चित्तौड़गढ़. जिले के कपासन थाना क्षेत्र में 1 मई को कुएं में हलवाई की लाश मिली थी. वह हादसा नहीं बल्कि हत्या थी. पुलिस ने घटना का खुलासा किया है. पुलिस ने मृतक की बेटी और उसके प्रेमी को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने बताया कि उसने अपने प्रेमी के जरिए पिता को मौत के घाट उतरवा दिया और लाश कुएं में फेंकवा दी.
हत्या का मुख्य कारण यह था कि पिता अपनी बेटी का नाता विवाह करवाना चाहता था जबकि वह गांव के ही अधेड़ उम्र के प्रेमी के साथ रहना चाहती थी. जब नाता विवाह का कर कार्यक्रम फिक्स हो गया तो उसने पिता को मौत के घाट उतारना ही बेहतर समझा और प्रेमी के संग मिलकर अपने पिता की हत्या की साजिश रच डाली. जिला पुलिस अधीक्षक राजन दुष्यंत ने बताया कि 1 मई को रोलिया गांव के एक कुएं में कोलपुरा गांव के 60 वर्षीय गमेर पुत्र मेघा गाडरी की गुमशुदगी की रिपोर्ट पुलिस थाने में दी गई धी. तलाशी के दौरान रोलिया गांव की एक कुएं में अज्ञात व्यक्ति की लाश पड़ी होने की सूचना मिली. उसकी शिनाख्त गमेर के रूप में की गई . मृतक के भतीजे उदय लाल ने हत्या की आशंका जताते हुए रिपोर्ट पेश की.
थाना प्रभारी पुलिस निरीक्षक गजेंद्र सिंह ने मामले की जांच की. पुलिस की जांच में मृतक की पुत्री 27 वर्षीय सुशीला उर्फ सुष्या और उसके प्रेमी गांव के ही 49 वर्षीय बाबूलाल पुत्र भेरा तेली की संलिप्तता सामने आई. पुलिस ने बताया कि दोनों को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई तो सामने आया कि सुशीला के बाबूलाल से कई वर्षों से अवैध संबंध है. पिता गमेर उस का नाता विवाह करना चाहते थे और 3 मई का कार्यक्रम तय कर दिया गया. जबकि सुशीला उसके खिलाफ थी. ऐसे में दोनों ने खौफनाक साजिश रची.
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पुलिस ने बताया कि योजना के अनुसार किसी कार्यक्रम का खाना बनाने के नाम पर उसके पिता को कुएं की तरफ भेजा, जहां बाबूलाल उसे बाइक पर बैठा कर जैतपुरा के कच्चे रास्ते पर ले गया और कुएं के पास उसे बागक से नीचे गिरा दिया. साथ ही गला दबाकर उसकी हत्या कर दी और लाश कुएं में डाल दी. बाद में इसकी सूचना मोबाइल के जरिए सुशीला को भी दी और अपने घर चला गया. चार पांच दिन बाद बदबू आने पर गांव के लोगों की तरफ से पुलिस को सूचना दी गई और लाश कुएं से बाहर निकाली गई.