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कोरोना का खौफः चित्तौड़ दुर्ग में 31 मार्च तक प्रवेश पर पाबंदी

कोरोना वायरस नहीं फैले इसके तहत कई प्रयास किए जा रहे हैं. इसी के तहत स्कूलों और कॉलेजों में अवकाश घोषित कर दिए तो कई धार्मिकस्थलों पर भी दर्शन बंद हो गए हैं. वहीं अब केन्द्र सरकार के निर्देश के बाद चित्तौड़ दुर्ग के पुरातत्व महत्व के पर्यटनस्थलों पर प्रवेश बंद किया गया है.

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Published : Mar 17, 2020, 2:11 PM IST

चितौड़गढ़ न्यूज, chittorgarh news, rajasthan news
कोरोना के चलते 31 मार्च तक चित्तौड़ दुर्ग पर प्रवेश बंद

चितौड़गढ़. कोराना वायरस जैसी गंभीर बीमारी के चलते पहले ही पर्यटन व्यवसाय की कम टूट गई थी. वहीं अब केन्द्र सरकार के निर्देश के बाद विश्व विख्यात चित्तौड़ दुर्ग भी 31 मार्च तक पर्यटकोंं के लिए बंद कर दिया गया है.

कोरोना के चलते 31 मार्च तक चित्तौड़ दुर्ग पर प्रवेश बंद

मंगलवार को जो भी पर्यटक दुर्ग पर चढ़े उन्हें बिना किसी भ्रमण के रवाना कर दिया गया. इसके लिए जगह-जगह बेरिकेडस भी लगाए गए हैं. केन्द्र सरकार से मिले निर्देशों के बाद पर्यटकों और श्रद्धालुओं के लिए दुर्ग बंद करने का निर्णय किया गया है. इससे दुर्ग के एतिहासिक भवनों पर सन्नाटा पसरा हुआ है. वहीं, पहले ही दिन बड़ी संख्या में देश के विभिन्न कोनों से आए पर्यटकों को भारी परेशानी हुई है.

जानकारी के अनुसार देश में कोरोना वायरस नहीं फैले इसके तहत कई प्रयास किए जा रहे हैं. इसी के तहत स्कूलों और कॉलेजों में अवकाश घोषित कर दिए तो कई धार्मिक स्थलों पर भी दर्शन बंद हो गए हैं. वहीं अब केन्द्र सरकार के निर्देश के बाद चित्तौड़ दुर्ग के पुरातत्व महत्व के पर्यटनस्थलों पर प्रवेश बंद किया गया है. निर्देश मिलने के साथ ही चित्तौड़ दुर्ग के स्थानीय अधिकारी और कर्मचारी हरकत में आए और तत्काल कदम उठाते हुए दुर्ग पर पर्यटकोंं का प्रवेश रोक दिया गया है. जगह-जगह बेरिकेड्स लगाए हैं. साथ ही एतिहासिक भवनों के बाहर भी 31 मार्च तक दुर्ग बंद रखने के निर्देश जारी किए है.

पढ़ेंः टूरिज्म पर कोरोना अटैक : जयपुर के आमेर महल में नहीं पहुंच रहे सैलानी, पर्यटन विभाग को करोड़ों का नुकसान

चित्तौड़ दुर्ग पर कुंभामहल, पद्मिनी महल, मीरा मंदिर, फतहप्रकाश संग्राहलय आदि स्थानों पर सन्नाटे की स्थित पसर चुकी है. वहीं, चित्तौड़ एएसआई ने आदेश मिलते ही दुर्ग पर व्यू पॉइंट के यहां बेरिकेट्स लगाने के साथ ही सिक्यूरिटी गार्ड भी तैनात किए हैं, जो सभी को पुन: नीचे लौटा रहे हैं. कई लोग दुर्ग के धार्मिकस्थलों के दर्शनार्थ भी आ रहे हैं, जिन्हें भी लौटाया जा रहा है. अचानक किए इस निर्णय के कारण चित्तौड़ दुर्ग पर दर्शन के लिए आने वाले पर्यटकों को परेशानी उठा पड़ी है.

