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बाजार जाते वक्त झोला लेकर जाओ, प्लास्टिक खुद-ब-खुद खत्म हो जाएगा

विश्व उपभोक्ता दिवस पर सोमवार को टैकलिंग प्लास्टिक प्रदूषण विषयक जिला स्तरीय विचार गोष्ठी आयोजित की गई. इस दौरान वक्ताओं ने खरीदारी के वक्त बरती जाने वाली सतर्कता के साथ साथ प्लास्टिक मुक्ति के लिए अपनाए जाने वाले विकल्पों के बारे में बताया. इसके लिए सबसे कारगर तरीका फिर से बाजार जाते वक्त झोला पद्धति को बताया गया.

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विश्व उपभोक्ता दिवस पर आयोजित हुई जिला स्तरीय विचार गोष्ठी
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Published : Mar 15, 2021, 6:31 PM IST

चित्तौड़गढ़. विश्व उपभोक्ता दिवस पर उदयपुर रोड सेंती स्थित कट्स मानव विकास केंद्र परिसर में टैकलिंग प्लास्टिक प्रदूषण विषयक जिला स्तरीय विचार गोष्ठी आयोजित की गई. इस दौरान वक्ताओं ने खरीदारी के वक्त बरती जाने वाली सतर्कता के साथ साथ प्लास्टिक मुक्ति के लिए अपनाए जाने वाले विकल्पों के बारे में बताया. इसके लिए सबसे कारगर तरीका फिर से बाजार जाते वक्त झोला पद्धति को बताया गया. अधिकारियों के साथ साथ आमजन ने भी इस बारे में अपने सुझाव रखे.

विश्व उपभोक्ता दिवस पर आयोजित हुई जिला स्तरीय विचार गोष्ठी

कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के अध्यक्ष प्रभु लाल आमेटा ने की. हरियाणा के पूर्व मुख्य अभियंता भगवत सिंह तवर, प्रवर्तन निरीक्षक हितेश जोशी, सुमन तिवारी, प्रतितोष आयोग के सदस्य अरविंद भट्ट अन्य भी मौजूद थे.

इस मौके पर प्रतितोष आयोग के अध्यक्ष आमेटा ने कहा कि सबसे पहले उपभोक्ताओं को अपने अधिकार के बारे में जानना जरूरी है तभी वो न्याय हासिल कर सकता है. उन्होंने कम पैसों के चक्कर में बिल नहीं लेने की प्रवृत्ति का उल्लेख करते हुए बताया कि उपभोक्ता के साथ यहीं से चीटिंग शुरू होती है. बिल होने की स्थिति में उपभोक्ता न्यायालय की शरण ले सकता है.

उन्होंने प्लास्टिक प्रदूषण पर कहा कि हमें फिर से पुरानी पद्धति पर आना होगा जिसमें हमारे परिवार के लोग झोला लेकर बाजार जाते थे और अपनी आवश्यकता का सामान ले आते थे. आमेटा ने साल भर की जरूरत वाली चीजों को एक साथ खरीदने पर भी बल दिया. प्रवर्तन निरीक्षक जोशी ने प्लास्टिक के बढ़ते उपयोग के लिए उपभोक्तावाद को जिम्मेदार बताते हुए कहा कि आज हर चीज उपभोक्ता नहीं बल्कि बाजार तय करता है.

पढ़ें- चित्तौड़गढ़: किसानों के अरमानों पर मौसम ने फेरा पानी, तेज हवा और बढ़ते तापमान ने समय से पहले फसलों को सूखाया

आज किसी भी वस्तु की खरीद-फरोख्त उपभोक्ता नहीं बल्कि बाजार तय करते हैं. आवश्यकता की हर वस्तु प्लास्टिक में छोटे-छोटे पैक में उपलब्ध करवाई जा रही है. इसी कारण प्लास्टिक का उपयोग ना चाहते हुए भी लगातार बढ़ रहा है. सुमन तिवारी ने लोगों के सुझाव को बेहतर बताते हुए कहा कि प्लास्टिक के उपयोग की रोकथाम के लिए हमें आगे आना होगा.

