चित्तौड़गढ़. शहर के चामटी खेड़ा रोड स्थित एक फर्नीचर कारखाने में लगी आग 4 घंटे में भी नहीं बुझ पाई. रह-रह कर आग का धुआं उठ रहा था. यह कारखाना 6 महीने पहले ही युवा कारोबारी मोहम्मद अजहर ने बड़ी उम्मीदों के साथ लगाया था, लेकिन महज कुछ घंटों में उसके सारे अरमान आग में खाक हो गए. फिलहाल आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया है. आग लगाई गई या फिर शॉर्ट सर्किट के चलते यह हादसा हुआ परिवार के लोग भी समझ नहीं पा रहे हैं.
घटना के वक्त चौकीदार भी मौके पर था. बुधवार सुबह करीब 7 बजे अचानक कारखाने से धुआं उठते देखा तो चौकीदार घबरा गया. उसने अपने सहयोगियों के साथ फायर इक्विपमेंट का प्रयोग किया और कारखाना मालिक मोहम्मद अजहर को सूचना दी. तब तक आग और भी ज्यादा बढ़ती गई और पूरे कारखाने को अपनी चपेट में ले लिया.
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आग की लपटों को देखकर गांव के लोग दौड़ पड़े और जिसे जो मिला उसी साधन से आग बुझाने में जुट गया. सूचना पर कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची और फायर ब्रिगेड की गाड़ियां भी दौड़ पड़ी. आग की भीषणता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि नगर परिषद की दमकल की गाड़ियां भी कम पड़ गई.
आसपास की बोरिंग से पानी लाया गया. हालांकि करीब 11 बजे तक आग पर काबू पा लिया गया, लेकिन अंदर से उसके बाद भी धुएं के गुबार उठ रहे थे. आसपास के वातावरण में धुआं ही धुआं नजर आया. मजदूर लगाकर सामान बाहर निकाला गया, लेकिन तब तक सारा सामान जलकर राख हो गया था. इस कारखाने में प्लाई का स्क्रैप और लोहे के फर्नीचर का काम किया जाता है और घटना के वक्त बड़ी मात्रा में प्लाई का स्क्रैप पड़ा हुआ था.
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आग के चलते कारखाने का पूरा टीन शेड भी धराशाई हो गया. मोहम्मद मोहम्मद अजहर ने बताया कि 6 महीने पहले ही बड़े अरमान के साथ यह कारखाना शुरू किया था. सुबह करीब 7 बजे अचानक कारखाने में आग लग गई. आग के कारणों का पता नहीं चल पाया है. कारखाने में सामान आता जाता रहता है इस कारण नुकसान का आकलन अभी किया जाना है बाकी है, लेकिन प्रारंभिक तौर पर 25 लाख से लेकर 30 लाख का नुकसान हुआ है.