लोग सैंकड़ों किलोमीटर दूर से यहां दुर्ग भ्रमण के लिए आ रहे थे, लेकिन उनकी इच्छा ही अधूरी रह गई. इस बारे में उन्हें पहले सूचना नहीं दी गई, जिससे वे यहां आ गए. साथ ही दुर्ग पर पर्यटकों का 31 मार्च तक प्रवेश बंद होने के निर्णय से पर्यटक व्यवसाय पर खासा असर पड़ेगा. पहले ही पर्यटकोंं की संख्या में कोरोना वायरस के चलते कमी आ रही थी. वहीं अब दुर्ग पर पर्यटकों के प्रवेश पर रोक का आदेश लगने से अगले करीब 16 दिन तक किसी का व्यवसाय नहीं होगा.

चितौड़गढ़. कोराना वायरस जैसी गंभीर बीमारी के चलते पहले ही पर्यटन व्यवसाय की कम टूट गई थी. वहीं अब केन्द्र सरकार के निर्देश के बाद विश्व विख्यात चित्तौड़ दुर्ग भी 31 मार्च तक पर्यटकोंं के लिए बंद कर दिया गया है.

कोरोना के चलते 31 मार्च तक चित्तौड़ दुर्ग पर प्रवेश बंद

मंगलवार को जो भी पर्यटक दुर्ग पर चढ़े उन्हें बिना किसी भ्रमण के रवाना कर दिया गया. इसके लिए जगह-जगह बेरिकेडस भी लगाए गए हैं. केन्द्र सरकार से मिले निर्देशों के बाद पर्यटकों और श्रद्धालुओं के लिए दुर्ग बंद करने का निर्णय किया गया है. इससे दुर्ग के एतिहासिक भवनों पर सन्नाटा पसरा हुआ है. वहीं, पहले ही दिन बड़ी संख्या में देश के विभिन्न कोनों से आए पर्यटकों को भारी परेशानी हुई है.

जानकारी के अनुसार देश में कोरोना वायरस नहीं फैले इसके तहत कई प्रयास किए जा रहे हैं. इसी के तहत स्कूलों और कॉलेजों में अवकाश घोषित कर दिए तो कई धार्मिक स्थलों पर भी दर्शन बंद हो गए हैं. वहीं अब केन्द्र सरकार के निर्देश के बाद चित्तौड़ दुर्ग के पुरातत्व महत्व के पर्यटनस्थलों पर प्रवेश बंद किया गया है. निर्देश मिलने के साथ ही चित्तौड़ दुर्ग के स्थानीय अधिकारी और कर्मचारी हरकत में आए और तत्काल कदम उठाते हुए दुर्ग पर पर्यटकोंं का प्रवेश रोक दिया गया है. जगह-जगह बेरिकेड्स लगाए हैं. साथ ही एतिहासिक भवनों के बाहर भी 31 मार्च तक दुर्ग बंद रखने के निर्देश जारी किए है.

पढ़ेंः टूरिज्म पर कोरोना अटैक : जयपुर के आमेर महल में नहीं पहुंच रहे सैलानी, पर्यटन विभाग को करोड़ों का नुकसान

चित्तौड़ दुर्ग पर कुंभामहल, पद्मिनी महल, मीरा मंदिर, फतहप्रकाश संग्राहलय आदि स्थानों पर सन्नाटे की स्थित पसर चुकी है. वहीं, चित्तौड़ एएसआई ने आदेश मिलते ही दुर्ग पर व्यू पॉइंट के यहां बेरिकेट्स लगाने के साथ ही सिक्यूरिटी गार्ड भी तैनात किए हैं, जो सभी को पुन: नीचे लौटा रहे हैं. कई लोग दुर्ग के धार्मिकस्थलों के दर्शनार्थ भी आ रहे हैं, जिन्हें भी लौटाया जा रहा है. अचानक किए इस निर्णय के कारण चित्तौड़ दुर्ग पर दर्शन के लिए आने वाले पर्यटकों को परेशानी उठा पड़ी है.

लोग सैंकड़ों किलोमीटर दूर से यहां दुर्ग भ्रमण के लिए आ रहे थे, लेकिन उनकी इच्छा ही अधूरी रह गई. इस बारे में उन्हें पहले सूचना नहीं दी गई, जिससे वे यहां आ गए. साथ ही दुर्ग पर पर्यटकों का 31 मार्च तक प्रवेश बंद होने के निर्णय से पर्यटक व्यवसाय पर खासा असर पड़ेगा. पहले ही पर्यटकोंं की संख्या में कोरोना वायरस के चलते कमी आ रही थी. वहीं अब दुर्ग पर पर्यटकों के प्रवेश पर रोक का आदेश लगने से अगले करीब 16 दिन तक किसी का व्यवसाय नहीं होगा.

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