डॉ. तवर ने कहा कि जब तक हम अपने शरीर को चपरासी नहीं समझेंगे तब तक अपनी आवश्यकताओं को कम नहीं कर सकते. आयोग के सदस्य भट्ट और श्रम विभाग के अधिकारी मदन ओजस्वी ने भी विचार रखें. प्रारंभ में कट्स के समन्वयक गौहर महमूद ने अतिथियों और आगंतुकों का स्वागत किया.

चित्तौड़गढ़. विश्व उपभोक्ता दिवस पर उदयपुर रोड सेंती स्थित कट्स मानव विकास केंद्र परिसर में टैकलिंग प्लास्टिक प्रदूषण विषयक जिला स्तरीय विचार गोष्ठी आयोजित की गई. इस दौरान वक्ताओं ने खरीदारी के वक्त बरती जाने वाली सतर्कता के साथ साथ प्लास्टिक मुक्ति के लिए अपनाए जाने वाले विकल्पों के बारे में बताया. इसके लिए सबसे कारगर तरीका फिर से बाजार जाते वक्त झोला पद्धति को बताया गया. अधिकारियों के साथ साथ आमजन ने भी इस बारे में अपने सुझाव रखे.

विश्व उपभोक्ता दिवस पर आयोजित हुई जिला स्तरीय विचार गोष्ठी

कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के अध्यक्ष प्रभु लाल आमेटा ने की. हरियाणा के पूर्व मुख्य अभियंता भगवत सिंह तवर, प्रवर्तन निरीक्षक हितेश जोशी, सुमन तिवारी, प्रतितोष आयोग के सदस्य अरविंद भट्ट अन्य भी मौजूद थे.

इस मौके पर प्रतितोष आयोग के अध्यक्ष आमेटा ने कहा कि सबसे पहले उपभोक्ताओं को अपने अधिकार के बारे में जानना जरूरी है तभी वो न्याय हासिल कर सकता है. उन्होंने कम पैसों के चक्कर में बिल नहीं लेने की प्रवृत्ति का उल्लेख करते हुए बताया कि उपभोक्ता के साथ यहीं से चीटिंग शुरू होती है. बिल होने की स्थिति में उपभोक्ता न्यायालय की शरण ले सकता है.

उन्होंने प्लास्टिक प्रदूषण पर कहा कि हमें फिर से पुरानी पद्धति पर आना होगा जिसमें हमारे परिवार के लोग झोला लेकर बाजार जाते थे और अपनी आवश्यकता का सामान ले आते थे. आमेटा ने साल भर की जरूरत वाली चीजों को एक साथ खरीदने पर भी बल दिया. प्रवर्तन निरीक्षक जोशी ने प्लास्टिक के बढ़ते उपयोग के लिए उपभोक्तावाद को जिम्मेदार बताते हुए कहा कि आज हर चीज उपभोक्ता नहीं बल्कि बाजार तय करता है.

पढ़ें- चित्तौड़गढ़: किसानों के अरमानों पर मौसम ने फेरा पानी, तेज हवा और बढ़ते तापमान ने समय से पहले फसलों को सूखाया

आज किसी भी वस्तु की खरीद-फरोख्त उपभोक्ता नहीं बल्कि बाजार तय करते हैं. आवश्यकता की हर वस्तु प्लास्टिक में छोटे-छोटे पैक में उपलब्ध करवाई जा रही है. इसी कारण प्लास्टिक का उपयोग ना चाहते हुए भी लगातार बढ़ रहा है. सुमन तिवारी ने लोगों के सुझाव को बेहतर बताते हुए कहा कि प्लास्टिक के उपयोग की रोकथाम के लिए हमें आगे आना होगा.

डॉ. तवर ने कहा कि जब तक हम अपने शरीर को चपरासी नहीं समझेंगे तब तक अपनी आवश्यकताओं को कम नहीं कर सकते. आयोग के सदस्य भट्ट और श्रम विभाग के अधिकारी मदन ओजस्वी ने भी विचार रखें. प्रारंभ में कट्स के समन्वयक गौहर महमूद ने अतिथियों और आगंतुकों का स्वागत किया.

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