात बड़ीसादड़ी पंचायत समिति क्षेत्र में आने वाले जिला परिषद व पंचायत समिति में कांग्रेस प्रत्याशियों के प्रचार में थे. वह रात को जिला परिषद के वार्ड संख्या 17 व पंचायत समिति बड़ीसादड़ी की वार्ड संख्या-2 की कांग्रेस प्रत्याशी के प्रचार में निकुंभ थाना क्षेत्र के भाणुजा गांव पहुंचे. जहां एक परिवार की कुछ महिलाएं व युवक पहुंचे, जिन्होंने एनडीपीएस प्रकरण के एक मामले में जेल में बंद चल अपने परिजनों को राहत दिलाने के नाम पर पूर्व विधायक प्रकाश चौधरी पर 7 लाख रुपए लेने का आरोप लगाया.
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परिजनों का आरोप था कि पैसे भी ले लिए और काम भी नहीं हुआ. इस बात को लेकर परिवार के सदस्यों ने वहां हंगामा खड़ा कर दिया. परिवार के सदस्यों ने चौधरी की कार का घेराव कर लिया और नीचे उतारने की मांग करने लगे. कांग्रेस कार्यकताओं ने परिवार से समझाइश की, लेकिन परिवार की सदस्य युवतियां व अन्य महिलाएं पूर्व विधायक चौधरी से कार नीचे उतर कर बात करने के लिए अड़े थे.
इस संबंध में निकुंभ थानाधिकारी विनोद मेनारिया ने बताया कि विवाद की सूचना मिलने के बाद वे मौके पर पहुंचे थे. निकुंभ थाने में दर्ज एनडीपीएस एक्ट में दर्ज एक प्रकरण में पिता-पुत्र जेल में हैं और इसकी जांच सीआईडी सीबी में है. जेल में बंद आरोपियों के परिजनों ने पूर्व विधायक पर आरोप लगाते हुए रास्ता रोका था. परिवार के सदस्यों को रिपोर्ट देने के लिए कहा था. वहीं कांग्रेस कार्यकर्ता आरोप साबित करने की बात पर अड़े हुए थे. बाद में परिवार की महिला ने सार्वजनिक रूप से माफी मांग ली, जिसके बाद मामला खत्म हो गया.