झालावाड़. पवित्र तीर्थ नगरी झालरापाटन में गुरुवार को राज्य स्तरीय चंद्रभागा कार्तिक मेले की धूमधाम से शुरुआत हुई. इस अवसर पर पर्यटन विभाग द्वारा राजस्थानी लोक कलाकारों के साथ एक भव्य शोभायात्रा का आयोजन किया गया, जो द्वारिकाधीश मंदिर से शुरू होकर शहर के प्रमुख चौराहों से होते हुए चंद्रभागा नदी के तट पर पहुंची.
शोभायात्रा के दौरान लोक कलाकारों के आकर्षक नृत्य और भाव भंगिमाओं ने दर्शकों का मन मोह लिया. चंद्रभागा नदी के तट पर पहुंचने पर कार्तिक पूर्णिमा की पूर्व संध्या पर दीपदान और महाआरती का आयोजन हुआ. वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पवित्र नदी चंद्रभागा की पूजा-अर्चना की गई और चुनरी उड़ाई गई.
पढ़ें: कार्तिक पूर्णिमा आज, व्रत के दिन जरूर करें ये काम, दूर हो जाएंगे सारे कष्ट
मुख्य अतिथि के रूप में जिला पुलिस अधीक्षक रिचा तोमर ने भी पवित्र नदी की पूजा अर्चना की और दीपदान में भाग लिया. इस मौके पर पर्यटन अधिकारी सिराज कुरैशी ने बताया कि कार्तिक मास में पवित्र नदियों में दीपदान का धार्मिक महत्व अत्यधिक है, और चंद्रभागा नदी पर दीपदान के इस कार्यक्रम को हर साल बड़ी श्रद्धा और धूमधाम से आयोजित किया जाता है.
कुरैशी ने कहा, "कोरोना काल के बाद हालात अब सुधरे हैं, और हम इस साल झालरापाटन के कार्तिक मेले को पुष्कर मेले की तरह प्रसिद्धि दिलाने के लिए प्रयास कर रहे हैं." उन्होंने यह भी बताया कि इस बार मेले की भव्यता बढ़ाने के लिए कई विशेष तैयारियां की गई हैं. जिले के पर्यटक स्थलों तक देशी-विदेशी सैलानियों को लाने के लिए साइड सिइंग की व्यवस्था की गई है. इसके अलावा, एडवेंचर एक्टिविटी और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाएगा. मेले के दौरान स्कूली छात्राओं ने भी राजस्थानी वेशभूषा में पवित्र चंद्रभागा नदी में दीपदान किया, जिससे पूरी नदी दीपों की रोशनी से जगमगा उठी. इस धार्मिक आयोजन में हजारों श्रद्धालुओं ने भाग लिया.